रांची: भाकपा माओवादियों के रीजनल कमांडर रवींद्र गंझू का दस्ता एनआईए की रडार पर है. 23 नवंबर 2019 को चंदवा में पुलिस बलों पर हमला कर चार पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारने के मामले की जांच एनआईए की ओर से की जा रही है. एनआईए को जांच के क्रम में इस बात की जानकारी मिली है कि पुलिस बलों पर हमले के पीछे रवींद्र गंझू के दस्ते का हाथ था.
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जांच जारी
एनआईए ने अपनी शुरूआती जांच के बाद इस मामले में रवींद्र गंझू की पत्नी ललिता देवी समेत दस्ते के गिरफ्तार माओवादियों का बयान दर्ज करने का फैसला लिया है. लातेहार जिला पुलिस से जांच संबंधी सारे दस्तावेज भी एनआईए ने ले लिया है. एनआईए ने 26 जून को लातेहार के चंदवा थाने में दर्ज कांड संख्या 158/19 दर्ज केस को टेकओवर किया था.
पत्नी की गिरफ्तारी का बदला था हमला
बीते साल जून महीने में लोहरदगा पुलिस ने रवींद्र गंझू की पत्नी ललिता और उसके खास सहयोगी फुलेश्वर की गिरफ्तारी की थी. पत्नी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस से बदले की नियत से रवींद्र गंझू ने हमले की साजिश रची थी. 23 नवंबर 2019 को विधानसभा चुनाव के पहले चरण के पूर्व चंदवा में पेट्रोलिंग वाहन पर हमले के लिए रवींद्र ने दस्ता सदस्यों के सहयोग से रेकी की. इसके बाद मोटरसाइकिल दस्ते के जरिए वारदात को अंजाम दिया.
गृहमंत्री और भाजपा अध्यक्ष का हुआ था दौरा
जिस दिन भाकपा माओवादियों ने वारदात को अंजाम दिया, उसी दिन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की सभा लातेहार में हुई थी. घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर तब जेपी नड्डा ने सभा को संबोधित भी किया था. घटना के दिन लातेहार से रांची के बीच वीवीआईपी मूवमेंट भी अधिक थी, ऐसे में सड़क किनारे पुलिस बलों पर हमले की योजना माओवादियों ने रची थी.