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मुंबई आतंकी हमला 26/11: जयशंकर बोले, आतंकवाद से मानवता को खतरा

26/11 यानी आज से 14 वर्ष पूर्व देश की वाणिज्यिक राजधानी मुम्बई के कई महत्वपूर्ण स्थानों पर 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने हमले किए थे. इन हमलों में 166 लोग मारे गए थे और 600 से अधिक घायल हुए थे. इस काले दिन को याद करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद से मानवता को खतरा है.

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Published : Nov 26, 2022, 8:09 AM IST

Updated : Nov 26, 2022, 10:11 AM IST

नई दिल्ली: आज के ही दिन मुंबई में आतंकी हमले को अंजाम दिया गया था. इस काले दिन को याद करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद से मानवता को खतरा है. आज जब देशवासी 26/11 के पीड़ितों को याद करते हैं तो दुनिया इसमें भारत के साथ है. जिन लोगों ने इस हमले की योजना बनाई और निगरानी की उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए.

  • Terrorism threatens humanity. Today, on 26/11, the world joins India in remembering its victims. Those who planned and oversaw this attack must be brought to justice. We owe this to every victim of terrorism around the world: EAM Dr S Jaishankar

    (Video: EAM)#MumbaiTerrorAttack pic.twitter.com/y9BTNqcnet

    — ANI (@ANI) November 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें कि 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों (एलईटी) ने 12 समन्वित गोलीबारी और बमबारी हमलों को अंजाम दिया जिसमें कम से कम 166 लोग मारे गए और 300 घायल हो गए. पिछले महीने, भारत ने काउंटर-टेररिज्म कमेटी (CTC) की भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी बैठक की मेजबानी की.

बैठक के बाद एक दिल्ली घोषणा जारी की गई जिसमें रेखांकित किया गया कि आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचने का अवसर एक महत्वपूर्ण चिंता बनी हुई है और यह कि सभी सदस्य राष्ट्रों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह से सहयोग करना चाहिए. घोषणापत्र में यह भी स्वीकार किया गया कि सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है.

ये भी पढ़ें- मुंबई आतंकवादी हमले की 14वीं बरसी: राष्ट्रपति मुर्मु ने सुरक्षाकर्मियों को दी श्रद्धांजलि

यूएनएससी की विशेष बैठक के दौरान, जयशंकर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरे से निपटने के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद आतंकवाद का वैश्विक खतरा बढ़ रहा है, विशेष रूप से एशिया और अफ्रीका में. आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरा बना हुआ है. पिछले दो दशकों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस खतरे से निपटने के लिए मुख्य रूप से आतंकवाद विरोधी प्रतिबंधों को लेकर कदम उठाया है. इसने उन देशों को प्रभावी रूप से नोटिस दिया है जिन्होंने आतंकवाद का वित्तपोषण किया.

(एएनआई)

नई दिल्ली: आज के ही दिन मुंबई में आतंकी हमले को अंजाम दिया गया था. इस काले दिन को याद करते हुए विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद से मानवता को खतरा है. आज जब देशवासी 26/11 के पीड़ितों को याद करते हैं तो दुनिया इसमें भारत के साथ है. जिन लोगों ने इस हमले की योजना बनाई और निगरानी की उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाना चाहिए.

  • Terrorism threatens humanity. Today, on 26/11, the world joins India in remembering its victims. Those who planned and oversaw this attack must be brought to justice. We owe this to every victim of terrorism around the world: EAM Dr S Jaishankar

    (Video: EAM)#MumbaiTerrorAttack pic.twitter.com/y9BTNqcnet

    — ANI (@ANI) November 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बता दें कि 2008 में लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकवादियों (एलईटी) ने 12 समन्वित गोलीबारी और बमबारी हमलों को अंजाम दिया जिसमें कम से कम 166 लोग मारे गए और 300 घायल हो गए. पिछले महीने, भारत ने काउंटर-टेररिज्म कमेटी (CTC) की भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की दो दिवसीय आतंकवाद विरोधी बैठक की मेजबानी की.

बैठक के बाद एक दिल्ली घोषणा जारी की गई जिसमें रेखांकित किया गया कि आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचने का अवसर एक महत्वपूर्ण चिंता बनी हुई है और यह कि सभी सदस्य राष्ट्रों को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी तरह से सहयोग करना चाहिए. घोषणापत्र में यह भी स्वीकार किया गया कि सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है.

ये भी पढ़ें- मुंबई आतंकवादी हमले की 14वीं बरसी: राष्ट्रपति मुर्मु ने सुरक्षाकर्मियों को दी श्रद्धांजलि

यूएनएससी की विशेष बैठक के दौरान, जयशंकर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरे से निपटने के सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद आतंकवाद का वैश्विक खतरा बढ़ रहा है, विशेष रूप से एशिया और अफ्रीका में. आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरा बना हुआ है. पिछले दो दशकों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इस खतरे से निपटने के लिए मुख्य रूप से आतंकवाद विरोधी प्रतिबंधों को लेकर कदम उठाया है. इसने उन देशों को प्रभावी रूप से नोटिस दिया है जिन्होंने आतंकवाद का वित्तपोषण किया.

(एएनआई)

Last Updated : Nov 26, 2022, 10:11 AM IST
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