नई दिल्ली: रेखा गुप्ता दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बन गई हैं. उन्होंने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. बुधवार को उन्हें भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया था. दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनी रेखा गुप्ता की कार्यशैली पर अब सबकी नजरें टिकी हैं. रेखा गुप्ता के सामने राजधानी की सियासी और प्रशासनिक चुनौतियों का पहाड़ भी खड़ा है. अब उनके राजनीतिक कौशल और नेतृत्व क्षमता पर दिल्लीवासियों की निगाहें टिकी हुई हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में
दिल्लीवासियों की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की चुनौती: दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता को दिल्लीवासियों की उम्मीदों पर खरा उतरने का दायित्व सौंपा गया है. दिल्ली में 27 वर्षों के बाद बीजेपी की सरकार बनी है, जिससे जनता को ताबड़तोड़ फैसलों की उम्मीद है. रेखा गुप्ता की सबसे बड़ी परीक्षा जनता को राहत देते हुए वित्तीय संतुलन बनाए रखने की होगी. जनता उनसे न केवल विकास के वादों को पूरा करने की अपेक्षा रखती है, बल्कि एक नई और पारदर्शी शासन प्रणाली की भी उम्मीद करती है.
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ये दो सबसे बड़ी चुनौतियां
1. बीजेपी ने दिल्ली चुनाव में ऐलान किया था कि उसकी पार्टी सरकार बनी तो वो 8 मार्च तक दिल्ली में महिला समृद्धि योजना के तहत महिला वोटरों को 2500 रुपये की पहली किस्त दे देगी. अगले कुछ हफ्तों के दौरान रेखा गुप्ता की सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये पक्का करना होगा कि महिलाओं तक पैसा सही ढंग से कैसे पहुंचे.
2. बीजेपी ने यहां गर्भवती महिलाओं को 21 हजार रुपये देने का वादा किया था. साथ ही उसने आयुष्मान भारत योजना को दिल्ली में लागू करने का भी वादा किया था. इसके लिए उसे दिल्ली में मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना होगा.
भाजपा के संकल्प पत्र में महिलाओं से किए गए थे ये वायदे
1. घरेलू महिला कामगारों को 6 महीने की पेड मैटरनिटी लीव.
2. गरीब महिलाओं को महिला समृद्धि योजना के तहत ₹2,500 की मासिक सहायता.
3. गर्भवती महिलाओं को मुख्यमंत्री मातृत्व सुरक्षा योजना के तहत ₹21,000 की आर्थिक सहायता और 6 पोषण किट.
4. 500 रुपये में एलपीजी गैस सिलेंडर और होली-दीवाली पर मुफ्त सिलेंडर.
यमुना को साफ करना बड़ा चैलेंज
दिल्ली चुनाव यमुना नदी को प्रदूषण मुक्त करने का वादा एक बड़ा मुद्दा था. इस मुद्दे पर केजरीवाल सरकार और बीजेपी के बीच जमकर घमासान हुआ था. दोनों ने एक-दूसरे पर यमुना की गंदगी का ठीकरा फोड़ा था.
साल 2015 में आम आदमी पार्टी ने कहा था कि उसकी सरकार बनी तो दो साल में यमुना इतनी साफ हो जाएगी कि लोग इसमें डुबकी लगा सकेंगे. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अब रेखा गुप्ता के सामने ये बड़ी चुनौती होगी.
दिल्ली में "मुफ्त" लाभ देना एक बड़ी चुनौती
वित्त विभाग ने आम आदमी पार्टी की सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी पर गंभीर सवाल खड़े किए थे. बीजेपी ने वादा किया है कि मुफ्त बिजली, पानी और महिलाओं के लिए बस यात्रा सहित आम आदमी सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी जारी रहेगी. ये एक बड़ी चुनौती होगी. हालांकि राज्य और केंद्र दोनों जगह अपनी सरकार होने की वजह से दिल्ली सरकार को सहूलियत हो सकती है.
विकास के लिए रोड़ा बन रहीं ये वजहें भी एक चुनौती
1. रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम और फेम स्कीम के तहत नई इलेक्ट्रिक बसें चलाने के लिए पैसे का इंतज़ाम रेखा गुप्ता सरकार के सामने एक बड़ी चुनौती होगी.
2. सड़कों का विकास और कूड़ा निस्तारण के काम को सुचारू बनाने में जो अड़चनें आ रही हैं, उन्हें दूर करना एक बड़ी चुनौती है.
3. राजधानी दिल्ली को, यहां रहने वाले लोगों के लिए 'गैस चैंबर' बताया जाता है. दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करना एक बड़ी चुनौती होगी.
