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कई महीनों से सहियाओं को नहीं मिल रहा था मानदेय, CS ने दोषी कर्मचारियों पर की कार्रवाई

धनबाद और झरिया में कार्यरत सहियाओं को पिछले 9 महीने से मानदेय नहीं मिल पा रहा है. अपनी इस समस्या को लेकर सहियाएं मासस विधायक अरूप चटर्जी के नेतृत्व में शुक्रवार को सिविल सर्जन कार्यालय पहुंची. सिविल सर्जन से मिलकर सहियाओं अपनी मांग को रखा. मासस विधायक अरूप चटर्जी भी उनके समर्थन में खड़े नजर आए.

जानकारी देते विधायक और सहियाकर्मी
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Published : Jun 21, 2019, 2:48 PM IST

धनबाद: पिछले कई महीनों से मानदेय नहीं मिलने से नाराज सहिया मासस विधायक अरूप चटर्जी के नेतृत्व में शुक्रवार को सिविल सर्जन से मुलाकात की. सिविल सर्जन ने सहियाओं को मानदेय नहीं मिलने के लिए दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की है. सिविल सर्जन की कार्रवाई से सहियाएं संतुष्ट नजर आई.

जानकारी देते विधायक और सहियाकर्मी


धनबाद और झरिया में कार्यरत सहियाओं को पिछले 9 महीने से मानदेय नहीं मिल पा रहा है. अपनी इस समस्या को लेकर सहियाएं मासस विधायक अरूप चटर्जी के नेतृत्व में शुक्रवार को सिविल सर्जन कार्यालय पहुंची. सिविल सर्जन से मिलकर सहियाओं अपनी मांग को रखा. मासस विधायक अरूप चटर्जी भी उनके समर्थन में खड़े नजर आए. सहियाओं ने बताया कि अक्टूबर 2018 से उन्हें मानदेय नहीं मिल पा रहा है. जबकि सहियाओं के मानदेय के लिए 2 हजार की राशि देने का सरकार की ओर से आदेश दिया गया था.


सहियाओं ने कहा कि जब भी वो मानदेय के लिए कार्यालय जाते हैं तो विभागीय कर्मचारी टालमटोल करते हैं. विधायक अरूप चटर्जी ने भी मानदेय नहीं मिलने के लिए विभागीय कर्मचारियों को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा कि फंड रहने के बावजूद भी सहियाओं को मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है. वहीं सिविल सर्जन प्रदीप बास्की ने बताया की जिन कर्मचारियों द्वारा सहियाओं के मानदेय भुगतान में लापरवाही बरती जा रही है. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.


बता दें कि शहरी क्षेत्र घोषित होने के बाद धनबाद और झरिया के करीब ढाई सौ सहिया को कार्य से हटा दिया गया था. मासस विधायक अरूप चटर्जी के नेतृत्व में सहिया सिविल सर्जन से मिली थी, जिसके बाद सहिया को दोबारा कार्य पर रखा गया. करीब 9 महीने से सहिया अपने-अपने क्षेत्र में काम कर रही है, लेकिन उनका मानदेय नहीं मिल पा रहा है.

धनबाद: पिछले कई महीनों से मानदेय नहीं मिलने से नाराज सहिया मासस विधायक अरूप चटर्जी के नेतृत्व में शुक्रवार को सिविल सर्जन से मुलाकात की. सिविल सर्जन ने सहियाओं को मानदेय नहीं मिलने के लिए दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की है. सिविल सर्जन की कार्रवाई से सहियाएं संतुष्ट नजर आई.

जानकारी देते विधायक और सहियाकर्मी


धनबाद और झरिया में कार्यरत सहियाओं को पिछले 9 महीने से मानदेय नहीं मिल पा रहा है. अपनी इस समस्या को लेकर सहियाएं मासस विधायक अरूप चटर्जी के नेतृत्व में शुक्रवार को सिविल सर्जन कार्यालय पहुंची. सिविल सर्जन से मिलकर सहियाओं अपनी मांग को रखा. मासस विधायक अरूप चटर्जी भी उनके समर्थन में खड़े नजर आए. सहियाओं ने बताया कि अक्टूबर 2018 से उन्हें मानदेय नहीं मिल पा रहा है. जबकि सहियाओं के मानदेय के लिए 2 हजार की राशि देने का सरकार की ओर से आदेश दिया गया था.


