रांची: लोकसभा चुनाव के पहले तीन मई को निलंबित माइनिंग अफसर निरंजन प्रसाद के पास से बरामद 51 लाख रुपए की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से करायी जाएगी. रुपयों की बरामदगी के बाद निरंजन प्रसाद के खिलाफ नामकुम थाना में भ्रष्टाचार निरोधक कानून समेत अन्य धाराओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.
इस मामले में रांची के एसएसपी अनीश गुप्ता ने डीजीपी डीके पांडेय को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच एसीबी से कराने का आग्रह किया है. राज्य पुलिस के आला अफसरों के मुताबिक, निरंजन प्रसाद सरकारी कर्मचारी हैं, ऐसे में उनके खिलाफ दर्ज मामले की जांच एसीबी के द्वारा करायी जाएगी. एसीबी निरंजन प्रसाद के द्वारा अर्जित पूरी संपत्ति की जांच करेगा.
आयकर विभाग ने रुपए को बताया था कालाधन
रिश्वत लेने के आरोप में निलंबित माइनिंग अफसर निरंजन प्रसाद को लोहरदगा जिला से निलंबित किया गया था. तीन मई को पैसे की बरामदगी के बाद रांची पुलिस ने आयकर विभाग को घटना की जानकारी दी थी. आयकर विभाग ने जांच के बाद रांची पुलिस को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें कहा गया था कि निरंजन प्रसाद के पास से बरामद राशि काला धन का हिस्सा है.
रिश्वत लेने का वीडियो हुआ था वायरल
निरंजन प्रसाद लोहरदगा में पदस्थापित थे. तब उनके द्वारा रिश्वत लेने से संबंधित एक वीडियो वायरल हुआ था. वायरल वीडियो की जांच का आदेश विभाग के प्रधान सचिव के द्वारा दिया गया था, जिसके बाद निरंजन को निलंबित किया गया था. बरामद रुपए के संबंध में जेल जाने से पहले निरंजन प्रसाद पुलिस को यह बता चुके हैं कि जब वह लोहरदगा में पदस्थापित थे, तब वहां के विभिन्न खनन ठेकेदारों और अवैध रूप से माइनिंग करने वाले माफिया से काफी बड़ी रकम की वसूली की थी. वह नामकुम थाना क्षेत्र स्थित कालीनगर निवासी अपने चाचा के घर से रुपए लेकर जा रहे थे. तभी कालीनगर में चेकिंग के दौरान रांची पुलिस ने नैनो कार से रूपयों की बरामदगी की थी.