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CRPF ने झारखंड बिहार सीमा पर भेदा नक्सलियों का गढ़, जारी है ऑपरेशन ऑक्टोपस

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने झारखंड के बूढ़ापहाड़ इलाके में बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करके नक्सलियों के गढ़ में प्रवेश करने में सफलता पा ली है. झारखंड-बिहार सीमा स्थित यह इलाका आजतक सुरक्षा बलों के लिए दुर्गम था. ईटीवी भारत के लिए गौतम देबरॉय की रिपोर्ट...

सीआरपीएफ ने झारखंड बिहार की सीमा पर भेदा नक्सलियों का गढ़
सीआरपीएफ ने झारखंड बिहार की सीमा पर भेदा नक्सलियों का गढ़
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Published : Sep 8, 2022, 10:36 AM IST

नई दिल्ली: झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन की संयुक्त टीमों ने रविवार को एक पूर्व नियोजित अभियान शुरू किया. जिसके बाद झारखंड के बूढ़ापहाड़ इलाके से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए. अधिकारियों ने बताया कि सिलेंडर बम, चीनी ग्रेनेड, गोला बारूद नाइट्रेट, बड़ी मात्रा में बेंत बम, प्रेशर कुकर आईईडी, केन आईईडी और कई अन्य प्रकार के विस्फोटक और गोला बारूद अभियान के दौरान बरामद हुए.

सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पहली बार है कि हम बूढ़ापहाड़ में प्रवेश कर पाये हैं. यह हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि नक्सली बूढ़ापहाड़ में अपने शिविरों से सुरक्षा बलों के खिलाफ रणनीति बनाते रहे हैं. बुधवार को ईटीवी भारत को एंटी नक्सल ऑपरेशन टीम के एक अधिकारी ने बताया कि 2018 में बुढ़ा पहाड़ में प्रवेश के लिए अभियान चलाया था लेकिन तब अभियान में शामिल 5 जवान मारे गये थे और हमें पीछे हटना पड़ा था.

पढ़ें: बूढ़ापहाड़ पर मुठभेड़: माओवादियों का बंकर ध्वस्त, 40 के करीब लैंड माइंस बरामद

अधिकारी ने कहा, बूढ़ापहाड़ में नक्सलियों के खिलाफ अभियान अभी भी जारी है. हमें क्षेत्र में कुछ और सफलता मिलने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि मिथिलास उर्फ ​​भिकारी, सौरव उर्फ ​​मरकस बाबा, नवीन, संतू समेत कुछ शीर्ष नक्सली नेता बुढ़ा पहाड़ इलाके में छिपे हैं. अधिकारी ने कहा कि हमने इलाके की हर तरफ से घेर लिया है कि कोई भी नक्सली इलाके से भाग न सके. बुढ़ा पहाड़ में छिपे सभी नक्सली नेताओं पर बड़ा इनाम घोषित है. अधिकारी ने कहा कि बिहार और छत्तीसगढ़ के सुरक्षा बल भी सीआरपीएफ को इलाके की घेराबंदी में मदद कर रहे हैं.

अभियान के क्रम में मौके 35 अलग-अलग तरह की सामग्री जब्त किया गया है. माओवादियों ने सारी सामग्री को एक बंकर में छिपा कर रखा था. अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने बंकर को ध्वस्त किया और सभी सामग्री को जब्त कर लिया है. माओवादियों के पास से चाइनीज लैंडमाइंस के अलावा अन्य तरह की सामग्री मिली है. माना जा रहा है कि ये पहली बार है कि बूढ़ा पहाड़ के इलाके में चायनीज सामग्री मिली है.

