हजारीबाग: जिले में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ रही है. बीते 3 महीना के जब आत्महत्या के आंकड़ों को खंगाल गया तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए. शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पोस्टमार्टम रजिस्टर के आंकड़ों के मुताबिक पिछले तीन माह के अंदर 31 से अधिक लोगों ने आत्महत्या कर ली है. आत्महत्या करने वालों में अधिकांश युवती, युवक और महिलाएं हैं जिनमें किसी ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली तो किसी ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी.
पड़ताल करने पर यह पता चला कि आत्महत्या करने की मुख्य वजह मानसिक तनाव और घरेलू विवाद रहा है. हजारीबाग के स्थानीय डॉ देवेंद्र सिंह देव ने आत्महत्या के बढ़ रहे आंकड़े के बारे में बताया कि इमोशन टूटने पर ऐसा कदम लोग उठा रहे हैं. मानसिक तनाव से उबरने के लिए काउंसलिंग की जरूरत है.
मानसिक तनाव के कई कारण होते हैं. परिस्थितियों पर निर्भर करता है जिसके बाद भी कई ऐसी परिस्थितियों बन जाती है जहां लोग अपना आपा खो देते हैं. मेंटल डिसऑर्डर का इलाज दवा से भी संभव है. इस मामले में हजारीबाग के एसपी मनोज रतन चौथे ने कहा कि आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है. इनमें छात्र-छात्राओं की संख्या सर्वाधिक है जो चिंताजनक है.
करियर को लेकर निराश होने के बजाय अपने करियर को बेहतर तरीके से मंजिल तक पहुंचाने के लिए संघर्ष का संकल्प होना चाहिए. छात्रों से अपील है कि किसी भी मामले को लेकर निराश होने के बाद आसान विकल्प के तौर पर आत्महत्या को नहीं अपनाना चाहिए. क्योंकि जिंदगी एक बार मिलती है. वहीं परिजनों से भी अपील है कि आप सभी निगरानी रखें ताकि बच्चे डिप्रेशन का शिकार ना हो.
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