उदयपुर. जिले में रविवार को कांग्रेस के नव संकल्प शिविर के अंतिम दिन राहुल गांधी ने आरएसएस और भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए देश में हिंसा के स्थान पर चर्चा को महत्व देने की बात पर जोर दिया. इस दौरान राहुल गांधी ने पार्टी की कमान फिर से संभालने के संकेत (Rahul gandhi big statement in Nav Sankalp Shivir) देते हुए कहा कि जो लड़ाई आरएसएस और भाजपा के खिलाफ हमें लड़नी है वह केवल राजनीतिक नहीं बल्कि मजबूत संस्थाओं के खिलाफ भी है और मैं यह लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हूं. राहुल गांधी ने कहा कि मैंने भारत माता का एक भी पैसा नहीं लिया, मैंने भ्रष्टाचार नहीं किया है और मैं सच्चाई बोलने से नहीं डरता. वहीं उन्होंने संगठन में कई परिवर्तन करने की बात कहते हुए पार्टी में फैमिली टिकट सिस्टम को बंद करने और जल्द से जल्द संगठन के अन्य चुनाव करवाने की भी बात कही.
भाजपा में आरएसएस तय करती है क्या बोलना है, क्या नहीं
नव संकल्प शिविर के अंतिम दिन रविवार को राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि कई दिनों से हमारे डिस्कशन चल रहे हैं. कांग्रेस नेतृत्व भी इस डिस्कशन में शामिल हुआ. मैं खुद हर कमरे में गया और जब सबको सुन रहा था लोगों को नहीं पता था कि बंद कमरे में कितना इंटेलिजेंट डिस्कशन चल रहा था. राहुल ने कहा कि देश की कौन सी ऐसी राजनीतिक पार्टी है, जो दल में ऐसी चर्चा को छूट दे. ऐसी चर्चा न आरएसएस करवा सकती है और न भाजपा. भाजपा में तो आरएसएस तय करती है कि क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना.
भाजपा में दलितों के लिए कोई जगह नहीं. इस तरह की चर्चा कोई रीजनल पार्टी भी नहीं करवा सकती. राहुल गांधी ने कहा कि हमारी पार्टी का डीएनए और देश का डीएनए एक है. हमे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पार्टी में कौन सी जाति, किस धर्म का व्यक्ति है और कहां से आता है. कांग्रेस पार्टी में हर कोई बिना डरे अपनी बात रख सकता है लेकिन दुर्भाग्य से देश की राजनीति में आपसी चर्चा का कोई स्थान नहीं है. राहुल गांधी ने कहा कि हमारे सामने दो ही रास्ते हैं या तो आप देश में चर्चा को स्वीकार करें या फिर देश में हिंसा के प्रयोग को स्वीकार करें.
महंगाई और बेरोजगारी से देश का डेमोग्राफिक डिविडेंड डेमोग्राफिक डिजास्टर में तब्दील हो जाएगा
राहुल गांधी ने कहा कि देश मे सभी संस्थाओं के हालात खराब हैं. उन्हें बोलने नही दिया जाता है. संसद में माइक फेंके जाते हैं, बातचीत तक नहीं करने दी जाती है. इलेक्शन कमीशन भी मजबूर है. हर कोई जानता है पेगासस शब्द को, यह एक सॉफ्टवेयर नहीं है बल्कि पॉलीटिकल क्लास को चुप कराने का एक रास्ता है. पॉलिटिकल दबाव बनाए रखने का एक विकल्प है. सवाल यह है कि कांग्रेस पार्टी इसको रिस्पांस कैसे करें. कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री ने कहा था हम गेहूं एक्सपोर्ट करेंगे लेकिन अचानक उसके एक्सपोर्ट बंद कर कर दिया जाता है. नरेंद्र मोदी ने 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की बात कही, लेकिन देश में बेरोजगारी आज से ज्यादा कभी नहीं रही.
भाजपा, नरेंद्र मोदी और उनकी विचारधारा ने युवाओं को तोड़ दिया है. आने वाले समय आपको देखने को मिलेगा देश का युवा रोजगार नहीं पा सकेगा. एक तरफ बेरोजगारी दूसरी तरफ आने वाले समय में महंगाई जबरदस्त बढ़ेगी और जो देश में जिसे हम डेमोग्राफिक डिविडेंड कहते थे वह डेमोग्राफिक डिजास्टर में बदल जाएगा. इसके लिए कांग्रेस नहीं भाजपा जिम्मेदार है लेकिन हमारी जिम्मेदारी जनता के साथ खड़े होने की बनती है. कांग्रेस पार्टी को इंटरनल फोकस से बाहर निकलकर जनता के पास जाना होगा. चाहे हमारे जूनियर नेता हों या सीनियर नेता उन्हें जनता के बीच जाकर बैठना होगा और जनता की लड़ाई लड़नी होगी.
