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कोडरमा में लू लगने से बिरहोर बच्चे की मौत, 3 साल के शिवम कुमार के परिजन इलाज के लिए भटकते रहे

कोडरमा के फुलवरिया में लू लगने से एक बिरहोर बच्चे की मौत हो गई. तीन साल के शिवम कुमार को लेकर इलाज के लिए परिजन अस्पताल और डॉक्टरों के पास भटकते रहे. बिरहोरों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. इस पूरे मामले पर डीसी भुनेश प्रताप सिंह दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई की बात कही है.

लू लगने से 3 साल के शिवम कुमार की मौत
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Published : May 8, 2019, 5:39 PM IST

कोडरमा: जिले के फुलवरिया में लू लगने से एक और बिरहोर बच्चे की मौत हो गई है. कुछ दिन पहले ही जिले के मरियमपुर में बिरहोर की मौत लू लगने से ही हो गई थी. कोडरमा में सरकारी दावों का पोल खुलता नजर आ रहा है और जिला प्रशासन की लापरवाही साफ झलक रही है.


बिरहोरों ने लगाया प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
इस ममाले में बिरहोरों के जिला प्रशासन पर अनदेखी करने का आरोप लगाया है और कहा कि बिरहोरों तक कोई भी सरकारी योजना पूर्ण रूप से नहीं पहुंच पाती है.


जानिए पूरा मामला
कोडरमा जिला मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर दूर बिरहोर टोला में बुधवार को फिर एक बिरहोर बच्चे की मौत हो गई. मृतक शिवम कुमार की उम्र 3 वर्ष थी. दरअसल शिवम के नाक और मुह से कल से ही खून आ रहा था. जिसके बाद शिवम के परिजन उसे सदर अस्पताल ले के गए, लेकिन सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने खाना-पूर्ति कर बच्चे को निजी क्लीनिक में रेफर कर दिया. जिसके बाद शिवम के परिजन निजी डॉक्टर, सरकारी डॉक्टर और अस्पताल का चक्कर काटते रहे लेकिन शिवम का सही समय पर इलाज नहीं हो सका और उसकी मौत हो गई.

लू लगने से 3 साल के शिवम कुमार की मौत


डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
शिवम के परिजनों ने सदर अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया हैं. मृतक बच्चे के परिजनों की मानें तो अगर समय पर शिवम का इलाज हो जाता तो उसकी जान को बचाई जा सकती थी.


बिरहोर टोला मूलभूत सुविधाओं से वंचित
वहीं, पूरे मामले पर बिरहोर टोला में आंगनबाड़ी चलाने वाली सेविका कहती हैं कि सरकारी योजनाओं का लाभ इन बिरहोरों तक नहीं पहुंच पाता है. अभी तक आजादी के बाद इन बिरहोर बस्तियों तक बिजली नहीं पहुंच पाई है. इन बिरहोरों के पास पीने के पानी के लाले पड़े हैं.

मूलभूत सुविधाओं से वंचित है बिरहोर जनजाति


रोजगार का कोई साधन नहीं
सोमर बिरहोरनी ने बताया कि उनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं हैं. किसी तरह जंगल में डिबरा, अबरक चुन कर बड़ी मुश्किल से अपने और अपने परिवार का गुजर बसर कर पाती है.


दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई
इस पूरे मामले पर जब डीसी भुनेश प्रताप सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला आपके द्वारा संज्ञान में आया है. उन्होंने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिए कि तत्काल मृतक के परिजनों को सरकारी सहायता पहुंचाई जाए. उन्होंने दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई की बात कही.

कोडरमा: जिले के फुलवरिया में लू लगने से एक और बिरहोर बच्चे की मौत हो गई है. कुछ दिन पहले ही जिले के मरियमपुर में बिरहोर की मौत लू लगने से ही हो गई थी. कोडरमा में सरकारी दावों का पोल खुलता नजर आ रहा है और जिला प्रशासन की लापरवाही साफ झलक रही है.


बिरहोरों ने लगाया प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
इस ममाले में बिरहोरों के जिला प्रशासन पर अनदेखी करने का आरोप लगाया है और कहा कि बिरहोरों तक कोई भी सरकारी योजना पूर्ण रूप से नहीं पहुंच पाती है.


जानिए पूरा मामला
कोडरमा जिला मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर दूर बिरहोर टोला में बुधवार को फिर एक बिरहोर बच्चे की मौत हो गई. मृतक शिवम कुमार की उम्र 3 वर्ष थी. दरअसल शिवम के नाक और मुह से कल से ही खून आ रहा था. जिसके बाद शिवम के परिजन उसे सदर अस्पताल ले के गए, लेकिन सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने खाना-पूर्ति कर बच्चे को निजी क्लीनिक में रेफर कर दिया. जिसके बाद शिवम के परिजन निजी डॉक्टर, सरकारी डॉक्टर और अस्पताल का चक्कर काटते रहे लेकिन शिवम का सही समय पर इलाज नहीं हो सका और उसकी मौत हो गई.

