रांची: राजधानी के न्यूयस मॉल में शनिवार को एस्केलेटर में फंसकर एक बच्चे की मौत हो गई. इसके बाद ही राजधानी के तमाम मॉल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े होने लगे हैं. इसी कड़ी में ईटीवी भारत की टीम ने रांची के विभिन्न शॉपिंग मॉल का रियलिटी टेस्ट किया. शनिवार को जहां घटना घटी उस मॉल में तो सुरक्षा व्यवस्था दिखी लेकिन अन्य मॉल में अभी भी इस घटना से सबक नहीं लिया गया है.
इस दर्दनाक हादसे के बाद जिला प्रशासन ने मॉल प्रबंधकों को एक दिशा-निर्देश दिया है. निर्देश में कहा गया है कि मॉल प्रबंधन अपने शॉपिंग मॉल में सुरक्षा व्यवस्था मुकम्मल करें और एस्केलेटर के आगे पीछे भी सुरक्षाकर्मियों को तैनात करें, नहीं तो उन पर कार्रवाई होगी.
इस निर्देश का असर राजधानी के मॉल प्रबंधन कितना अमल कर रहे हैं. इसकी रियलिटी टेस्ट करने ईटीवी भारत की टीम ने रांची के विभिन्न मॉल्स का निरीक्षण किया. साथ ही शनिवार को हुए दुर्घटना से जुड़े मामले का भी हमारे संवाददाता ने मुआयना किया.
न्यूक्लियस मॉल में प्रशासन के निर्देश का पालन तो हो रहा है, लेकिन रांची के अधिकतर मॉल में सुरक्षा व्यवस्था से अभी भी खिलवाड़ हो रही है. इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद भी लोग सीख नहीं रहे हैं और सुरक्षाकर्मियों को सतर्क भी नहीं किया गया है.
एस्केलेटर यानी की स्वचालित सीढ़ियों की स्पीड कम करने की निर्देश भी दिया गया है. लेकिन अभी भी मॉल प्रबंधन उस निर्देश का पालन नहीं कर रहे हैं. अभिभावकों को भी चाहिए कि मॉल्स या फिर जहां भी एस्केलेटर सीढ़ियां लगाई गई हो, उन जगह पर बच्चों को सुरक्षित रखें. कोशिश करें कि बच्चों का हाथ ना छूटे ताकि उन्हें इधर-उधर जाने का मौका न मिले. एस्केलेटर पर चढ़ने और उतरने वक्त सेल्फी लेने का जबरदस्त क्रेज है. इससे भी लोगों को बचना चाहिए.