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पुलिस की रडार पर झारखंड-बिहार सीमा के नक्सल समर्थक, 20 नक्सली के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज - एफआईआर दर्ज

झारखंड-बिहार सीमा पर मौजूद पलामू के हरिहरगंज में कई नक्सली समर्थक पुलिस के रडार पर हैं. हरिहरगंज में वोटिंग से 72 घंटा पहले हुए नक्सल हमले के बाद पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में कई नक्सल समर्थकों को चिन्हित किया है. पुलिस सभी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है.

जानकारी देते जांच अधिकारी
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Published : May 8, 2019, 2:42 AM IST

पलामू: झारखंड-बिहार सीमा पर मौजूद पलामू के हरिहरगंज में कई नक्सली समर्थक पुलिस के रडार पर हैं. हरिहरगंज में वोटिंग से 72 घंटा पहले हुए नक्सल हमले के बाद पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में कई नक्सल समर्थकों को चिन्हित किया है. समर्थकों ने हमले के दौरान अहम भूमिका निभाई थी.

जानकारी देते जांच अधिकारी


पुलिस सभी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है. हरिहरगंज बाजार क्षेत्र का कुछ भाग बिहार के औरंगाबाद में भी है. हरिहरगंज शुरू से नक्सल गतिविधि के लिए चर्चित रहा है और यहां नक्सलियों के बड़ी संख्या में समर्थक है. पुलिस के अनुसार हरिहरगंज बाजार क्षेत्र में कुछ नक्सल समर्थकों को चिन्हित किया गया है, जिनकी भूमिका काफी संदिग्ध है.


हरिहरहंज में 25 अप्रैल की रात को नक्सलियों ने हमला कर भाजपा के चुनावी कार्यालय को विस्फोट कर उड़ा दिया था, जबकि पूल निर्माण स्थल पर हमला कर कई मशीनों को आग के हवाले किया था. नक्सलियों ने मौके पर पर्चा भी छोड़ा था. इस मामले में हरिहरगंज थाना में नक्सली अभिजीत यादव, संजय गोदराम, बुधराम यादव समेत 20 नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.


हरिहरगंज पलामू के मुख्यालय मेदिनीनगर से 70 किलोमीटर दूर है और यह अति नक्सल प्रभावित है. नक्सली कुछ वर्ष पहले हरिहरगंज थाना पर भी हमला कर चुके हैं और प्रखंड कार्यालय को विस्फोट कर उड़ा चुके हैं. नवंबर 2011 में हरिहरगंज के इलाके में एक रात में 17 स्कूलों के भवन को विस्फोट कर नष्ट कर दिया था.

पलामू: झारखंड-बिहार सीमा पर मौजूद पलामू के हरिहरगंज में कई नक्सली समर्थक पुलिस के रडार पर हैं. हरिहरगंज में वोटिंग से 72 घंटा पहले हुए नक्सल हमले के बाद पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में कई नक्सल समर्थकों को चिन्हित किया है. समर्थकों ने हमले के दौरान अहम भूमिका निभाई थी.

जानकारी देते जांच अधिकारी


पुलिस सभी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है. हरिहरगंज बाजार क्षेत्र का कुछ भाग बिहार के औरंगाबाद में भी है. हरिहरगंज शुरू से नक्सल गतिविधि के लिए चर्चित रहा है और यहां नक्सलियों के बड़ी संख्या में समर्थक है. पुलिस के अनुसार हरिहरगंज बाजार क्षेत्र में कुछ नक्सल समर्थकों को चिन्हित किया गया है, जिनकी भूमिका काफी संदिग्ध है.


हरिहरहंज में 25 अप्रैल की रात को नक्सलियों ने हमला कर भाजपा के चुनावी कार्यालय को विस्फोट कर उड़ा दिया था, जबकि पूल निर्माण स्थल पर हमला कर कई मशीनों को आग के हवाले किया था. नक्सलियों ने मौके पर पर्चा भी छोड़ा था. इस मामले में हरिहरगंज थाना में नक्सली अभिजीत यादव, संजय गोदराम, बुधराम यादव समेत 20 नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी.


हरिहरगंज पलामू के मुख्यालय मेदिनीनगर से 70 किलोमीटर दूर है और यह अति नक्सल प्रभावित है. नक्सली कुछ वर्ष पहले हरिहरगंज थाना पर भी हमला कर चुके हैं और प्रखंड कार्यालय को विस्फोट कर उड़ा चुके हैं. नवंबर 2011 में हरिहरगंज के इलाके में एक रात में 17 स्कूलों के भवन को विस्फोट कर नष्ट कर दिया था.

Intro:झारखंड बिहार सीमा के हरिजरगंज में नक्सल समर्थक पुलिस की रडार पर, चुनाव से पहले हुए हमलों में समर्थकों की थी भूमिका नीरज कुमार । पलामू झारखंड बिहार सीमा पर मौजूद पलामू के हरिहरगंज में कई नक्सली समर्थक पुलिस के रडार पर है। हरिहरगंज में वोटिंग से 72 घंटा पहले हुए नक्सल हमले के बाद पुलिस ने अनुसंधान के क्रम में कई नक्सल समर्थकों को चिन्हित किया है। समर्थकों ने हमले के दौरान अहम भूमिका निभाई थी, पुलिस सभी के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है। हरिहरगंज बाजार क्षेत्र का कुछ भाग बिहार के औरंगाबाद में भी है। हरिहरगंज शुरू से नक्सल गतिविधि के लिए चर्चित रहा है और यंहा नक्सलियों के बड़ी संख्या में समर्थक है। पुलिस के अनुसार हरिहरगंज बाजार क्षेत्र में कुछ नक्सल समर्थकों को चिन्हित किया गया है जिनकी भूमिका काफी संदिग्ध है।


Body:हरिहरहंज में 25 अप्रैल की रात को नक्सलियों ने हमला कर भाजपा के चुनावी कार्यालय को विस्फोट कर उड़ा दिया था जबकि पूल निर्माण स्थल पर हमला कर कई मशीनों को आग के हवाले किया था। नक्सलियों ने मौके पर पर्चा भी छोड़ा था। मामले में हरिहरगंज थाना में नक्सली अभिजीत यादव, संजय गोदराम, बुधराम यादव समेत 20 नक्सलियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हरिहरगंज पलामू के मुख्यालय मेदिनीनगर से 70 किलोमीटर दूर है और यह अति नक्सल प्रभावित है। नक्सली कुछ वर्ष पहले हरिहरगंज थाना पर भी हमला कर चुके है और प्रखंड कार्यालय को विस्फोट कर उड़ा चुके है। नवंबर 2011 में हरिहरगंज के इलाके में एक रात में 17 स्कूलों के भवन को विस्फोट कर नष्ट कर दिया था।


Conclusion:झारखंड बिहार सीमा के हरिजरगंज में नक्सल समर्थक पुलिस की रडार पर, चुनाव से पहले हुए हमलों में समर्थकों की थी भूमिका
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