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याद रखें, आपकी सुरक्षा के लिए जरूरी है टू वीलर इंश्योरेंस

बाइक रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गई है क्योंकि यह अफोर्डेबल ट्रांसपोर्ट का सबसे अच्छा और सस्ता साधन है. युवा मोटरसाइकिल और बुजुर्ग स्कूटर को पसंद करते हैं. मगर महत्वपूर्ण यह है कि आपने अपनी बाइक का बीमा कराया है या नहीं. बीमा आपकी गाड़ी को चोरी, दुर्घटनाओं और प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाले नुकसान से बचाएगा.

two-wheeler insurance
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Published : Jan 29, 2022, 9:23 AM IST

हैदराबाद: टूवीलर बेहतरीन माइलेज देते हैं और लंबे समय तक चलने वाले होते हैं. इसकी मेंटिंनेंस लागत भी कम है. एक एवरेज टूवीलर ज्यादा महंगा नहीं है. अगर आप टू वीलर खरीदने के लिए एकमुश्त बजट का प्रेशर कम करना चाहते हैं तो किफायती टू वीलर लोन का लाभ उठा सकते हैं.

यदि आपके पास टूवीलर है तो इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना अनिवार्य है. इंश्योरेंस आपके वाहन को चोरी, दुर्घटना और प्राकृतिक आपदाओं जैसी अप्रत्याशित घटनाओं के कारण होने वाले नुकसान से बचाने में आपकी मददगार है. बीमा पॉलिसी में निवेश करने से आपकी बाइक की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. जानते हैं कि बीमा पॉलिसी खरीदते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.

वाहन बीमा (Vehicle Insurance) : बाइक की कीमत फीचर्स, मैन्युफैक्चर्स और मॉडल के आधार पर अलग-अलग होती है. बीमा कवरेज टूवीलर की कीमत पर आधारित होती है यानी इंश्योरेंस का प्रीमियम सीधे वाहन की कीमत से तय होता है. 75,000 रुपये की बाइक का प्रीमियम 1 लाख रुपये की बाइक से कम होता है. प्रीमियम की दर क्यूबिक कैपेसिटी (सीसी) के आधार पर बदलती रहती है. 350cc बाइक की तुलना में 75cc बाइक का प्रीमियम कम होगा. बीमा नियामक प्राधिकरण सीसी के आधार पर स्लैब दरों को परिभाषित करता है. इलेक्ट्रिक वाहनों के मार्केट में आने के बाद अब इलेक्ट्रिक टू-वीलर्स का प्रीमियम भी किलोवाट के आधार पर तय किया जा रहा है.

इस बात को ध्यान में रख लें कि इंश्योरेंस वैल्यू में आपकी बाइक की कीमत समय के साथ घटती जाएगी. पुरानी बाइक के लिए कीमत में कमी का दर अधिक है, जबकि नई बाइक (छह महीने पुरानी) के लिए यह पांच प्रतिशत है. पांच साल से अधिक पुरानी बाइक के लिए 50 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है.

बाइक के इंश्योरेंस के लिए कवरेज प्लान क्या हैं

टू-वीलर इंश्योरेंस में दो तरह के कवरेज होती हैं एक थर्ड पार्टी (third party) और दूसरा कंप्रहेंसिव (Comprehensive) कवर है. वैसे तो सड़क पर चलने वाली हर बाइक के लिए थर्ड पार्टी कवर जरूर होना चाहिए. यह आपके वाहन द्वारा आपके तीसरे पक्ष को हुए वित्तीय नुकसान की भरपाई करेगा. थर्ड पार्टी कवर में वाहन के लिए सुरक्षा नहीं होती है. कंप्रहेंसिव पॉलिसी भूकंप, बाढ़ और सड़क फिसलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं को कवर करती है. इतना ही नहीं, दुर्घटनाओं और चोरी से होने वाले नुकसान के लिए भी इसके तहत कवर किया जाता है. इसका प्रीमियम थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर से ज्यादा होता है. कीमत ज्यादा होने पर भी कंप्रहेंसिव कवर लेना बेहतर है.

