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माटी कला बोर्ड शिल्पकारों और कुम्हारों को देगा नया बाजार, 7 जिलों में खोले जाएंगे ट्रेनिंग सेंटर

जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन प्रेक्षागृह में झारखंड सरकार की माटी कला बोर्ड द्वारा कार्यशाला और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें पूरे कोल्हान प्रमंडल से आए 700 मिट्टी के शिल्पकारों और कुम्हारों ने सरकार की माटी कला बोर्ड की नीति से अवगत हुए और नई तकनीक से रूबरू हुए.

माटी कला बोर्ड द्वारा कार्यशाला और प्रदर्शनी का आयोजन
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Published : Mar 6, 2019, 2:16 PM IST

जमशेदपुर: झारखंड सरकार की माटी कला बोर्ड से मिट्टी के शिल्पकारों को नया बाजार मिलेगा, जिसके लिए तैयारी कर ली गई है. बोर्ड के चेयरमैन ने बताया है कि झारखंड के सात जिला में शिल्पकारों और कुम्हारों के ट्रेनिंग के लिए सेंटर खोला जाएगा.


जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन प्रेक्षागृह में झारखंड सरकार की माटी कला बोर्ड द्वारा कार्यशाला और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें पूरे कोल्हान प्रमंडल से आए 700 मिट्टी के शिल्पकारों और कुम्हारों ने सरकार की माटी कला बोर्ड की नीति से अवगत हुए और नई तकनीक से रूबरू हुए.


बता दें कि झारखंड में आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में 6,000 की संख्या में कुम्हार हैं. जिनमें कुछ मिट्टी के शिल्पकार भी है. आधुनिकता की दौड़ में घटती मांग के कारण मिट्टी के सामानों का बाजार बंद होता गया और कुम्हार अपनी पुरानी कार्यशैली से दूर होकर मजदूरी करने को विवश हैं. जिसे देखते हुए झारखंड सरकार ने माटी कला बोर्ड की स्थापना की है और यह बोर्ड कुम्हारों को आधुनिक तकनीक से रूबरू करा कर, उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराएगी.

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माटी कला बोर्ड के चेयरमैन चंद्र प्रसाद ने बताया है कि गुजरात से मिट्टी के बेहतरीन शिल्पकार को झारखंड में ट्रेनिंग देने के लिए बुलाया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य के साथ जिला में ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत की जा रही है. जिनमें रांची के बुंडू में सेंटर की शुरुआत कर दी गई है. जबकि साहिबगंज, पलामू, गोड्डा, हजारीबाग और बोकारो में 31 मार्च तक सेंटर की शुरुआत कर दी जाएगी.


उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान सरकार 90% अनुदान देकर बिजली के 4 और अन्य मशीन कुम्हारों को उपलब्ध कराएंगे और हर ब्लॉक में यह ट्रेनिंग दिया जाएगा. मिट्टी के बर्तन और अन्य सामान को एक बड़े बाजार में लाने की योजना है. हमारी कोशिश है कि प्लास्टिक और धातु से हो रही बीमारी से आम जनता दूर हो सके और इसके लिए मिट्टी के बर्तन जो स्वास्थ्यवर्धक है, उसका इस्तेमाल हो. उन्होंने बताया कि मिट्टी के बर्तन में ऑर्गेनिक पेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसे हम आम बर्तनों के तर्ज पर सफाई भी कर सकते हैं.

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माटी कला बोर्ड द्वारा कार्यशाला और प्रदर्शनी का आयोजन


वहीं, प्रदर्शनी में अत्याधुनिक मशीनों से बनाई गई मिट्टी के खूबसूरत बर्तन और कई कलाकृतियों को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी. कुम्हारों का कहना है कि माटी कला बोर्ड की यह पहल काफी सराहनीय है. इससे कुम्हारों को अपनी पुरानी कला को नया रूप मिलेगा और रोजगार भी.


बहरहाल, मिट्टी से बने बर्तन के अलावा सजावट के सामान और महिलाओं के गहने आकर्षण का केंद्र बना रहा. जिनमे मिट्टी का प्रेशर कुकर और तवा आधुनिक तकनीक को चुनौती दे रहा है.

जमशेदपुर: झारखंड सरकार की माटी कला बोर्ड से मिट्टी के शिल्पकारों को नया बाजार मिलेगा, जिसके लिए तैयारी कर ली गई है. बोर्ड के चेयरमैन ने बताया है कि झारखंड के सात जिला में शिल्पकारों और कुम्हारों के ट्रेनिंग के लिए सेंटर खोला जाएगा.


जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन प्रेक्षागृह में झारखंड सरकार की माटी कला बोर्ड द्वारा कार्यशाला और प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें पूरे कोल्हान प्रमंडल से आए 700 मिट्टी के शिल्पकारों और कुम्हारों ने सरकार की माटी कला बोर्ड की नीति से अवगत हुए और नई तकनीक से रूबरू हुए.


बता दें कि झारखंड में आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में 6,000 की संख्या में कुम्हार हैं. जिनमें कुछ मिट्टी के शिल्पकार भी है. आधुनिकता की दौड़ में घटती मांग के कारण मिट्टी के सामानों का बाजार बंद होता गया और कुम्हार अपनी पुरानी कार्यशैली से दूर होकर मजदूरी करने को विवश हैं. जिसे देखते हुए झारखंड सरकार ने माटी कला बोर्ड की स्थापना की है और यह बोर्ड कुम्हारों को आधुनिक तकनीक से रूबरू करा कर, उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराएगी.

