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गढ़वाः घूस लेते मुखिया गिरफ्तार, पलामू एसीबी टीम की कार्रवाई

गढ़वा में पलामू एसीबी की टीम ने मुखिया को रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया. मुखिया लाभुकों से उनका काम करने के एवज में पैसे की मांग करता था. जिसे एसीबी की टीम ने कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया.

mukhiya arrested for taking bribe
घूस लेते मुखिया गिरफ्तार
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Published : Sep 15, 2020, 7:03 PM IST

गढ़वाः एसीबी पलामू की टीम ने गढ़वा जिले के केतार प्रखंड के बड़गढ़ पंचायत के मुखिया सुरेंद्र यादव को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. एसीबी की टीम गिरफ्तार मुखिया को अपने साथ मेदिनीनगर ले गयी है. वहां मुखिया को कोर्ट में पेश किया जाएगा, उसके बाद उसे जेल भेज दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें-सांसद संजय सेठ ने संसद में उठाया धर्मांतरण का मुद्दा, कांग्रेस ने कहा- बीजेपी घोल रही सांप्रदायिकता का जहर

बता दें कि सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए संबंधित क्षेत्र के मुखिया को पावर दिया गया है. उनकी सहमति से ही प्रशासनिक कार्रवाई शुरू होती है. मुखिया अपने इस पावर का गलत फायदा उठाने में लगे हैं. वे हर काम के लिए लाभुक से पैसे की मांग करते हैं. कुछ लाभुक इतने गरीब होते हैं कि वे रिश्वत नहीं दे पाते हैं और वे सरकारी लाभ से वंचित हो जाते हैं. रिश्वत के चक्कर में मुखिया गांव के संपन्न लोगों के बीच ही सरकारी योजनाओं का वितरण करते रहते हैं.

बड़गढ़ पंचायत के एक गरीब लाभुक से मुखिया ने रिश्वत मांगी थी. उक्त लाभुक ने एसीबी कार्यालय मेदिनीनगर में शिकायत दर्ज कराई थी. एसीबी ने जांच के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की. लाभुक ने मुखिया जी को फोन कर रिश्वत की राशि देने की पेशकश की. मुखिया ने उस लाभुक को भवनाथपुर पीएनबी बैंक के पास बुलाया. लाभुक ने वहां जाकर मुखिया को 500 रुपये बतौर रिश्वत दिया. एसीबी की टीम इसे देख रही थी. एसीबी टीम ने मुखिया को रंगे हाथों पकड़ लिया और मुखिया को गिरफ्तार कर लिया.

गढ़वाः एसीबी पलामू की टीम ने गढ़वा जिले के केतार प्रखंड के बड़गढ़ पंचायत के मुखिया सुरेंद्र यादव को रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है. एसीबी की टीम गिरफ्तार मुखिया को अपने साथ मेदिनीनगर ले गयी है. वहां मुखिया को कोर्ट में पेश किया जाएगा, उसके बाद उसे जेल भेज दिया जाएगा.

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बता दें कि सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए संबंधित क्षेत्र के मुखिया को पावर दिया गया है. उनकी सहमति से ही प्रशासनिक कार्रवाई शुरू होती है. मुखिया अपने इस पावर का गलत फायदा उठाने में लगे हैं. वे हर काम के लिए लाभुक से पैसे की मांग करते हैं. कुछ लाभुक इतने गरीब होते हैं कि वे रिश्वत नहीं दे पाते हैं और वे सरकारी लाभ से वंचित हो जाते हैं. रिश्वत के चक्कर में मुखिया गांव के संपन्न लोगों के बीच ही सरकारी योजनाओं का वितरण करते रहते हैं.

बड़गढ़ पंचायत के एक गरीब लाभुक से मुखिया ने रिश्वत मांगी थी. उक्त लाभुक ने एसीबी कार्यालय मेदिनीनगर में शिकायत दर्ज कराई थी. एसीबी ने जांच के बाद आगे की कार्रवाई शुरू की. लाभुक ने मुखिया जी को फोन कर रिश्वत की राशि देने की पेशकश की. मुखिया ने उस लाभुक को भवनाथपुर पीएनबी बैंक के पास बुलाया. लाभुक ने वहां जाकर मुखिया को 500 रुपये बतौर रिश्वत दिया. एसीबी की टीम इसे देख रही थी. एसीबी टीम ने मुखिया को रंगे हाथों पकड़ लिया और मुखिया को गिरफ्तार कर लिया.

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