इंश्योरेंस डिक्लेयर्ड वैल्यू (Insurance Declared Value) : बीमा घोषित मूल्य (Insurance Declared Value ) बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इंश्योरेंस कंपनी की ओर बाइक की अधिकतम कीमत है. यह कमीत टूवीलर के पूरी तरह से क्षतिग्रस्त या चोरी होने पर कंपनी की ओर से दी जाती है. बता दें कि प्रत्येक रिन्यूअल के बाद बाइक की कीमत घट जाती है.

नो क्लेम बोनस (No Claim Bonus) : अगर आप फाइनैंशियल सेशन में इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम नहीं करते हैं तो आपकी बीमा कंपनी की ओर से नो क्लेम बोनस (एनसीबी) दिया जाता है. यह छूट पूर्व निर्धारित स्लैब के अनुसार दी जाती है. बोनस 20 प्रतिशत से लेकर अधिकतम 50 प्रतिशत तक होता है. नो क्लेम बोनस ( NCB) आपके वाहन के प्रीमियम को कम कर देता है.

ऐड ऑन कवर (Add-on covers) : इसके अलावा, ऐड-ऑन कवर आपके वाहन को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं. आप खुद कवरेज की प्लानिंग कर सकते हैं. प्रत्येक ऐड-ऑन के लिए एक विशिष्ट आवश्यकता को पूरा करना पड़ता है. इनमें रोडसाइड असिस्टेंस, जीरो डिप्रेशन, मेडिकल कवर और इंजन प्रोटेक्शन शामिल हैं. आप अपनी जरूरतों के हिसाब से ऐड-ऑन का चुनाव कर सकते हैं. बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के हेड-रिटेल अंडरराइटिंग गुरदीप सिंह बत्रा के अनुसार, यदि आप इन सभी को ध्यान में रखते हैं तो इंश्योरेंस के रिन्यूअल के समय या नई बीमा पॉलिसी लेते समय प्रीमियम कैलकुलेशन करना आसान हो जाएगा.

पढ़ें : कम उम्र में ही खरीदें हेल्थ इंश्योरेंस, तभी मिलेगा पॉलिसी का असली फायदा

हैदराबाद: टूवीलर बेहतरीन माइलेज देते हैं और लंबे समय तक चलने वाले होते हैं. इसकी मेंटिंनेंस लागत भी कम है. एक एवरेज टूवीलर ज्यादा महंगा नहीं है. अगर आप टू वीलर खरीदने के लिए एकमुश्त बजट का प्रेशर कम करना चाहते हैं तो किफायती टू वीलर लोन का लाभ उठा सकते हैं.

यदि आपके पास टूवीलर है तो इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना अनिवार्य है. इंश्योरेंस आपके वाहन को चोरी, दुर्घटना और प्राकृतिक आपदाओं जैसी अप्रत्याशित घटनाओं के कारण होने वाले नुकसान से बचाने में आपकी मददगार है. बीमा पॉलिसी में निवेश करने से आपकी बाइक की सुरक्षा सुनिश्चित होगी. जानते हैं कि बीमा पॉलिसी खरीदते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए.

वाहन बीमा (Vehicle Insurance) : बाइक की कीमत फीचर्स, मैन्युफैक्चर्स और मॉडल के आधार पर अलग-अलग होती है. बीमा कवरेज टूवीलर की कीमत पर आधारित होती है यानी इंश्योरेंस का प्रीमियम सीधे वाहन की कीमत से तय होता है. 75,000 रुपये की बाइक का प्रीमियम 1 लाख रुपये की बाइक से कम होता है. प्रीमियम की दर क्यूबिक कैपेसिटी (सीसी) के आधार पर बदलती रहती है. 350cc बाइक की तुलना में 75cc बाइक का प्रीमियम कम होगा. बीमा नियामक प्राधिकरण सीसी के आधार पर स्लैब दरों को परिभाषित करता है. इलेक्ट्रिक वाहनों के मार्केट में आने के बाद अब इलेक्ट्रिक टू-वीलर्स का प्रीमियम भी किलोवाट के आधार पर तय किया जा रहा है.