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माटी कला बोर्ड के चेयरमैन चंद्र प्रसाद ने बताया है कि गुजरात से मिट्टी के बेहतरीन शिल्पकार को झारखंड में ट्रेनिंग देने के लिए बुलाया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य के साथ जिला में ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत की जा रही है. जिनमें रांची के बुंडू में सेंटर की शुरुआत कर दी गई है. जबकि साहिबगंज, पलामू, गोड्डा, हजारीबाग और बोकारो में 31 मार्च तक सेंटर की शुरुआत कर दी जाएगी.


उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान सरकार 90% अनुदान देकर बिजली के 4 और अन्य मशीन कुम्हारों को उपलब्ध कराएंगे और हर ब्लॉक में यह ट्रेनिंग दिया जाएगा. मिट्टी के बर्तन और अन्य सामान को एक बड़े बाजार में लाने की योजना है. हमारी कोशिश है कि प्लास्टिक और धातु से हो रही बीमारी से आम जनता दूर हो सके और इसके लिए मिट्टी के बर्तन जो स्वास्थ्यवर्धक है, उसका इस्तेमाल हो. उन्होंने बताया कि मिट्टी के बर्तन में ऑर्गेनिक पेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है. जिसे हम आम बर्तनों के तर्ज पर सफाई भी कर सकते हैं.

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माटी कला बोर्ड द्वारा कार्यशाला और प्रदर्शनी का आयोजन


वहीं, प्रदर्शनी में अत्याधुनिक मशीनों से बनाई गई मिट्टी के खूबसूरत बर्तन और कई कलाकृतियों को देखने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी. कुम्हारों का कहना है कि माटी कला बोर्ड की यह पहल काफी सराहनीय है. इससे कुम्हारों को अपनी पुरानी कला को नया रूप मिलेगा और रोजगार भी.


बहरहाल, मिट्टी से बने बर्तन के अलावा सजावट के सामान और महिलाओं के गहने आकर्षण का केंद्र बना रहा. जिनमे मिट्टी का प्रेशर कुकर और तवा आधुनिक तकनीक को चुनौती दे रहा है.

Intro:JAMSHEDPUR
JITENDRA KUMAR
9431301511

जमशेदपुर।

झारखंड सरकार की माटी कलाबोर्ड से मिट्टी के शिल्पकारों को मिलेगा नया बाज़ार जिसके लिए तैयारी कर ली गई है ।बोर्ड़ के चेयरमैन ने बताया है की झारखंड के सात ज़िला में शिल्पकारों को ट्रेनिंग के लिए सेंटर खोला जाएगा।


Body:जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन प्रेक्षागृह में झारखंड सरकार की माटी कला बोर्ड द्वारा आयोजित कार्यशाला एवं प्रदर्शनी पूरे कोल्हान प्रमंडल से आए 700 मिट्टी के शिल्पकार और कुम्हारों ने सरकार की माटी कला बोर्ड की नीति से अवगत हुए और नई तकनीक से रूबरू हुए ।
आपको बता दें कि झारखंड में आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में 6000 की संख्या में कुम्हार है जिनमें कुछ मिट्टी के शिल्पकार भी है आधुनिकता की दौड़ में घटती मांग के कारण मिट्टी के सामानों का बाजार बंद होता गया और कुमार अपनी पुरानी कार्यशैली से दूर होकर मजदूरी करने को विवश है जिसे देखते हुए झारखंड सरकार ने माटी कला बोर्ड की स्थापना की है और यह बोर्ड कुम्हारों को आधुनिक तकनीक से रूबरू करा कर उन्हें बाजार भी उपलब्ध कराएगी ।
माटी कला बोर्ड के चेयरमैन श्री चंद्र प्रसाद ने बताया है कि गुजरात से मिट्टी के बेहतरीन शिल्पकार ओं को झारखंड में ट्रेनिंग देने के लिए बुलाया गया है उन्होंने बताया कि राज्य के साथ जिला में ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत की जा रही है जिनमें रांची के बुंडू में सेंटर की शुरुआत कर दी गई है जबकि बोकारो साहिबगंज पलामू गोड्डा हजारीबाग और जमशेदपुर में 31 मार्च तक सेंटर की शुरुआत कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान सरकार 90% अनुदान देकर बिजली के 4 और अन्य मशीन को मारो को उपलब्ध कराएंगे और हर ब्लॉक में यह ट्रेनिंग दिया जाएगा मिट्टी के बर्तन और अन्य सामान को एक बड़ा बाजार में लाने की योजना में सरकार दृढ़ संकल्प है हमारी कोशिश है कि प्लास्टिक और धातु से हो रही बीमारी से आम जनता दूर हो सके और इसके लिए मिट्टी के बर्तन जो स्वास्थ्यवर्धक है उसका इस्तेमाल हो उन्होंने बताया कि मिट्टी के बर्तन में ऑर्गेनिक पेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसे हम आम बर्तनों के तर्ज पर सफाई भी कर सकते हैं।
बाईट श्रीचंद्र प्रसाद चेयरमैन माटीकला बोर्ड
वहीं प्रदर्शनी में अत्याधुनिक मशीनों से बनाई गई मिट्टी के खूबसूरत बर्तन और कई कलाकृतियों को देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी थी मिट्टी के बर्तन बनाने वाले कुम्हार भी नई तकनीक से बनाए गए बर्तनों को देखकर आश्चर्यचकित थे कुम्हारो का कहना है कि माटी कला बोर्ड की यह पहल काफी सराहनीय है इससे कुम्हारों को अपनी पुरानी कला को नया रूप मिलेगा और रोजगार भी
बाईट मिलन कुम्हार।



Conclusion:बहरहाल मिट्टी से बने बर्तन के अलावा सजावट के सामान और महिलाओं के गहने आकर्षण का केंद्र बना रहा जिनमे मिट्टी का प्रेशर कुकर और तवा आधुनिक तकनीक को चुनौती दे रहा है ।
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