ETV Bharat / briefs

बीएयू ने झारखंड वेदर फोरकास्ट वेब पोर्टल और ऐप किया विकसित, 3 भाषाओं में मौसम पूर्वानुमान

author img

By

Published : Jun 24, 2020, 10:08 PM IST

रांची स्थित बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) ने कोलकाता के सीडैक के साथ मिलकर झारखंड वेदर पोर्टल और ऐप को विकसित कर दिया है. इस पोर्टल के माध्यम से किसानों को भविष्य के मौसम की स्थिति के बारे में पता चल सकेगा.

birsa agricultural university.
बिरसा कृषि विश्वविद्यालय.

रांचीः झारखंड राज्य की कृषि गतिविधियां मौसम और जलवायु पर निर्भर करती है. हाल ही के दिनों में प्रदेश की जलवायु परिस्थितियों में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा हैं, जिसका फसल उत्पादकता और लाभप्रदता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इसी क्रम में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) ने कोलकाता के सीडैक के साथ मिलकर झारखंड वेदर पोर्टल और ऐप को विकसित किया है. इस पोर्टल और ऐप के माध्यम से विश्वविद्यालय द्वारा पंचायत स्तर तक मौसम पुर्वानुमान की सटीक जानकारी और स्वचालित कृषि सलाह दी जाएगी.


किसानों को फीडबैक देने की भी सुविधा
झारखंड वेदर पोर्टल पर किसानों को अपना फीडबैक देने की भी सुविधा होगी. राज्य के करीब 4400 पंचायतों को यह कवर करेगा. वहीं इस ऐप को गुगल प्लेस्टोर से भी डाउनलोड किया जा सकता है. इसके आलावा यह बीएयू के वेबसाईट www.bauranchi.org पर भी उपलब्ध है. किसानों को भविष्य के मौसम की स्थिति के बारे में जागरूक कर कृषि क्षेत्र के नुकसान से बचाया जा सकता हैं.

समय-समय पर कृषि सलाह मिलना संभव
किसानों को इस ओर तकनीकी रूप से समृद्ध करने के उद्देश्य से कोलकाता के सीडैक ने बीएयू को डिस्क नामक प्रोजेक्ट दिया था. बीएयू के कृषि संकाय के कृषि प्रसार शिक्षा और संचार विभाग ने कोलकाता सीडैक के सहयोग से इस प्रोजेक्ट को पूरा किया है. यह पोर्टल और ऐप किसानों को हिंदी, अंग्रेजी के अतिरिक्त नागपुरी भाषा में भी मौसम सबंधी सूचना देता है. वहीं आगे इस पोर्टल और ऐप को एडवाईजरी से जोड़ने की योजना है. इससे किसानों को स्वतः समय-समय पर कृषि सलाह मिलना संभव हो जाएगा.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में किसानों को झेलनी पड़ रही है दोहरी मार, लॉकडाउन के बाद अब महंगा हुआ बीज

जलवायु से सबंधित 14 प्रकार के मानकों की सूचना
बीएयू में डिस्क प्रोजेक्ट के इंचार्ज डॉ बीके झा ने कहा कि सामान्यतः मौसम विभाग का पुर्वानुमान का दायरा 50 किमी का होता है. प्रोजेक्ट के तहत इसे चार वर्ग किमी दायरे में रखकर एक पंचायत को कवर किया गया है. इससे राज्य के करीब 4400 पंचायतों को मौसम की जानकारी मिलेगी. यह पोर्टल और ऐप मोबाइल पर हर तीन घंटे में मौसम अलर्ट भेजता है. बारह घंटे में जलवायु से सबंधित 14 प्रकार के मानकों की सूचना देता है. इन मानकों में वर्षा, अधिकतम तापमान, न्यूनतम तापमान, ओस बिंदु तापमान, मिट्टी का तापमान, मिट्टी की नमी, सतह अपवाह, भूमिगत अपवाह, जमीन की सतह पर नीचे की ओर छोटी लहर, कुल बादल कवर, अधिकतम सापेक्ष आर्द्रता, न्यूनतम सापेक्ष आर्द्रता, हवा की गति, हवा की दिशा दैनिक (3 दिन की अवधि) और प्रति घंटा (6 घंटे के लिए) के आधार पर दी जा रही है. इस प्रणाली में पंचायत के आलावा प्रखंड व जिला स्तर तक का डाटा रिकॉर्ड भी दर्ज होता है