इस बात को ध्यान में रख लें कि इंश्योरेंस वैल्यू में आपकी बाइक की कीमत समय के साथ घटती जाएगी. पुरानी बाइक के लिए कीमत में कमी का दर अधिक है, जबकि नई बाइक (छह महीने पुरानी) के लिए यह पांच प्रतिशत है. पांच साल से अधिक पुरानी बाइक के लिए 50 प्रतिशत तक की कमी हो सकती है.

बाइक के इंश्योरेंस के लिए कवरेज प्लान क्या हैं

टू-वीलर इंश्योरेंस में दो तरह के कवरेज होती हैं एक थर्ड पार्टी (third party) और दूसरा कंप्रहेंसिव (Comprehensive) कवर है. वैसे तो सड़क पर चलने वाली हर बाइक के लिए थर्ड पार्टी कवर जरूर होना चाहिए. यह आपके वाहन द्वारा आपके तीसरे पक्ष को हुए वित्तीय नुकसान की भरपाई करेगा. थर्ड पार्टी कवर में वाहन के लिए सुरक्षा नहीं होती है. कंप्रहेंसिव पॉलिसी भूकंप, बाढ़ और सड़क फिसलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं को कवर करती है. इतना ही नहीं, दुर्घटनाओं और चोरी से होने वाले नुकसान के लिए भी इसके तहत कवर किया जाता है. इसका प्रीमियम थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर से ज्यादा होता है. कीमत ज्यादा होने पर भी कंप्रहेंसिव कवर लेना बेहतर है.

इंश्योरेंस डिक्लेयर्ड वैल्यू (Insurance Declared Value) : बीमा घोषित मूल्य (Insurance Declared Value ) बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इंश्योरेंस कंपनी की ओर बाइक की अधिकतम कीमत है. यह कमीत टूवीलर के पूरी तरह से क्षतिग्रस्त या चोरी होने पर कंपनी की ओर से दी जाती है. बता दें कि प्रत्येक रिन्यूअल के बाद बाइक की कीमत घट जाती है.

नो क्लेम बोनस (No Claim Bonus) : अगर आप फाइनैंशियल सेशन में इंश्योरेंस कंपनी से क्लेम नहीं करते हैं तो आपकी बीमा कंपनी की ओर से नो क्लेम बोनस (एनसीबी) दिया जाता है. यह छूट पूर्व निर्धारित स्लैब के अनुसार दी जाती है. बोनस 20 प्रतिशत से लेकर अधिकतम 50 प्रतिशत तक होता है. नो क्लेम बोनस ( NCB) आपके वाहन के प्रीमियम को कम कर देता है.

ऐड ऑन कवर (Add-on covers) : इसके अलावा, ऐड-ऑन कवर आपके वाहन को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करते हैं. आप खुद कवरेज की प्लानिंग कर सकते हैं. प्रत्येक ऐड-ऑन के लिए एक विशिष्ट आवश्यकता को पूरा करना पड़ता है. इनमें रोडसाइड असिस्टेंस, जीरो डिप्रेशन, मेडिकल कवर और इंजन प्रोटेक्शन शामिल हैं. आप अपनी जरूरतों के हिसाब से ऐड-ऑन का चुनाव कर सकते हैं. बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के हेड-रिटेल अंडरराइटिंग गुरदीप सिंह बत्रा के अनुसार, यदि आप इन सभी को ध्यान में रखते हैं तो इंश्योरेंस के रिन्यूअल के समय या नई बीमा पॉलिसी लेते समय प्रीमियम कैलकुलेशन करना आसान हो जाएगा.

पढ़ें : कम उम्र में ही खरीदें हेल्थ इंश्योरेंस, तभी मिलेगा पॉलिसी का असली फायदा

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