लू लगने से 3 साल के शिवम कुमार की मौत


डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
शिवम के परिजनों ने सदर अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया हैं. मृतक बच्चे के परिजनों की मानें तो अगर समय पर शिवम का इलाज हो जाता तो उसकी जान को बचाई जा सकती थी.


बिरहोर टोला मूलभूत सुविधाओं से वंचित
वहीं, पूरे मामले पर बिरहोर टोला में आंगनबाड़ी चलाने वाली सेविका कहती हैं कि सरकारी योजनाओं का लाभ इन बिरहोरों तक नहीं पहुंच पाता है. अभी तक आजादी के बाद इन बिरहोर बस्तियों तक बिजली नहीं पहुंच पाई है. इन बिरहोरों के पास पीने के पानी के लाले पड़े हैं.

मूलभूत सुविधाओं से वंचित है बिरहोर जनजाति


रोजगार का कोई साधन नहीं
सोमर बिरहोरनी ने बताया कि उनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं हैं. किसी तरह जंगल में डिबरा, अबरक चुन कर बड़ी मुश्किल से अपने और अपने परिवार का गुजर बसर कर पाती है.


दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई
इस पूरे मामले पर जब डीसी भुनेश प्रताप सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला आपके द्वारा संज्ञान में आया है. उन्होंने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिए कि तत्काल मृतक के परिजनों को सरकारी सहायता पहुंचाई जाए. उन्होंने दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई की बात कही.

Intro:कोडरमा में एक बार फिर सरकारी दावों की पोल खुलती नजर आ रही हैं ,पहले मरियम पुर में लू लगने से एक बिरहोर की मौत फिर उसके बाद फुलवरिया में लू लगने से एक बिरहोर बच्चे की मौत निश्चित तौर पर सरकारी दावों की पोल खोलता नजर आ रहा हैं ।बिरहोरों के जिला प्रशासन पर अनदेखी करने का आरोप लगाया हैं और कहा कि बिरहोरों तक कोई भी सरकारी योजना पूर्ण रूप से नहीं पहुँच पाती हैं ।


Body:कोडरमा जिला मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर दूर विरहोर टोला में आज फिर एक विरहोर कि मौत हो गयी ,मृतक शिवम कुमार की उम्र 3 वर्ष थी जिसे कल से ही नाक और मुह से ब्लडिंग आ रहा था जिसके बाद शोवम के परिजनों ने उसे सदर अस्पताल पहुँचाया लेकिन सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने खाना-पूर्ति कर विरहोर बच्चे को निजी क्लीनिक में रेफर कर दिया और मरीज विरहोर बच्चे के परिजन निजी डॉक्टर और सरकारी डॉक्टर और अस्पताल का चक्कर काटते रहें लेकिन शिवम का सही समय पर इलाज नहीं हुआ और उसकी मौत हो गयी ,इधर शिवम के परिजनों ने सदर अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया हैं ।मृतक बच्चे की परिजनों की माने तो अगर समय पर शिवम का इलाज हो जाता तो उसकी जान को बचाया जा सकता हैं ।वही पूरे मामले पर विरहोर टोला में आंगनबाड़ी चलाने वाली सेविका कहती हैं कि सरकारी योजनाओं का लाभ इन विरहोरों तक नहीं पहुँच पाता हैं अभी तक आज़ादी के बाद इन विरहोर क्लोनियों तक बिजली नहीं पहुंच पाई हैं इन विरहोरों के पास पीने के पानी के लाले पड़े हैंदूर दराज से चुवे के पानी को से ही इनके हलक की प्यास बुझ पाती हैं । सोमर बिरहोरनी ने बताया कि उनके पास रोजगार के कोई साधन नहीं हैं किसी तरह जंगल में डिबरा अबरक चुन कर बड़ी मुश्किल से अपने और अपने परिवार का गुजर बसर कर पाते हैं ।


Conclusion:गौरतलब है कि इस पूरे मामले पर जब डीसी भुनेश प्रताप सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला आपके द्वारा संज्ञान में आया हैं उन्होंने तुरंत टेलीफोनिक द्वारा अधिकारियों को निर्देश दिए कि तत्काल मृतक विरहोर के परिजनों को सरकारी सहायता पहुचाई जाए ,उन्होंने दोषी डॉक्टरों पर कारवाई की बात कही ,लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये हैं कि आखिर जिला प्रशासन की नीद विरहोरों की मौत के बाद ही क्यू खुलती हैं ।कोडरमा में इससे पहले भी मरियम पुर में लू लगने से एक विरहोर की मौत हो चुकी हैं ।ऐसे में कहा जा सकता हैं कि सरकार आदिम जनजाति बिरहोरों को बचाने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती हैं लेकिन ये सारी सरकारी दावे बिरहोर टोलो तक पहुँचते पहुँचते दम तोड़ती नजर आती हैं
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