रांचीः झारखंड राज्य की कृषि गतिविधियां मौसम और जलवायु पर निर्भर करती है. हाल ही के दिनों में प्रदेश की जलवायु परिस्थितियों में लगातार बदलाव देखने को मिल रहा हैं, जिसका फसल उत्पादकता और लाभप्रदता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. इसी क्रम में बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) ने कोलकाता के सीडैक के साथ मिलकर झारखंड वेदर पोर्टल और ऐप को विकसित किया है. इस पोर्टल और ऐप के माध्यम से विश्वविद्यालय द्वारा पंचायत स्तर तक मौसम पुर्वानुमान की सटीक जानकारी और स्वचालित कृषि सलाह दी जाएगी.


किसानों को फीडबैक देने की भी सुविधा
झारखंड वेदर पोर्टल पर किसानों को अपना फीडबैक देने की भी सुविधा होगी. राज्य के करीब 4400 पंचायतों को यह कवर करेगा. वहीं इस ऐप को गुगल प्लेस्टोर से भी डाउनलोड किया जा सकता है. इसके आलावा यह बीएयू के वेबसाईट www.bauranchi.org पर भी उपलब्ध है. किसानों को भविष्य के मौसम की स्थिति के बारे में जागरूक कर कृषि क्षेत्र के नुकसान से बचाया जा सकता हैं.

समय-समय पर कृषि सलाह मिलना संभव
किसानों को इस ओर तकनीकी रूप से समृद्ध करने के उद्देश्य से कोलकाता के सीडैक ने बीएयू को डिस्क नामक प्रोजेक्ट दिया था. बीएयू के कृषि संकाय के कृषि प्रसार शिक्षा और संचार विभाग ने कोलकाता सीडैक के सहयोग से इस प्रोजेक्ट को पूरा किया है. यह पोर्टल और ऐप किसानों को हिंदी, अंग्रेजी के अतिरिक्त नागपुरी भाषा में भी मौसम सबंधी सूचना देता है. वहीं आगे इस पोर्टल और ऐप को एडवाईजरी से जोड़ने की योजना है. इससे किसानों को स्वतः समय-समय पर कृषि सलाह मिलना संभव हो जाएगा.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में किसानों को झेलनी पड़ रही है दोहरी मार, लॉकडाउन के बाद अब महंगा हुआ बीज

जलवायु से सबंधित 14 प्रकार के मानकों की सूचना
बीएयू में डिस्क प्रोजेक्ट के इंचार्ज डॉ बीके झा ने कहा कि सामान्यतः मौसम विभाग का पुर्वानुमान का दायरा 50 किमी का होता है. प्रोजेक्ट के तहत इसे चार वर्ग किमी दायरे में रखकर एक पंचायत को कवर किया गया है. इससे राज्य के करीब 4400 पंचायतों को मौसम की जानकारी मिलेगी. यह पोर्टल और ऐप मोबाइल पर हर तीन घंटे में मौसम अलर्ट भेजता है. बारह घंटे में जलवायु से सबंधित 14 प्रकार के मानकों की सूचना देता है. इन मानकों में वर्षा, अधिकतम तापमान, न्यूनतम तापमान, ओस बिंदु तापमान, मिट्टी का तापमान, मिट्टी की नमी, सतह अपवाह, भूमिगत अपवाह, जमीन की सतह पर नीचे की ओर छोटी लहर, कुल बादल कवर, अधिकतम सापेक्ष आर्द्रता, न्यूनतम सापेक्ष आर्द्रता, हवा की गति, हवा की दिशा दैनिक (3 दिन की अवधि) और प्रति घंटा (6 घंटे के लिए) के आधार पर दी जा रही है. इस प्रणाली में पंचायत के आलावा प्रखंड व जिला स्तर तक का डाटा रिकॉर्ड भी दर्ज होता है

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.