भाजपा और आरएसएस के जहरीले एजेंडा के खिलाफ कांग्रेस को लड़नी होगी लड़ाई
राहुल गांधी ने कहा कि हमें महीनों लोगों के बीच गुजारने होंगे और खुद जाकर समझना होगा कि किसान और मजदूर क्या सोच रखता है. 21वीं सदी कम्युनिकेशन की है और आज दूसरे लोगों के पास हमसे ज्यादा पैसा है और वह हमसे ज्यादा बेहतर कम्युनिकेशन कर रहे हैं. इसलिए हमें कम्युनिकेशन सिस्टम को नए तरीके से सुधारना होगा. राहुल ने कहा कि मैं यह नहीं कहता कि हम वरिष्ठ नेताओं को त्याग देंगे लेकिन डीसीसी और ब्लॉक स्तर पर हमें युवाओं को आगे लाना होगा. ऐसे में जब नई जिला और ब्लाक कार्यकारिणी बनाएंगे तो युवाओं की टीम तैयार करेंगे ताकि आरएसएस के जहरीले एजेंडे से मजबूती से लड़ सकें.
एक व्यक्ति को ही एक परिवार से टिकट मिलना चाहिए. हमें फैमिली मेंबर सिस्टम को रोकना होगा. मेंरी लड़ाई आरएसएस और भाजपा की विचारधारा से है जो देश के सामने एक बड़ा खतरा है. मेरी लड़ाई उस विचारधारा से है जो लोग नफरत फैलाते हैं, जो हिंसा फैलाते हैं. मैं उनके खिलाफ लड़ता हूं और लड़ना चाहता हूं. यह मेरी जिंदगी की लड़ाई है. मैं इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हूं कि हमारे देश में इतनी नफरत इतना क्रोध और हिंसा फैल सकती है.
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राहुल गांधी ने कहा कि हमारे खिलाफ बड़ी शक्तियां हैं. आरएसएस, भाजपा ही नहीं देश की सभी संस्थाओं से हमारी लड़ाई होगी. हम केवल एक राजनीतिक पार्टी से नहीं लड़ रहे बल्कि हम हिंदुस्तान के हर इंस्टिट्यूशन से लड़ रहे हैं. हम हिंदुस्तान के सबसे बड़े क्रोनी कैपिटल के खिलाफ लड़ रहे हैं, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि यह देश सच्चाई को मानता है. राहुल गांधी ने कहा कि मैंने भारत माता का एक भी पैसा नहीं खाया है और न ही कभी भ्रष्टाचार किया है. ऐसे में मैं हर लड़ाई को लड़ने के लिए तैयार हूं. वहीं राहुल गांधी के इस बयान को पार्टी के लोगों ने कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने का संकेत भी माना.
भाजपा और आरएसएस पूरे सिस्टम में अपने लोग डाल रहे हैं...
राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस देश में चाहे राजनीतिक सिस्टम हो या फिर कोई अन्य पद, ये लोग हर जगह अपने चहेतों को लगा रहे हैं. इससे जरूर 'आग' फैलेगी, ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम जनता के बीच जाएं और बताएं कि उनको बांटा जा रहा है. इससे देश मजबूत नहीं, कमजोर होता है. इससे आपको और हमें फायदा नहीं नुकसान होगा. इस आग को रोकना हमारी और हमारे नेताओं की जिम्मेदारी है. यह काम केवल कांग्रेस पार्टी के नेता ही कर सकते हैं. कांग्रेस जनता की पार्टी है. इस देश में कोई ऐसी जाति और धर्म नहीं है जो ऐसा कह सके कि कांग्रेस ने उनके लिए पार्टी के दरवाजे बंद कर दिए हैं.
आरएसएस और भाजपा से रीजनल पार्टी नहीं लड़ सकती...
आरएसएस और भाजपा से कोई रीजनल पार्टी नहीं बल्कि कांग्रेस ही लड़ सकती है राहुल गांधी ने रीजनल पार्टियों की स्थिति पर भी अपनी बात रखते हुए कहा कि रीजनल पार्टी किसी जाति की है, वह सभी की नहीं है. कांग्रेस ही पूरे देश की पार्टी है. कांग्रेस को घबराने की जरूरत नहीं, हम सड़क पर उतरेंगे और भाजपा और आरएसएस की विचारधारा से पूरा दम लगा कर लड़ेंगे. हमारे सीनियर नेताओं ने भी साफ किया है कि हमें किस रास्ते पर जाना है और पार्टी को आगे क्या करना है.
कभी-कभी हमारे सीनियर नेता आ जाते हैं डिप्रेशन में, लेकिन यह लड़ाई आसान नहीं और मैं आपके साथ...
राहुल गांधी ने रविवार को अपने संबोधन में वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के डिप्रेशन में आने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस के हर कार्यकर्ता से यह कहना चाहता हूं कि यह हम सब की लड़ाई है. इस लड़ाई में हम सब शामिल हैं. मैं आपके साथ शामिल हूं, हमारे सब सीनियर नेता हैं. कांग्रेस प्रेसिडेंट हैं. हम सब एक साथ मिलकर भाजपा और आरएसएस के संगठन को और उसकी विचारधारा को हरा कर दिखाएंगे. कभी-कभी हमारे जो सीनियर नेता हैं, कार्यकर्ता हैं, थोड़ा डिप्रेशन में चले जाते हैं. यह सामान्य बात है, क्योंकि यह लड़ाई आसान नहीं है और यह लड़ाई रीजनल पार्टी भी नहीं लड़ सकती, क्योंकि यह विचारधारा की लड़ाई है.