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PMCH धनबाद का हाल-बेहाल, खून के अभाव में 2 महिलाओं की गई जान

कोयलांचल का सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच धनबाद का हाल बेहाल है. यहां पर सिर्फ धनबाद जिले के ही नहीं बल्कि झारखंड के कई अन्य जिलों से भी मरीज आते हैं. इस अस्पताल में हर दिन लगभग 2000 मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन पीएमसीएच का हाल इन दिनों बदत्तर है. पिछले 2 दिनों से यहां पर खून के अभाव में दो महिला की जान चली गई है.

जानकारी देते परिजन
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Published : Jun 6, 2019, 9:08 AM IST

धनबाद: कोयलांचल का सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच धनबाद का हाल बेहाल है. यहां पर सिर्फ धनबाद जिले के ही नहीं बल्कि झारखंड के कई अन्य जिलों से भी मरीज आते हैं. इस अस्पताल में हर दिन लगभग 2000 मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन पीएमसीएच का हाल इन दिनों बदत्तर है.

जानकारी देते परिजन


पिछले 2 दिनों से यहां पर खून के अभाव में दो महिला की जान चली गई है. इस महिला की नसीब तो देखिए खून के बिना मरने के बाद उसे श्मशान भी बहुत मुश्किल के बाद नसीब हुआ. बता दें कि बरवाअड्डा इलाके के पिछड़े गांव की रहने वाली ज्योति देवी का प्रसव होने वाला था. जिसके लिए उसके परिजन उसे पीएमसीएच धनबाद लेकर आए थे, छोटा ऑपरेशन के बाद उसे एक बच्चा भी हुआ, लेकिन वह बच्चा मरा हुआ ही पैदा हुआ उसके बाद डॉक्टरों ने खून चढ़ाने की बात कही, लेकिन पीएमसीएच धनबाद में खून उपलब्ध नहीं होने के कारण महिला की जान चली गई.


ज्योति देवी के परिजन ज्योति देवी के शव को अपने घर लेकर गए और श्मशान जाने की तैयारी करने लगे, लेकिन वह श्मशान जाने से हिचकिचा रहे थे. क्योंकि श्मशान में शिवपूजन गोप नाम के जमीन मालिक ने शव जलाने से मना कर दिया. हालांकि, मामला बढ़ने पर बरवाअड्डा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और ज्योति देवी का अंतिम संस्कार कराया गया. शिवपूजन गोप का कहना है कि यह जमीन उनके पूर्वजों की है और उनके पास जमीन का सारा कागजात भी मौजूद है. रसीद भी कट रहा है. उन्होंने कहा कि पहले इस जमीन पर क्या हुआ उन्हें नहीं मालूम, लेकिन अब उनका घर परिवार बढ़ रहा है और उन्हें यहां पर घर बनाकर रहना है. ऐसे में वो अपने जमीन पर शव जलाने नहीं देंगे.

धनबाद: कोयलांचल का सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच धनबाद का हाल बेहाल है. यहां पर सिर्फ धनबाद जिले के ही नहीं बल्कि झारखंड के कई अन्य जिलों से भी मरीज आते हैं. इस अस्पताल में हर दिन लगभग 2000 मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन पीएमसीएच का हाल इन दिनों बदत्तर है.

जानकारी देते परिजन


पिछले 2 दिनों से यहां पर खून के अभाव में दो महिला की जान चली गई है. इस महिला की नसीब तो देखिए खून के बिना मरने के बाद उसे श्मशान भी बहुत मुश्किल के बाद नसीब हुआ. बता दें कि बरवाअड्डा इलाके के पिछड़े गांव की रहने वाली ज्योति देवी का प्रसव होने वाला था. जिसके लिए उसके परिजन उसे पीएमसीएच धनबाद लेकर आए थे, छोटा ऑपरेशन के बाद उसे एक बच्चा भी हुआ, लेकिन वह बच्चा मरा हुआ ही पैदा हुआ उसके बाद डॉक्टरों ने खून चढ़ाने की बात कही, लेकिन पीएमसीएच धनबाद में खून उपलब्ध नहीं होने के कारण महिला की जान चली गई.


