कोडरमा: जिले के फुलवरिया में लू लगने से एक और बिरहोर बच्चे की मौत हो गई है. कुछ दिन पहले ही जिले के मरियमपुर में बिरहोर की मौत लू लगने से ही हो गई थी. कोडरमा में सरकारी दावों का पोल खुलता नजर आ रहा है और जिला प्रशासन की लापरवाही साफ झलक रही है.
बिरहोरों ने लगाया प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
इस ममाले में बिरहोरों के जिला प्रशासन पर अनदेखी करने का आरोप लगाया है और कहा कि बिरहोरों तक कोई भी सरकारी योजना पूर्ण रूप से नहीं पहुंच पाती है.
जानिए पूरा मामला
कोडरमा जिला मुख्यालय से महज 2 किलोमीटर दूर बिरहोर टोला में बुधवार को फिर एक बिरहोर बच्चे की मौत हो गई. मृतक शिवम कुमार की उम्र 3 वर्ष थी. दरअसल शिवम के नाक और मुह से कल से ही खून आ रहा था. जिसके बाद शिवम के परिजन उसे सदर अस्पताल ले के गए, लेकिन सदर अस्पताल के डॉक्टरों ने खाना-पूर्ति कर बच्चे को निजी क्लीनिक में रेफर कर दिया. जिसके बाद शिवम के परिजन निजी डॉक्टर, सरकारी डॉक्टर और अस्पताल का चक्कर काटते रहे लेकिन शिवम का सही समय पर इलाज नहीं हो सका और उसकी मौत हो गई.
डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप
शिवम के परिजनों ने सदर अस्पताल के डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया हैं. मृतक बच्चे के परिजनों की मानें तो अगर समय पर शिवम का इलाज हो जाता तो उसकी जान को बचाई जा सकती थी.
बिरहोर टोला मूलभूत सुविधाओं से वंचित
वहीं, पूरे मामले पर बिरहोर टोला में आंगनबाड़ी चलाने वाली सेविका कहती हैं कि सरकारी योजनाओं का लाभ इन बिरहोरों तक नहीं पहुंच पाता है. अभी तक आजादी के बाद इन बिरहोर बस्तियों तक बिजली नहीं पहुंच पाई है. इन बिरहोरों के पास पीने के पानी के लाले पड़े हैं.
रोजगार का कोई साधन नहीं
सोमर बिरहोरनी ने बताया कि उनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं हैं. किसी तरह जंगल में डिबरा, अबरक चुन कर बड़ी मुश्किल से अपने और अपने परिवार का गुजर बसर कर पाती है.
दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई
इस पूरे मामले पर जब डीसी भुनेश प्रताप सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मामला आपके द्वारा संज्ञान में आया है. उन्होंने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिए कि तत्काल मृतक के परिजनों को सरकारी सहायता पहुंचाई जाए. उन्होंने दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई की बात कही.