रांची: झारखंड के विभिन्न नगर निकायों में झारखंड म्यूनिसिपल डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत होने वाले विकास कार्यों में अब राशि की कमी नहीं होगी और आधारभूत संरचना के विकास कार्य को और गति मिलेगी. नई दिल्ली में इस संबंध में सोमवार को विश्व बैंक के साथ योजना के लिए 147 मिलियन अमेरीकी डॉलर का लोन साइन किया गया.
दरअसल, पूर्व में हीं विश्व बैंक ने इस योजना के तहत 210 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी कि 1470 करोड़ रुपया के प्रोजेक्ट में 70 प्रतिशत राशि देने की सहमति दी थी, जबकि 30 प्रतिशत राशि राज्य सरकार देगी. इस योजना के तहत धनबाद में स्मार्ट सड़क और खूंटी में जलापूर्ति परियोजना लगाने का काम भी शुरु हो गया है. अब अन्य शहरों में भी इस योजना के तहत सड़क, पेयजलापूर्ति, सिवरेज ड्रेनेज जैसे विकास इसी राशि की मदद से हो सकेगा.
इस मौके पर भारत सरकार के वित्त मंत्रालय अंतर्गत आर्थिक मामले के विभाग के अतिरिक्त सचिव समीर कुमार खरे ने कहा कि अमृत योजना के तहत भारत सरकार ने नगरपालिका सुधार को लेकर एक व्यापक रोड मैप तैयार किया है. उन्होंने कहा कि झारखंड नगर विकास परियोजना सुधार कार्यक्रम तेजी से शहरीकरण के स्थिति में शहरी सेवाओं को मजबूत बनाने और सुधारने के लिए निश्चित कदम होगा और आर्थिक विकास को गति प्रदान करेगा.
वहीं विश्व बैंक के भारत में ऐक्टिंग कंट्री हेड शंकर लाल ने कहा कि पिछले एक दशक में झारखंड ने नगरपालिका सेवाओं में सुधार और बेहतर नागरिक सुविधा मुहैया कराने के दिशा में अपने नगर-निकायों को अपग्रेड करते हुए सबसे आगे लाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि राज्य में नगरपालिका सुधार और निवेष का एक बड़ा एजेंडा और व्यापक क्षेत्र है. बावजूद इसके इस व्यापक संदर्भ में यह परियोजना नगरपालिका सेवाओं में निवेष करते समय नगर-निकायों के क्षमता संवर्धन में मजबूती प्रदान करेगी.