पढ़ें: बूढ़ापहाड़ से चाइनीज बम समेत मिला 106 लैंड माइंस, भारी मात्रा में गोली और नक्सल सामग्री भी जब्त

बूढ़ापहाड़ से क्या क्या बरामद हुआ: 10 किलो का सिलेंडर बम 02 , तीन किलो का लैंडमाइन 11, दो किलो का लैंडमाइन 07, एक किलो लैंडमाइन 06, टीफिन बम 5, प्रेशर कूकर बम 01, तीर बम 25, चाइनीज सिलेंडर ग्रेनेड 1, चाइनीस ग्रेनेड 35, चाइनीस कोन ग्रेनेड 3, अमोनियम नाइट्रेट 2 किलो, 2 किलो यूरिया, अर्ध निर्मित बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, ड्रिल मशीन, विभिन्न तरह के 15 पाइप, 20 फीट अल्मुनियम सीट, 5 किलो नट बोल्ट, हैंडपंप सिलेंडर, एसएलआर का 350 गोली, केन लैंडमाइंस 16, प्रेसर लैंडमाइंस 03, 500 मीटर कोडेक्स वायर, 130 एविल इंजेक्शन, 130 नीडल इंजेक्शन, 100 साइकिल ट्यूब मिला है.

पढ़ें: बूढ़ापहाड़ में ताकत बढ़ाने में लगे हैं माओवादी, मानसून से पहले बड़े अभियान की तैयारी

अभियान के लिए बनाया गया है अस्थाई कैम्प: अभियान के लिए बुढ़ापहाड़ से सटे हुए इलाके में सुरक्षाबलों ने दर्जनों ट्रैक्टर को रिजर्व में रखा है. ट्रैक्टर के माध्यम से ही जवानों को कई तरह की सामग्री और टेंट पहुंचाई गई है. बूढ़ापहाड़ के इलाके में अभियान के लिए 20 से अधिक अस्थाई कैंप भी बनाए गए हैं. इन कैंप तक सामग्री को पंहुचाने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है. लातेहार के गारू, महुआडांड़, बारेसाढ़, छिपादोहर के इलाके में ट्रैक्टर रिजर्व में है. इस अभियान में कोबरा, जगुआर, सीआरपीएफ, जैप, आईआरबी और जिला बल शामिल है. इस अभियान में छत्तीसगढ़ के भी सुरक्षाबल शामिल हैं.

अभियान को लेकर कोबरा सीआरपीएफ के टॉप अधिकारी पलामू में कैंप कर रहे हैं. जबकि पलामू में ऑपरेशन का वार रूम बनाया गया है. पूरे अभियान पर पुलिस मुख्यालय और सीआरपीएफ के टॉप अधिकारी नजर बनाए हुए हैं. 15 दिन पहले बूढ़ापहाड़ के इलाके में अभियान के क्रम में नक्सलियों ने कई लैंडमाइंस विस्फोट किया था, जबकि सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ भी हुई थी. एक बार फिर से अभियान में 40 से अधिक कंपनी सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.

पढ़ें: Mission Budha Pahar: बूढ़ा नदी पर कच्चा पूल बना रहे जवान, कुजरूम, लाटू, तिसिया में बनेगा पुलिस कैंप

नई दिल्ली: झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन की संयुक्त टीमों ने रविवार को एक पूर्व नियोजित अभियान शुरू किया. जिसके बाद झारखंड के बूढ़ापहाड़ इलाके से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुए. अधिकारियों ने बताया कि सिलेंडर बम, चीनी ग्रेनेड, गोला बारूद नाइट्रेट, बड़ी मात्रा में बेंत बम, प्रेशर कुकर आईईडी, केन आईईडी और कई अन्य प्रकार के विस्फोटक और गोला बारूद अभियान के दौरान बरामद हुए.

सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह पहली बार है कि हम बूढ़ापहाड़ में प्रवेश कर पाये हैं. यह हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि नक्सली बूढ़ापहाड़ में अपने शिविरों से सुरक्षा बलों के खिलाफ रणनीति बनाते रहे हैं. बुधवार को ईटीवी भारत को एंटी नक्सल ऑपरेशन टीम के एक अधिकारी ने बताया कि 2018 में बुढ़ा पहाड़ में प्रवेश के लिए अभियान चलाया था लेकिन तब अभियान में शामिल 5 जवान मारे गये थे और हमें पीछे हटना पड़ा था.

