जमशेदपुरः बंद पड़ी केबल कंपनी, गम्हरिया की टायो रोल्स कंपनी और डिमना बांध के विस्थापित गांव के लोगों के मुद्दे पर शनिवार को गोलमुरी में झारखंड मुक्ति वाहिनी, केबल संयुक्त मोर्चा, टायो संघर्ष समिति के नेता के सामने सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता अखिलेश श्रीवास्तव ने चर्चा की.
ये भी पढ़ें-चाईबासा: लोगों को जल संरक्षण के लिए रथ से करेंगे जागरूक , 2024 तक 'नल से जल' उपलब्ध कराने का लक्ष्य
उन्होंने सीधे तौर पर तीनों मामले में टाटा कंपनी पर धोखेबाजी करने का आरोप लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि टायो को जानबूझ कर बंद किया गया है. पिछले चार साल से कर्मचारियों को वेतन नहीं दिया जा रहा है. नैतिकता का दंभ भरने वाली टाटा स्टील टायो के कर्मचारियों की स्वास्थ्य सुविधा भी बंद कर दी गई है. केबल के संबंध में उन्होंने लिक्यूडेटर के साथ टाटा कंपनी को भी आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि केबल मामले में एनसीएलटी ने टाटा स्टील को बेस्ट बिडर माना था. लेकिन टाटा स्टील ने कभी भी केबल को खुलवाने की पहल नहीं की.
कंपनी की नजर केबल की 177 एकड़ जमीन पर है. इन तीनों मामलों में अधिवक्ता ने झारखंड सरकार को भी घेरा. उन्होंने कहा कि यह मजदूर, किसान के साथ जनहित का मामला है. सरकार अगर बंद कंपनियों को खुलवाने और डिमना बांध के विस्थापितों को न्याय दिलाने की पहल करती है तो समाधान चंद घंटे में निकल सकता है. जितनी भी कंपनियां बंद पड़ी है उनकी जमीन सरकार या तो रैयतों को वापस करें या उसे खुलवाने की पहल करे. कंपनी जब बंद हो गयी, तो उस पर टाटा कंपनी कैसे कब्जा रख सकती है.