जमशेदपुरः लॉकडाउन में देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे झारखंडवासियों तक राहत पहुंचाने और उन्हें वापस अपने घरों तक लाने में पूर्व विधायक और भाजपा नेता लगातार प्रयासरत हैं. हाल ही में बैंगलोर में फंसे एक ही परिवार की तीन युवतियों ने ट्विटर के माध्यम से कुणाल षाड़ंगी से मदद की अपील करते हुए वापस आने में सहयोग करने का निवेदन किया था, जिस पर पूर्व विधायक और भाजपा युवा नेता कुणाल षाड़ंगी ने उनकी फ्लाईट की टिकट बुक कराकर एक और नई मिसाल पेश की है.
युवतियों की मदद के लिए आगे आई पुडुचेरी की डॉक्टर
परसुडीह क्षेत्र के जिला पार्षद सुदीप्तो डे राणा ने भी परिवार की आर्थिक स्थिति और कठिनाइयों से कुणाल षाड़ंगी को अवगत कराते हुए सहयोग का आग्रह किया था. पूर्व विधायक के प्रयास के बाद तमिलनाडु के पुडुचेरी की डॉक्टर चांदनी श्रीनिवासन ने दरियादिली दिखाते हुए तीन महीने से फंसी युवतियों की मदद की. उन्होंने बैंगलोर में फंसी परसुडीह निवासी सरस्वती पहाड़ी, निशा शांडिल और लक्ष्मी पहाड़ी को वापस उनके घर लाने के लिए एयर एशिया विमान सेवा में टिकट बुक कराया. परसुडीह निवासी सरस्वती पहाड़ी और निशा शांडिल बैंगलोर के एक मॉल में काम करती है, उन्हीं से मिलने के लिए लक्ष्मी पहाड़ी गई हुई थी, लेकिन लॉकडाउन में मॉल बंद हो जाने के कारण उनके सामने आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गई थी. लॉकडाउन न खुलने के कारण उन्होंने ट्विटर के माध्यम से कुणाल षाड़ंगी से मदद की गुहार लगाई थी.
इसे भी पढ़ें- धनबाद: हादसे में घायल युवक मदद के लिए घंटों तड़पता रहा, पुलिस भी देखकर मूकदर्शक बनी
युवतियों ने किया आभार व्यक्त
सोमवार को तीनों विमान से कोलकाता एयरपोर्ट पहुंचेंगी. वहां से फिर निजी वाहन से जमशेदपुर अपने घर लौट सकेंगी. वहीं युवतियों तक फ्लाइट का टिकट पहुंचा दिया गया हैं और वापसी से संबंधित जानकारी भी दे दी गई है. पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी के प्रयासों और डॉक्टर चांदनी श्रीनिवासन की दरियादिली के प्रति मदद पाने वाली जमशेदपुर की युवतियों ने आभार व्यक्त किया है. भाजपा के युवा नेता और बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी की सक्रियता और सेवा के तरीकों का हर कोई कायल है. ट्विटर और सोशल मीडिया का बेहतर और उपयोगी इस्तेमाल कर कुणाल षाड़ंगी ने लोगों के बीच उदाहरण प्रस्तुत किया है. बता दें कि पूर्व में 9 जिलों के विदेश से लौटे लगभग 28 विद्यार्थियों की मदद के लिए पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी आगे आए थे.