विपक्ष की भूमिका और राजनीतिक संतुलन: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को न केवल प्रशासनिक मोर्चे पर बल्कि राजनीतिक संतुलन साधने की भी चुनौती होगी. विपक्ष के रूप में आम आदमी पार्टी अभी भी विधानसभा में मजबूत स्थिति में है. ऐसे में उन्हें ऐसा कुशल नेतृत्व दिखाना होगा, जिससे विपक्ष के आरोपों को निष्प्रभावी बनाया जा सके. यह उनके राजनीतिक कौशल की कड़ी परीक्षा होगी.
#WATCH | After assuming the charge, Delhi CM Rekha Gupta says, " we have a cabinet meeting today. we will continuously work towards the mission of viksit delhi, and we will fulfil all the promises that we have made... at 5 pm, we will go to yamuna ghat for aarti. the cabinet… pic.twitter.com/7OURD69kna
— ANI (@ANI) February 20, 2025
महिला नेतृत्व की नई मिसाल: रेखा गुप्ता के मुख्यमंत्री बनने के बाद दिल्ली को चौथी बार महिला नेतृत्व मिला है. इससे पहले सुषमा स्वराज व शीला दीक्षित जैसी सशक्त महिलाओं ने यह पद संभाला है, जिनकी छवि जनता के बीच आज भी बहुत ही प्रभावी है. ऐसे में रेखा गुप्ता के लिए इन पूर्व मुख्यमंत्रियों की छवि और उनके कामकाज से तुलना होना स्वाभाविक है. उन्हें अपनी अलग पहचान बनानी होगी और नई कार्यशैली से जनता का विश्वास जीतना होगा.
#WATCH | Delhi CM Rekha Gupta along with her cabinet ministers Parvesh Sahib Singh, Ashish Sood, Manjinder Singh Sirsa, Ravinder Indraj Singh, Kapil Mishra, and Pankaj Kumar Singh shows victory sign as she assumes the charge today pic.twitter.com/ARizLa9vrQ
— ANI (@ANI) February 20, 2025
#WATCH | Delhi CM Rekha Gupta formally assumes the office at the Secretariat as the 4th overall and 2nd woman BJP CM of Delhi pic.twitter.com/cfl6tYhsn6
— ANI (@ANI) February 20, 2025
नगर निगम चुनाव- पहली राजनीतिक परीक्षा: सीएम बनने के तुरंत बाद रेखा गुप्ता की पहली राजनीतिक परीक्षा नगर निगम के उपचुनाव होंगे. चूंकि दिल्ली नगर निगम में बीजेपी और आप के पार्षदों के बीच मामूली अंतर है, ऐसे में इन चुनावों में बेहतरीन प्रदर्शन करना उनके लिए महत्वपूर्ण होगा. यह न केवल उनकी नेतृत्व क्षमता की परीक्षा होगी, बल्कि पार्टी के भविष्य को भी प्रभावित करेगा.
#WATCH | Delhi BJP MPs welcome CM Rekha Gupta at Delhi secretariat
— ANI (@ANI) February 20, 2025
Rekha Gupta will assume charge of the office, shortly pic.twitter.com/CSJjUbqiaJ
प्रशासनिक अनुभव की कमी, सहयोगियों की सलाह पर निर्भरता: रेखा गुप्ता के पास दिल्ली सरकार में प्रशासनिक अनुभव की कमी है, लेकिन उन्हें अपनी पार्टी के वरिष्ठ और अनुभवी नेताओं से मार्गदर्शन लेने में कोई संकोच नहीं करना चाहिए. उनके सामने यमुना सफाई, महिलाओं को सहायता राशि, और अन्य विकास परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करने की चुनौती है.
नई शुरुआत और नई उम्मीदें: रेखा गुप्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर एक नई शुरुआत की है. उनकी नेतृत्व क्षमता, राजनीतिक दूरदर्शिता और जनता के प्रति उत्तरदायित्व भाव ही यह तय करेगा कि वे इन चुनौतियों को कैसे अवसर में बदलती हैं. दिल्लीवासियों को उनसे नई दिशा और उम्मीदें हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए उन्हें हर कदम सोच-समझकर उठाना होगा. रेखा गुप्ता के इस ऐतिहासिक कार्यकाल की शुरुआत ने दिल्ली की राजनीति में नई हलचल मचा दी है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह कैसे इन चुनौतियों का सामना करते हुए राजधानी को नई ऊंचाइयों पर ले जाती हैं.
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