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SC कॉलेजियम ने 4 हाई कोर्ट में जजों के प्रमोशन हेतु 16 नामों की सिफारिश की

मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) एन वी रमना (N V Ramana) की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम (Supreme Court collegium) ने बंबई, गुजरात, उड़ीसा और पंजाब और हरियाणा के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के लिए पदोन्नति के लिए 16 नामों की सिफारिश की है.

एन वी रमना
एन वी रमना
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Published : Sep 30, 2021, 4:11 PM IST

Updated : Oct 5, 2021, 3:12 PM IST

नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) एन वी रमना (N V Ramana) की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ( Supreme Court collegium) ने बंबई, गुजरात, उड़ीसा और पंजाब और हरियाणा के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के लिए पदोन्नति के लिए 16 नामों की सिफारिश की है.

बुधवार को हुई अपनी बैठक में कॉलेजियम ने इन चार उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के रूप में 16 नामों - छह न्यायिक अधिकारियों (judicial officers ) और 10 अधिवक्ताओं को पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी.

गुरुवार को शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए बयानों के अनुसार, कॉलेजियम ने चार न्यायिक अधिकारियों - ए एल पानसरे (A L Pansare) , एस सी मोरे (S C More), यूएस जोशी-फाल्के (U S Joshi-Phalke) और बीपी देशपांडे (B P Deshpande) को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

इसी तरह कॉलेजियम ने अधिवक्ता आदित्य कुमार महापात्र (advocates Aditya Kumar Mohapatra) और मृगंका शेखर साहू ( Mruganka Sekhar Sahoo ) और न्यायिक अधिकारियों राधा कृष्ण पटनायक (judicial officers Radha Krishna Pattanaik) और शशिकांत मिश्रा (Sashikanta Mishra) के नामों की सिफारिश उड़ीसा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में की है.

गुजरात उच्च न्यायालय के लिए कॉलेजियम ने सात अधिवक्ताओं - मौना मनीष भट्ट, समीर जे दवे, हेमंत एम प्रच्छक, संदीप एन भट्ट, अनिरुद्ध प्रद्युम्न माई, निराल रश्मीकांत मेहता और निशा महेंद्रभाई ठाकोर को न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

एक बयान में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 29 सितंबर, 2021 को हुई अपनी बैठक में अधिवक्ता संदीप मौदगिल को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

सीजेआई के अलावा, तीन सदस्यीय कॉलेजियम जो उच्च न्यायालयों में नियुक्ति से संबंधित है. इसमें जस्टिस यू यू ललित और ए एम खानविलकर शामिल हैं.

कॉलेजियम देश में उच्च न्यायपालिका में बड़ी संख्या में रिक्त पदों को भरने के लिए नामों की सिफारिश करके कदम उठा रहा है.

इस साल अप्रैल में सीजेआई के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, न्यायमूर्ति रमना ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में नियुक्ति के लिए लगभग 100 नामों की सिफारिश की है, इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के नौ रिक्त पदों को भी भरा है.

पढ़ें - किसान आंदोलन पर SC सख्त, कहा-राजमार्गों को हमेशा के लिए कैसे किया जा सकता है अवरुद्ध

देश के 25 उच्च न्यायालयों में 1,080 न्यायाधीशों की संयुक्त स्वीकृत शक्ति है और 1 मई, 2021 तक वह केवल 420 न्यायाधीशों के साथ काम कर रहे थे.

कॉलेजियम ने 17 अगस्त को एक ऐतिहासिक फैसले में तीन महिलाओं सहित नौ नामों की सिफारिश की थी, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था.

31 अगस्त को शपथ ग्रहण समारोह में केंद्र द्वारा महत्वपूर्ण गति के साथ नामों को मंजूरी दी गई जब नए न्यायाधीशों को शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के रूप में पद की शपथ दिलाई गई.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : भारत के मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) एन वी रमना (N V Ramana) की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ( Supreme Court collegium) ने बंबई, गुजरात, उड़ीसा और पंजाब और हरियाणा के उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के लिए पदोन्नति के लिए 16 नामों की सिफारिश की है.

बुधवार को हुई अपनी बैठक में कॉलेजियम ने इन चार उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के रूप में 16 नामों - छह न्यायिक अधिकारियों (judicial officers ) और 10 अधिवक्ताओं को पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी.

गुरुवार को शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए बयानों के अनुसार, कॉलेजियम ने चार न्यायिक अधिकारियों - ए एल पानसरे (A L Pansare) , एस सी मोरे (S C More), यूएस जोशी-फाल्के (U S Joshi-Phalke) और बीपी देशपांडे (B P Deshpande) को बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) के न्यायाधीशों के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

इसी तरह कॉलेजियम ने अधिवक्ता आदित्य कुमार महापात्र (advocates Aditya Kumar Mohapatra) और मृगंका शेखर साहू ( Mruganka Sekhar Sahoo ) और न्यायिक अधिकारियों राधा कृष्ण पटनायक (judicial officers Radha Krishna Pattanaik) और शशिकांत मिश्रा (Sashikanta Mishra) के नामों की सिफारिश उड़ीसा उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के रूप में की है.

गुजरात उच्च न्यायालय के लिए कॉलेजियम ने सात अधिवक्ताओं - मौना मनीष भट्ट, समीर जे दवे, हेमंत एम प्रच्छक, संदीप एन भट्ट, अनिरुद्ध प्रद्युम्न माई, निराल रश्मीकांत मेहता और निशा महेंद्रभाई ठाकोर को न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

एक बयान में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 29 सितंबर, 2021 को हुई अपनी बैठक में अधिवक्ता संदीप मौदगिल को पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.

सीजेआई के अलावा, तीन सदस्यीय कॉलेजियम जो उच्च न्यायालयों में नियुक्ति से संबंधित है. इसमें जस्टिस यू यू ललित और ए एम खानविलकर शामिल हैं.

कॉलेजियम देश में उच्च न्यायपालिका में बड़ी संख्या में रिक्त पदों को भरने के लिए नामों की सिफारिश करके कदम उठा रहा है.

इस साल अप्रैल में सीजेआई के रूप में कार्यभार संभालने के बाद, न्यायमूर्ति रमना ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में नियुक्ति के लिए लगभग 100 नामों की सिफारिश की है, इसके अलावा सर्वोच्च न्यायालय में न्यायाधीशों के नौ रिक्त पदों को भी भरा है.

पढ़ें - किसान आंदोलन पर SC सख्त, कहा-राजमार्गों को हमेशा के लिए कैसे किया जा सकता है अवरुद्ध

देश के 25 उच्च न्यायालयों में 1,080 न्यायाधीशों की संयुक्त स्वीकृत शक्ति है और 1 मई, 2021 तक वह केवल 420 न्यायाधीशों के साथ काम कर रहे थे.

कॉलेजियम ने 17 अगस्त को एक ऐतिहासिक फैसले में तीन महिलाओं सहित नौ नामों की सिफारिश की थी, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था.

31 अगस्त को शपथ ग्रहण समारोह में केंद्र द्वारा महत्वपूर्ण गति के साथ नामों को मंजूरी दी गई जब नए न्यायाधीशों को शीर्ष अदालत के न्यायाधीशों के रूप में पद की शपथ दिलाई गई.

(पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Oct 5, 2021, 3:12 PM IST
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