जमशेदपुर: शहर में बाढ़ नियंत्रण को लेकर वृहद पैमाने में तैयारियां शुरू कर दी गई है. इसके तहत गुरुवार को जमशेदपुर के परियोजना भवन मंत्री सरयू राय ने स्वर्णरेखा परियोजना के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर बाढ़ नियंत्रण को लेकर सारी तैयारियों पर गहन विचार-विमर्श किया. इस दौरान तय हुआ कि बाढ़ से बचाव के लिए सबसे जरूरी है शहर की स्वर्णरेखा और खरकाई नदी के तटबंध को मजबूत करना.
नदी के एक छोड़ पर तो मैरिन ड्राईव बन गया, लेकिन नदी के दूसरे किनारे को ऐसे ही छोड़ दिया गया है. जिससे पानी का दवाब नदी के दूसरे किनारे पर पड़ रहा है. दूसरे किनारे पर हर जगह कटाव की स्थिति है. इसे मजबूत कैसे किया जाए उस पर विचार किया गया है. मंत्री सरयू राय ने कहा कि करीब 118 करोड़ की लागत से खरकाई नदी के तट को मजबूत किया जाएगा. वहीं स्वर्णरेखा नदी के तट को मजबूत करने के लिए करीब 124 करोड़ की लागत आएगी. इस पर पूरी तरह तैयारियां कर ली गई है बस विभागीय सचिव के आदेश का इंतजार है.
नदी में जलस्तर के डेंजर जोन को फिर से निर्धारण करने की जरूरत पर भी बल दिया गया. क्योंकि मैरीन ड्राईव की वजह से यह नदियां संकरी सी हो गई है. उसी के अनुसार नदी में जलस्तर के डेंजर जोन को भी फिर से परिभाषित करने का बैठक में निर्णय लिया गया. इस काम को तकनीकी रूप से आगे बढ़ाने के लिए गंगा फ्लड कंट्रोल कमिशन के पटना कार्यालय के समक्ष प्रस्ताव भेजा गया है. इसके साथ ही तटबंध को मजबूत करने और नदी के जलस्तर का डेंजर जोन को तय करने के लिए सेंट्रल वाटर सेंटर का सहयोग लिया जाएगा.
इस बैठक में बरसात के पहले नदियों में तमाम स्लूईस गेटो की मरम्मत करने और मानगो के इटकवेल पर डिफलेक्टर लगाने का भी निर्णय लिया गया. इसके अलावे मानगो और इसके आसपास क्षेत्रों में सस्ता जल उपलब्ध कराने के लिए सरायकेला जिला के सतनाला डैम से पानी लाने पर विचार किया गया. इस क्षेत्र में कैसे अगले 50 से 100 वर्षों तक सस्ता जल उपलब्ध कराए जा सके उस पर भी विचार किया गया.