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अधिकारी ने कहा, बूढ़ापहाड़ में नक्सलियों के खिलाफ अभियान अभी भी जारी है. हमें क्षेत्र में कुछ और सफलता मिलने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि मिथिलास उर्फ ​​भिकारी, सौरव उर्फ ​​मरकस बाबा, नवीन, संतू समेत कुछ शीर्ष नक्सली नेता बुढ़ा पहाड़ इलाके में छिपे हैं. अधिकारी ने कहा कि हमने इलाके की हर तरफ से घेर लिया है कि कोई भी नक्सली इलाके से भाग न सके. बुढ़ा पहाड़ में छिपे सभी नक्सली नेताओं पर बड़ा इनाम घोषित है. अधिकारी ने कहा कि बिहार और छत्तीसगढ़ के सुरक्षा बल भी सीआरपीएफ को इलाके की घेराबंदी में मदद कर रहे हैं.

अभियान के क्रम में मौके 35 अलग-अलग तरह की सामग्री जब्त किया गया है. माओवादियों ने सारी सामग्री को एक बंकर में छिपा कर रखा था. अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने बंकर को ध्वस्त किया और सभी सामग्री को जब्त कर लिया है. माओवादियों के पास से चाइनीज लैंडमाइंस के अलावा अन्य तरह की सामग्री मिली है. माना जा रहा है कि ये पहली बार है कि बूढ़ा पहाड़ के इलाके में चायनीज सामग्री मिली है.

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बूढ़ापहाड़ से क्या क्या बरामद हुआ: 10 किलो का सिलेंडर बम 02 , तीन किलो का लैंडमाइन 11, दो किलो का लैंडमाइन 07, एक किलो लैंडमाइन 06, टीफिन बम 5, प्रेशर कूकर बम 01, तीर बम 25, चाइनीज सिलेंडर ग्रेनेड 1, चाइनीस ग्रेनेड 35, चाइनीस कोन ग्रेनेड 3, अमोनियम नाइट्रेट 2 किलो, 2 किलो यूरिया, अर्ध निर्मित बैरल ग्रेनेड लॉन्चर, ड्रिल मशीन, विभिन्न तरह के 15 पाइप, 20 फीट अल्मुनियम सीट, 5 किलो नट बोल्ट, हैंडपंप सिलेंडर, एसएलआर का 350 गोली, केन लैंडमाइंस 16, प्रेसर लैंडमाइंस 03, 500 मीटर कोडेक्स वायर, 130 एविल इंजेक्शन, 130 नीडल इंजेक्शन, 100 साइकिल ट्यूब मिला है.

पढ़ें: बूढ़ापहाड़ में ताकत बढ़ाने में लगे हैं माओवादी, मानसून से पहले बड़े अभियान की तैयारी

अभियान के लिए बनाया गया है अस्थाई कैम्प: अभियान के लिए बुढ़ापहाड़ से सटे हुए इलाके में सुरक्षाबलों ने दर्जनों ट्रैक्टर को रिजर्व में रखा है. ट्रैक्टर के माध्यम से ही जवानों को कई तरह की सामग्री और टेंट पहुंचाई गई है. बूढ़ापहाड़ के इलाके में अभियान के लिए 20 से अधिक अस्थाई कैंप भी बनाए गए हैं. इन कैंप तक सामग्री को पंहुचाने के लिए ट्रैक्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है. लातेहार के गारू, महुआडांड़, बारेसाढ़, छिपादोहर के इलाके में ट्रैक्टर रिजर्व में है. इस अभियान में कोबरा, जगुआर, सीआरपीएफ, जैप, आईआरबी और जिला बल शामिल है. इस अभियान में छत्तीसगढ़ के भी सुरक्षाबल शामिल हैं.

अभियान को लेकर कोबरा सीआरपीएफ के टॉप अधिकारी पलामू में कैंप कर रहे हैं. जबकि पलामू में ऑपरेशन का वार रूम बनाया गया है. पूरे अभियान पर पुलिस मुख्यालय और सीआरपीएफ के टॉप अधिकारी नजर बनाए हुए हैं. 15 दिन पहले बूढ़ापहाड़ के इलाके में अभियान के क्रम में नक्सलियों ने कई लैंडमाइंस विस्फोट किया था, जबकि सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ भी हुई थी. एक बार फिर से अभियान में 40 से अधिक कंपनी सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.

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