सिरोही. महिला पुलिस थाने में एक नाबालिग लड़की ने जिस लड़के पर अपरहण कर 2 दिन तक रेप करने का आरोप लगाया, पुलिस गिरफ्त में आने पर उसने कहा कि वह रेप कर ही नहीं सकती है. क्योंकि वह लड़की है. इस पर पुलिस ने उसकी मेडिकल बोर्ड से जांच करवाई, तो उसकी बात सच (Rape accused turn out to be woman in Sirohi) निकली. आरोपी ने बताया कि वह 3 साल के बच्चे की मां है.
महिला पुलिस थानाधिकारी सब इंस्पेक्टर माया पंडित ने बताया कि महिला पुलिस थाने में गत 28 नवंबर को एक नाबालिग लड़की ने मामला दर्ज कर बताया कि एक युवक उसका अपहरण कर ले गया और 2 दिन अपने साथ रख दुराचार किया. इसके बाद उसे ऑटोरिक्शा में बैठा कर सारणेश्वरजी से थोड़ी दूरी पर छोड़कर शिवगंज की तरफ चला गया. पुलिस ने अपहरण करने वाले युवक की सरगर्मी से तलाश थी. युवक का जो नाम बताया गया था, उस नाम का कोई युवक मिला ही नहीं.
पढ़ें: बीना शर्मा हत्याकांड में बड़ा खुलासा, मेडिकल जांच में किन्नर सुरजीत उर्फ सुनीता निकला पुरुष
पुलिस ने वापस पीड़िता से उस युवक के हुलिए को लेकर नए सिरे से तलाश शुरू की. पुलिस आरोपी युवक को पकड़कर थाने ले आई. पुलिस पूछताछ में लड़के ने बताया कि वह उस लड़की को लेकर जरूर गया था, लेकिन उसने ऐसा कुछ नहीं किया, क्योंकि वह लड़का नहीं लड़की है. थानाधिकारी ने प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखते हुए मेडिकल बोर्ड से जांच के लिए कहा. गाइनो स्पेशलिस्ट सहित चार अन्य डॉक्टरों की टीम ने आरोपी युवक की जांच शुरू की. जांच में बताया गया कि आरोपी लड़का नहीं, महिला है. करीब 3 साल पहले वह एक बच्चे को जन्म दे चुकी है. पुलिस ने इस मामले में दुष्कर्म का मामला झूठा पाया. जबकि नाबालिग को बहला-फुसलाकर ले जाने का अपराध पाया गया.
पढ़ें: कोटा में महिला ने विकास शर्मा बनकर की महिला से शादी, 4 महीने बाद हुआ खुलासा...
थानाधिकारी ने बताया कि आरोपी युवती ने कहा कि उसने जब होश संभाला, उससे पहले ही उसके माता-पिता की मौत हो चुकी थी. जब बड़ी हुई, तो उसके भाई ने उसे किसी को बेच दिया था. बाद में उसने शादी की तथा एक बेटा भी हुआ. लेकिन उस आदमी ने भी इसको छोड़ दिया. इससे परेशान होकर उसने अपने बाल कटवाए तथा पैंट-शर्ट पहनकर लड़कों की तरह रहने लगी. लड़के की तरह जीवन यापन करते हुए उसने सिरोही जिले में अलग-अलग होटल व ढाबों पर नौकरी की. कहीं एक महीना, तो कहीं 10 दिन तो कहीं 15 दिन. बाद में वह कैटरिंग वालों के साथ शादी विवाह में लड़का बनकर जाने लगी. वहीं पर कभी बर्तन धोने, तो कभी दूसरा काम करके पेट भरती रही.
पढ़ें: इस जिले में तैनात महिला आरक्षक बनेगी पुरुष, लिंग परिवर्तन कराने की मिली अनुमति
कैटरिंग वालों के यहां काम करते हुए उसे पुलिस पकड़ कर महिला थाने लाई थी. युवती ने पुलिस को यह भी बताया कि वह जब भी कहीं काम करती, तो वह खुद का नाम, पिता का नाम और गांव का नाम भी अलग बताती थी. मेडिकल बोर्ड से जांच के बाद आरोपी को संबंधित न्यायालय में पेश किया तथा न्यायालय के आदेश पर उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजा. इस मामले में सिरोही सरकारी अस्पताल के मेडिसिन हेड प्रोफेसर डॉ वीरेंद्र महात्मा ने बताया कि आरोपी युवक की जांच की गई थी, जिसे पुरुष बताया जा रहा था. दरअसल वह महिला है. जांच में यह भी सामने आया कि उसके 3 साल की संतान है.