नई दिल्ली : यूजीसी (University Grants Commission) जल्द ही छात्रों को एक ही समय में दो संस्थानों से दो डिग्री हासिल करने की अनुमति देने जा रहा है. इस नई प्रक्रिया में छात्र द्वारा हासिल किए जाने वाले 40 फीसदी क्रेडिट उनकी मूल यूनिवर्सिटी के अलावा किसी अन्य यूनिवर्सिटी का हो सकता है. नई शिक्षा नीति (New Education Policy) लागू होने के साथ ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) उच्च शिक्षा व्यवस्था में छात्रों को अधिक विकल्प प्रदान करेगा. यूजीसी ने इस परिवर्तन को लेकर एक नई गाइडलाइन बनाई है. यूजीसी की इस गाइडलाइन को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा.
यूजीसी के मुताबिक नई गाइडलाइन एक साथ दो डिग्री क्रेडिट स्कोर सिस्टम एवं मल्टी-डिसिप्लिनरी एजुकेशन सिस्टम को लागू करने के लिए तैयार की जा रही है. इसके अलावा अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों के नए करिकुलम पर भी काम किया जा रहा है. इसके तहत विश्वविद्यालय अंडरग्रेजुएट कोर्सेस नए सिरे से डिजाइन कर रहे हैं. देश का सबसे बड़ा केंद्रीय विश्वविद्यालय 'डीयू' आगामी नए सत्र से नए अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क को लागू कर सकता है. दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के मुताबिक के अंडरग्रेजुएट पाठ्यक्रमों (Undergraduate Education) के लिए नया करिकुलम तीन में तैयार हो सकता है.
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दिल्ली विश्वविद्यालय की एक्जीक्यूटिव काउंसिल अंडरग्रेजुएट करिकुलम फ्रेमवर्क 2022 (Executive Council Undergraduate Curriculum Framework 2022 (UGCF)) (यूजीसीएफ) को पारित कर चुकी है.अकेडमिक काउंसिल भी इसे पारित कर चुकी. एनईपी 2020 द्वारा सुझाए गए सुधारों के आधार पर अंडरग्रेजुएट करिकुलम (Undergraduate Curriculum) बनाया जा रहा है. गौरतलब है कि यूजीसी अब क्षमता-प्रदाता के रूप में कार्य करेगा. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी डिजिटल शिक्षा में भी बड़ी भूमिका निभाएगा. इसके लिए यूजीसी भविष्य के शिक्षण-शिक्षाप्राप्ति प्रक्रिया की पुनर्कल्पना में जवाबदेही प्रावधानों के साथ एक निगरानी संस्था के रूप में नहीं बल्कि एक क्षमता-प्रदाता के रूप में कार्य करेगा.
शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि शिक्षण- प्रौद्योगिकी (एडुटेक) में बढ़ती मांग के साथ और एक सर्व-समावेशी डिजिटल शिक्षण-शिक्षाप्राप्ति इकोसिस्टम है. यह भारत के वर्तमान शैक्षिक परि²श्य में उपलब्ध अवसर वास्तव में उत्साह बढ़ाते हैं. इनमें डिजिटल यूनिवर्सिटी इकोसिस्टम तथा भारत सरकार की विभिन्न पहलों जैसे भारतनेट, राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय, राष्ट्रीय अकादमी संग्रहालय, क्रेडिट अकादमी बैंक, स्वयं, एनईएटी और इंटर्नशिप, राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा संरचना, राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच के एकीकरण शामिल हैं. मंत्रालय के मुताबिक डिजिटल यूनिवर्सिटी के लिए विस्तृत रोडमैप और कार्यान्वयन योजना जैसे नियामक रूपरेखा, केंद्र व शाखा पर आधारित एचईआई की पहचान, अकादमिक नेतृत्व के लिए दिशा-निर्देश और संकाय के प्रशिक्षण को आने वाले समय में अंतिम रूप दिया जाएगा.