नई दिल्ली : दिल्ली के भारत मंडपम में इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर चल रहा है. यहां हॉल नंबर 9 और 10 में सरस अजीविका मेले का आयोजन किया गया है. इसमें देशभर के 31 राज्यों से आईं करीब 50 लाखपति दीदियों ने भाग लिया है. इसमें कई ऐसी लाखपति दीदियां हैं, जो पहली बार मेले का हिस्सा बनी हैं. इसमें एक दीदी हैं दिया मुखर्जी. ये वेस्ट बंगाल में हुबली डिस्ट्रिक की रहने वाली हैं. ये ग्राहकों की डिमांड पर कपड़ों पर अनूठी चित्रकारी को उकेरती हैं.
कलाकार दिया मुखर्जी ने कई कामों में आजमाया था हाथ : दिया मुखर्जी ने बताया कि मैं पहले चित्रकार नहीं थी. ग्रेजएशन में कैमिस्ट्री ऑनर्स की पढ़ाई की. कई सरकारी नौकरियों का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो पायी. प्राइवेट सेक्टर में भी नौकरी की. वहां भी संतुष्टि नहीं मिली. काफी महीनों तक फ्रस्ट्रेशन में रही. इसके बाद कोरोना महामारी के दौरान घर पर ही पेंटिंग करनी शुरू की.
दिया मुखर्जी ने पहले हॉबी और फिर प्रोफेशन के रूप में शुरू की पेंटिग : दिया ने पेंटिंग को हॉबी के रूप में शुरू किया था. और देखते ही देखते वही उनका पैशन बन गया. इसके बाद दिया मुखर्जी कभी निराश नहीं हुई. अब वह अपनी सफलता से काफी खुश हैं. दिया आगे बताती हैं कि जब उनको पेंटिंग करने में आनंद आने लगा, तो उन्होंने उसे प्रोफेशन का रूप दे दिया. दिया ने अपनी कला को कपड़ों पर उभारना शुरू किया. वह भी ऐसे कपड़ों पर, जिसे लोग कम कीमत में खरीद सकें. जैसे टी-शर्ट, सूट के कपड़े, कुर्ते के कपड़े आदि.
आम लोगों के बजट में आने वाली पेंटिग है दिया का लक्ष्य : आम तौर पर बाजार में मिलने वाली चित्रकलाओं की कीमत काफी ज्यादा होती है. आर्ट गैलरी में लाखों की कीमत वाली कलाएं सेल होती है।. जो आम इंसान की पहुंच से दूर होती है उनको खरीदना काफी मुश्किल होता है. लेकिन दिया का लक्ष्य है कि वह कम बजट में लोगों को उनकी पसंद की चित्रकारी के कपड़े सेल कर सकें. इस सोच से उन्होंने अपने काम को आगे बढ़ाया.
कई सरकारी प्रदर्शनियों में डिस्प्ले हो चुकी है दिया की पेंटिग्स :उन्होंने अपनी इन कलाओं को कई सरकारी प्रदर्शनियों में डिस्प्ले किया है. इसके बाद भी दिया ने अपने हुनर का आगे बढ़ाते हुए कई छोटी बच्चियों को इसकी ट्रेनिंग दी. अब उनकी कमाई का भी यही माध्यम है. दिया के कपड़ों में जो कलाएं बनती हैं, उनको बनाने में 3 से 24 घंटे तक का समय लगता है. वहीं सबसे सस्ती टी-शर्ट की कीमत 800 रुपए और अधिकतम का दाम 1200 रुपए है.
ट्रेड फेयर में आकर बहुत अच्छा रहा अनुभव : दिया ने बताया कि उनको ट्रेड फेयर में आकर बहुत अच्छा लगा. दिल्ली की जनता को उनकी कलाएं काफी पसंद आ रही हैं. इसमें खास बात यह है कि जो भी ग्राहक उनके स्टॉल पर आते है, वह केवल एक पीस नहीं लेता बल्कि 4 से 5 पीस लेता है. ये रिस्पॉन्स खुश कर देता है. इसके अलावा कई लोगों ने आर्डर भी दिए हैं.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय की ओर से सरस आजीविका मेले का आयोजन : बता दें कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा समर्थित सरस आजीविका मेला 2024 का आयोजन भारत मंडपम में 43वें विश्व व्यापार मेले में किया गया है. इस उत्सव में 31 राज्यों की 300 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, 150 से अधिक स्टॉलों पर अपनी-अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन और बिक्री कर रही हैं.
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