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CMPDI की उपलब्धियों पर की चर्चा, कोल इंडिया बोली-इसे अलग नहीं किया जाएगा - कोल इंडिया न्यूज

सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लि. ने मंगलवार को CMPDI की उपलब्धियों पर चर्चा की. इस दौरान कोल इंडिया ने कहा कि सीएमपीडीआई कोयला कंपनी का अभिन्न हिस्सा है और इसे अलग नहीं किया जाएगा.

CMPDI is an integral part of Coal India
सीएमपीडीआई कोल इंडिया को लेकर चर्चा
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Published : Sep 23, 2020, 7:30 PM IST

रांची: सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई) कोल इंडिया में मंगलवार को एक कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस दौरान कोल इंडिया के अफसरों ने संस्था की विशेषज्ञता, उपलब्धि और कार्यों पर चर्चा की. साथ ही कहा कि यह कोल इंडिया का अभिन्‍न हिस्‍सा है और इसे अलग नहीं किया जाएगा.

अफसरों ने कहा कि कोल इंडिया की संस्था सीएमपीडीआई के पास भू-संरचनात्मक जटिलताओं के रहते हुए भी खनन परियोजनाओं के संबंध में विस्तृत अनुभव है. सीएमपीडीआई ने हर साल 500 मिलियन टन से अधिक कोयले की अतिरिक्त क्षमता सृजित करने के लिए लगभग 700 परियोजनाओं की योजना बनाई है. इसे भूमिगत खदानों को खुली खदानों में परिवर्तित करने और उबड़-खाबड़ भू-भागों के खनन में महारत हासिल है.

सीएमपीडीआई कोयला उत्पादक इकाइयों के लिए योजना और दिशा निर्देश तैयार करने का कार्य करती है. कंपनी ने वित्तीय साल 2023-24 तक एक बिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्‍त करने की योजना बनाई है. कंपनी की परामर्श इकाई सीएमपीडीआई ने वित्तीय साल 2019-20 में 7.8 बिलियन टन कोयला उत्‍पादन में सहायक सिद्ध हुआ था. कुल 25 भूगर्भीय रिपोर्ट की तैयारी के माध्‍यम से 292 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत खोज के बाद यह संभव हो पाया था.

ये भी पढ़ें-बेरमो उपचुनाव में कांग्रेस से हो सकते हैं अनूप सिंह उम्मीदवार, नाम पर आलाकमान का फैसला होगा अंतिम

कोयला के अतिरिक्‍त सीएमपीडीआईएल कोल इंडिया की पर्यावरण अनुकूल और मशीनकृत तरीके से कोयले के रख रखाव और उसके गंतव्य तक भेजने की ‘फर्स्ट माइल कनेक्टिविटी’ परियोजनाओं में तकनीकी परामर्श में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है.

रांची: सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टीट्यूट (सीएमपीडीआई) कोल इंडिया में मंगलवार को एक कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस दौरान कोल इंडिया के अफसरों ने संस्था की विशेषज्ञता, उपलब्धि और कार्यों पर चर्चा की. साथ ही कहा कि यह कोल इंडिया का अभिन्‍न हिस्‍सा है और इसे अलग नहीं किया जाएगा.

अफसरों ने कहा कि कोल इंडिया की संस्था सीएमपीडीआई के पास भू-संरचनात्मक जटिलताओं के रहते हुए भी खनन परियोजनाओं के संबंध में विस्तृत अनुभव है. सीएमपीडीआई ने हर साल 500 मिलियन टन से अधिक कोयले की अतिरिक्त क्षमता सृजित करने के लिए लगभग 700 परियोजनाओं की योजना बनाई है. इसे भूमिगत खदानों को खुली खदानों में परिवर्तित करने और उबड़-खाबड़ भू-भागों के खनन में महारत हासिल है.

सीएमपीडीआई कोयला उत्पादक इकाइयों के लिए योजना और दिशा निर्देश तैयार करने का कार्य करती है. कंपनी ने वित्तीय साल 2023-24 तक एक बिलियन टन कोयला उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्‍त करने की योजना बनाई है. कंपनी की परामर्श इकाई सीएमपीडीआई ने वित्तीय साल 2019-20 में 7.8 बिलियन टन कोयला उत्‍पादन में सहायक सिद्ध हुआ था. कुल 25 भूगर्भीय रिपोर्ट की तैयारी के माध्‍यम से 292 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तृत खोज के बाद यह संभव हो पाया था.

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