ज्योति देवी के परिजन ज्योति देवी के शव को अपने घर लेकर गए और श्मशान जाने की तैयारी करने लगे, लेकिन वह श्मशान जाने से हिचकिचा रहे थे. क्योंकि श्मशान में शिवपूजन गोप नाम के जमीन मालिक ने शव जलाने से मना कर दिया. हालांकि, मामला बढ़ने पर बरवाअड्डा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और ज्योति देवी का अंतिम संस्कार कराया गया. शिवपूजन गोप का कहना है कि यह जमीन उनके पूर्वजों की है और उनके पास जमीन का सारा कागजात भी मौजूद है. रसीद भी कट रहा है. उन्होंने कहा कि पहले इस जमीन पर क्या हुआ उन्हें नहीं मालूम, लेकिन अब उनका घर परिवार बढ़ रहा है और उन्हें यहां पर घर बनाकर रहना है. ऐसे में वो अपने जमीन पर शव जलाने नहीं देंगे.

Intro:धनबाद :कोयलांचल का सबसे बड़ा अस्पताल पीएमसीएच धनबाद का हाल बेहाल है. यहां पर सिर्फ धनबाद जिले के ही नहीं बल्कि झारखंड के कई अन्य जिलों से भी मरीज आते हैं. इस अस्पताल में प्रतिदिन लगभग 2000 मरीज इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं लेकिन पीएमसीएच का हाल इन दिनों देखने वाली है, क्योंकि विगत 2 दिनों से यहां पर खून के अभाव में दो महिला की जान चली गई है. इस महिला की नसीब तो देखिए खून के बिना मरने के बाद उसे श्मशान भी बहुत मुश्किल के बाद नसीब हुआ.


Body:आपको बता दें कि बरवाअड्डा इलाके के पिछड़े गांव की रहने वाली ज्योति देवी का प्रसव होने वाला था. जिसके लिए उसके परिजन उसे पीएमसीएच धनबाद लेकर आए थे, छोटा ऑपरेशन के बाद उसे एक बच्चा भी हुआ लेकिन वह बच्चा मरा हुआ ही पैदा हुआ उसके बाद डॉक्टरों ने खून चढ़ाने की बात कही लेकिन पीएमसीएच धनबाद में खून उपलब्ध नहीं होने के कारण महिला की जान चली गई.

उसके बाद ज्योति देवी के परिजन ज्योति देवी के शव को अपने घर लेकर गए और श्मशान जाने की तैयारी करने लगे. लेकिन वह श्मशान जाने से हिचकिचा रहे थे,क्योंकि विगत 22 मई को ही गांव के ही एक वृद्ध की मौत होने पर यह सब को जलाने के लिए श्मशान ले जाया गया था तो शिवपूजन गोप नामक जमीन मालिक ने वहां पर सब जलाने से मना कर दिया. हालांकि मामला बढ़ने पर बरवाअड्डा थाने की पुलिस मौके पर पहुंची थी और उस समय शव को जलाने के लिए दे दिया गया था. जिसके बाद दोनों पक्षों के द्वारा थाने में लिखित शिकायत भी की गई है.वही शिवपूजन गोप का कहना है कि यह जमीन हमारे पूर्वजों की है और हमारे पास जमीन का सारा कागजात भी मौजूद है रसीद भी कट रहा है. पहले इस जमीन पर क्या हुआ हमें नहीं मालूम लेकिन अब हमारा घर परिवार बढ़ रहा है और हमें यहां पर घर बनाकर रहना है ऐसे में हम अपने जमीन पर शव जलाने नहीं देंगे. कल मौत होने के बाद अंततः आज ज्योति देवी के शव को दूसरे अस्पताल ले जाकर जलाया गया.


Conclusion:अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिरकार पीएमसीएच अस्पताल में जब धनबाद,गिरिडीह, हजारीबाग, देवघर, जामताड़ा, दुमका आदि जिलों के मरीज यहां पर पहुंचते हैं तो ऐसे में इस अस्पताल में खून की कमी होना अपने आप में एक गंभीर सवाल है.आखिरकार पीएमसीएच प्रबंधन कितने मौतों के बाद जागेगी.

बाइट
1. शांति दास-मरीज के परिजन
2. रामजी दास-मरीज के परिजन
3.शिवपूजन गोप- जमीन मालिक
4.अशोक कुमार- लैब टेक्नीशियन ब्लड बैंक पीएमसीएच धनबाद
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