नई दिल्ली: सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) समाज को जागृत एवं एकीकृत करने का काम कर रहा है ताकि भारत सम्पूर्ण विश्व के लिये एक 'आदर्श समाज' के रूप में उभर सके. भागवत ने कहा कि लोगों को समाज की सेवा के लिये सामुदायिक भाव के साथ आगे आना चाहिए, व्यक्तिगत रूप से नहीं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दिल्ली इकाई द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने संघ के स्वयंसेवकों द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न कल्याण कार्यो का उल्लेख किया. सरसंघचालक ने कहा, 'संघ, समाज को जागृत एवं एकीकृत करने के लिये तथा एक इकाई के रूप में अधिक संगठित करने के लिये काम कर रहा है ताकि भारत सम्पूर्ण विश्व के लिये एक 'आदर्श समाज' के रूप में उभर सके.'
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उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता के लिये समाज के विभिन्न वर्गो से अनेक विभूतियों ने योगदान एवं बलिदान दिया. भागवत ने कहा कि भारतीयों का डीएनए और बुनियादी स्वभाव है कि वे समाज के रूप में सोचते हैं, व्यक्तिगत रूप से नहीं तथा हमें इन्हें और प्रोत्साहित करने की जरूरत है. कल्याण कार्यो का उल्लेख करते हुए भागवत ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक बिना व्यक्तिगत हितों पर ध्यान दिये हुए सम्पूर्ण समाज के लिये काम करते हैं. उन्होंने कहा कि हमें कल्याण कार्य करते समय 'मैं और मेरा' के भाव से ऊपर उठने की जरूरत है और इससे हमें एक समाज के रूप में विकसित होने में मदद मिलेगी.