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किसान विरोधी अध्यादेश के खिलाफ CPI का प्रतिवाद मार्च, कहा- सरकार मंडियों को करना चाहती है समाप्त

बोकारो में भाकपा माले ने मोदी सरकार के लाए गए किसान विरोधी अध्यादेश के खिलाफ किसान संगठनों के भारत बंद के समर्थन में प्रतिवाद मार्च निकाला. इस दौरान प्रखंड सचिव सुरेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र कि मोदी सरकार अब खेती-बाड़ी को भी पूंजीपतियों के हाथों में बेच रही है. संसद में मोदी सरकार जो अध्यादेश लायी है वह बिलकुल किसान विरोधी है.

CPI protest march in support of Bharat Bandh by farmer organizations in bokaro
विरोध मार्च
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Published : Sep 25, 2020, 3:36 PM IST

बोकारो: भाकपा माले गोमिया प्रखंड कमेटी के नेतृत्व में साड़म, लाल बांध के पास मोदी सरकार के किसान विरोधी अध्यादेश लाने के खिलाफ किसान संगठनों के आहूत भारत बंद के समर्थन में माले ने प्रतिवाद मार्च निकाला. यहां प्रखंड सचिव सुरेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र कि मोदी सरकार अब खेती-बाड़ी को भी पूंजीपतियों के हाथों में बेच रही है. संसद में मोदी सरकार जो अध्यादेश लायी है वह बिलकुल किसान विरोधी है. मोदी सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए देशभर की कृषि मंडियों को समाप्त करना चाहती है.

ये भी पढ़ें-दुकान के गोदाम में लगी भीषण आग, मौके पर 5 दमकल की गाड़ी मौजूद

कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी को समाप्त कर किसानों को मिलने वाले एक करोड़ रुपये को बचाना चाहती है. इसके साथ ही भाजपा कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के तहत किसानों को जमींदारी प्रथा की ओर ले जा रही है. हरित क्रांति को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार तीन नए काले कानून लाई है. जिसका का विरोध देशभर के किसान कर रहे हैं. केंद्र सरकार की ओर से कृषि से संबंधित जिन तीन बिल को संसदीय परंपरा को दरकिनार कर संसद में जबरन पारित कराया गया है. उससे देश की 40 लाख मंडिया समाप्त हो जाएंगी. इसका खामियाजा गरीब किसानों को ही उठाना पडे़गा. आज यही कारण है कि देश के सभी किसानों ने भारतबंद का आह्वान किया है. मोदी सरकार अविलंब किसान विरोधी अध्यादेश वापस ले नहीं तो देश के किसान संसद का घेराव करेंगे. हमारी पाटी किसानों के आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन करती है.

बोकारो: भाकपा माले गोमिया प्रखंड कमेटी के नेतृत्व में साड़म, लाल बांध के पास मोदी सरकार के किसान विरोधी अध्यादेश लाने के खिलाफ किसान संगठनों के आहूत भारत बंद के समर्थन में माले ने प्रतिवाद मार्च निकाला. यहां प्रखंड सचिव सुरेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र कि मोदी सरकार अब खेती-बाड़ी को भी पूंजीपतियों के हाथों में बेच रही है. संसद में मोदी सरकार जो अध्यादेश लायी है वह बिलकुल किसान विरोधी है. मोदी सरकार अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाने के लिए देशभर की कृषि मंडियों को समाप्त करना चाहती है.

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कृषि उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी को समाप्त कर किसानों को मिलने वाले एक करोड़ रुपये को बचाना चाहती है. इसके साथ ही भाजपा कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के तहत किसानों को जमींदारी प्रथा की ओर ले जा रही है. हरित क्रांति को समाप्त करने के लिए केंद्र सरकार तीन नए काले कानून लाई है. जिसका का विरोध देशभर के किसान कर रहे हैं. केंद्र सरकार की ओर से कृषि से संबंधित जिन तीन बिल को संसदीय परंपरा को दरकिनार कर संसद में जबरन पारित कराया गया है. उससे देश की 40 लाख मंडिया समाप्त हो जाएंगी. इसका खामियाजा गरीब किसानों को ही उठाना पडे़गा. आज यही कारण है कि देश के सभी किसानों ने भारतबंद का आह्वान किया है. मोदी सरकार अविलंब किसान विरोधी अध्यादेश वापस ले नहीं तो देश के किसान संसद का घेराव करेंगे. हमारी पाटी किसानों के आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन करती है.

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