सहियाओं ने कहा कि जब भी वो मानदेय के लिए कार्यालय जाते हैं तो विभागीय कर्मचारी टालमटोल करते हैं. विधायक अरूप चटर्जी ने भी मानदेय नहीं मिलने के लिए विभागीय कर्मचारियों को दोषी ठहराया है. उन्होंने कहा कि फंड रहने के बावजूद भी सहियाओं को मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है. वहीं सिविल सर्जन प्रदीप बास्की ने बताया की जिन कर्मचारियों द्वारा सहियाओं के मानदेय भुगतान में लापरवाही बरती जा रही है. उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.


बता दें कि शहरी क्षेत्र घोषित होने के बाद धनबाद और झरिया के करीब ढाई सौ सहिया को कार्य से हटा दिया गया था. मासस विधायक अरूप चटर्जी के नेतृत्व में सहिया सिविल सर्जन से मिली थी, जिसके बाद सहिया को दोबारा कार्य पर रखा गया. करीब 9 महीने से सहिया अपने-अपने क्षेत्र में काम कर रही है, लेकिन उनका मानदेय नहीं मिल पा रहा है.

Intro:धनबाद।पिछले कई महीनों से मानदेय नहीं मिलने से नाराज सहिया मासस विधायक अरूप चटर्जी के नेतृत्व में सिविल सर्जन से मुलाकात की। सिविल सर्जन ने सहियाओं को मानदेय नहीं मिलने के लिए दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई की है।सिविल सर्जन की कार्रवाई से सहियाएं संतुष्ट नजर आई।


Body:धनबाद और झरिया में कार्यरत सहियाओं को पिछले 9 माह से मानदेय नहीं मिल पा रहा है।अपनी इस समस्या को लेकर सहियाएँ मासस विधायक अरूप चटर्जी के नेतृत्व में शुक्रवार को सिविल सर्जन कार्यालय पहुंची। सिविल सर्जन से मिलकर सहियाओं अपनी मांग को रखा। मासस विधायक अरूप चटर्जी भी उनके समर्थन में खड़े नजर आए। सहियाओं ने बताया की अक्टूबर 2018 से उन्हें मानदेय नहीं मिल पा रहा है। जबकि सहियाओं के मानदेय के लिए 2 हजार की राशि देने का सरकार की ओर से आदेश दिया गया था। सहियाओं ने कहा कि जब भी हम मानदेय के लिए कार्यालय जाते हैं तो विभागीय कर्मचारी टालमटोल करते हैं।

विधायक अरूप चटर्जी ने भी मानदेय नहीं मिलने के लिए विभागीय कर्मचारियों को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि फंड रहने के बावजूद भी सहियाओं को मानदेय का भुगतान नहीं किया जा रहा है।

वहीं सिविल सर्जन प्रदीप बास्की ने बताया की जिन कर्मचारियों द्वारा सहियाओं के मानदेय भुगतान में लापरवाही बरती जा रही है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।


बता दें कि शहरी क्षेत्र घोषित होने के बाद धनबाद और झरिया के करीब ढाई सौ शहरों को कार्य से हटा दिया गया था मासस विधायक अरूप चटर्जी के नेतृत्व में सही आएं सिविल सर्जन से मिली थी जिसके बाद शहीदों को दोबारा कार्य पर रखा गया करीब 9 महीने से सैया है अपने अपने क्षेत्र में काम कर रही है लेकिन उनका मानदेय नहीं मिल पा रहा है जबकि शहरों के लिए 2000 की प्रोत्साहन राशि सरकार द्वारा दी जा रही है।

साथ ही बता दें जिले के सिविल सर्जन प्रदीप बास्की का स्थानांतरण रांची स्वास्थ विभाग डिप्टी डायरेक्टर के पद पर हो चुका है।धनबाद से जाते जाते उन्होंने यह कार्रवाई की है।


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