जामताड़ा: जिले के बांदरडीहा पंचायत के ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है. उन्हें बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसी समस्यों से जूझना पड़ता है. इस पंचायत में 13 गांव हैं जिसकी जनसंख्या लगभग 5 हजार है लेकिन यहां कोई हेल्थ सेंटर तक नहीं है. नतीजा लोगों को इलाज के लिए 10-12 किलोमीटर तक सफर तय करना पड़ता है.
झारखंड में बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसी समस्या हमेशा बनी रहती है. जिससे लोगों को बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर, जामताड़ा की बात करें तो यहां के लोगों को बिजली, पानी और स्वास्थ्य जैसे मूलभूत सुविधाओं के लिए तरसना पड़ रहा है. कहने को तो यह एक पंचायत है, लेकिन इस पंचायत में एक भी हेल्थ सेंटर नहीं है. इलाज के लिए ग्रामीणों को 10-12 किलोमीटर दूर सब हेल्थ सेंटर या पश्चिम बंगाल जाना पड़ता है. यहां 24 घंटे में मुश्किल से 4 घंटे ही बिजली मिल पाती है. अधिकतर गांवों में चापाकल खराब पड़े हुए हैं. कुछ चापाकल ठीक हैं लेकिन वाटर लेबल नीचे होने के कारण पानी के लिए तरसना पड़ता है.
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पानी के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. चापाकल खराब पड़े हुए हैं. बिजली की व्यवस्था होने के बाबजूद मुश्किल से चार से पांच घंटे ही बिजली मिल पाती है. मुखिया को भी कई बार इस समस्या के बारे में बताया गया लेकिन इससे कोई फायदा नहीं हुआ. वहीं, पूर्व जिला परिषद की अध्यक्षा पुष्पा सोरेन ने ग्रामीणों की समस्या की जानकारी देते हुए बताया की बंदरडीहा पंचायत में पानी, स्वास्थ्य और बिजली को लेकर लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. हेल्थ सेंटर नहीं रहने के कारण लोगों को पश्चिम बंगाल जाना पड़ता है.
इस बारे में जब जिला अधिकारी अपर समाहर्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस पंचायत में ग्रामीणों की समस्या को तुरंत निदान करने की बात कही. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जो चापाकल खराब पड़े हैं उसे जल्द ही मरम्मत करा दिया जाएगा और हेल्थ सेंटर को लेकर सरकारी स्तर पर उचित कार्रवाई की जाएगी.