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घर से चादर ले जाने जरूरत नहीं, इन ट्रेनों में मिलेगी बेडशीट, देखें लिस्ट - ट्रेनों में पर्दे चादर और बेडरोल की सेवा बहाल

ट्रेन से यात्रा करने वालों के लिए राहत भरी खबर है. अब उन्हें कंबल और बेडशीट लेकर सफर नहीं करना पड़ेगा. रेलवे ने यात्रियों को कोविड के दौर से पहले लागू नियम के अनुसार सुविधा देना शुरू कर दिया है. उत्तर रेलवे ने 92 रेल गाड़ियों में पर्दों की सुविधा और 26 रेल गाड़ियों में लिनेन (बेड‍िंग के ल‍िए म‍िलने वाली चादर) सेवाएं बहाल करने का फैसला किया है.

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Published : Apr 4, 2022, 10:32 PM IST

नई दिल्ली : उत्तर रेलवे ने राजधानी, गरीब रथ समेत 92 रेल गाड़ियों में पर्दों की सुविधा और 26 रेल गाड़ियों में लिनेन सेवाएं बहाल करने का फैसला किया है. कोरोना का दौर शुरू होने के बाद इंडियन रेलवे ने मार्च-2020 से यात्रियों को चादर, तकिया और कंबल देना बंद कर दिया था. कोरोना महामारी की वजह से यह सुविधा करीब दो साल तक पैसेंजरों को नहीं मिल रही थी.

लिनेन
राजधानी, गरीब रथ समेत कई ट्रेनों फिर बहाल हुई सुविधा.

भारतीय रेलवे की एसी कोच में सफर करने वाले पैसेंजरों को रेलवे कंबल, तकिया, चादर देता है. कोविड के शुरू होने के बाद रेलवे ने यात्रा के नियमों में कई बदलाव किए थे. लॉकडाउन के बाद जब ट्रेनों की आवाजाही शुरू हुई तो जनरल डिब्बे हटा दिए गए. इसके अलावा रिजर्व बोगियों में कंबल, तकिया और पर्दे की व्यवस्था भी खत्म कर दी. इस दौरान रेलवे की ओर से उन यात्रियों को बेडरोल किट दिया जा रहा था, जो इसकी कीमत का भुगतान करते थे. मगर यह स्कीम पैसेंजरों को पसंद नहीं आया. इसलिए रेलवे ने बेडरोल किट की दोबारा सुविधाओं को बहाल किया है. ट्रेनों में लिनेन सेवाएं फिर से शुरू करने के क्रम में उत्‍तर रेलवे ने अब तक 92 रेल गाड़ियों में पर्दों की सुविधा और 26 रेल गाड़ियों में लिनन सेवाएं बहाल कर दी हैं. इससे पहले भी रेलवे कई ट्रेनों में बेडरोल की सुविधा शुरू कर चुका है.

linen blankets and curtains inside the train
इन ट्रेनों में मिलेगी लिनेन

रेलवे के मुताबिक, उपलब्‍ध संसाधनों और समय को ध्‍यान में रखते हुए लिनन-बेडरोल वॉशिंग लॉन्ड्री और वितरण सेवाओं की बहाल किया जा रहा है. भंडार विभाग को लिनेन/बेडरोल की डिमांड को पूरा करने के लिए खरीद प्रक्रिया शुरू करने की सलाह दी गई है. वेंडरों से आपूर्ति प्राप्‍त होने के बाद कई दूसरी ट्रेनों में भी लिनेन सेवाओं को बहाल कर दिया जाएगा.

पढ़ें : भारत-नेपाल के बीच दौड़ी 'मैत्री ट्रेन', पीएम मोदी और नेपाली पीएम देउबा ने दिखाई हरी झंडी


नई दिल्ली : उत्तर रेलवे ने राजधानी, गरीब रथ समेत 92 रेल गाड़ियों में पर्दों की सुविधा और 26 रेल गाड़ियों में लिनेन सेवाएं बहाल करने का फैसला किया है. कोरोना का दौर शुरू होने के बाद इंडियन रेलवे ने मार्च-2020 से यात्रियों को चादर, तकिया और कंबल देना बंद कर दिया था. कोरोना महामारी की वजह से यह सुविधा करीब दो साल तक पैसेंजरों को नहीं मिल रही थी.

लिनेन
राजधानी, गरीब रथ समेत कई ट्रेनों फिर बहाल हुई सुविधा.

भारतीय रेलवे की एसी कोच में सफर करने वाले पैसेंजरों को रेलवे कंबल, तकिया, चादर देता है. कोविड के शुरू होने के बाद रेलवे ने यात्रा के नियमों में कई बदलाव किए थे. लॉकडाउन के बाद जब ट्रेनों की आवाजाही शुरू हुई तो जनरल डिब्बे हटा दिए गए. इसके अलावा रिजर्व बोगियों में कंबल, तकिया और पर्दे की व्यवस्था भी खत्म कर दी. इस दौरान रेलवे की ओर से उन यात्रियों को बेडरोल किट दिया जा रहा था, जो इसकी कीमत का भुगतान करते थे. मगर यह स्कीम पैसेंजरों को पसंद नहीं आया. इसलिए रेलवे ने बेडरोल किट की दोबारा सुविधाओं को बहाल किया है. ट्रेनों में लिनेन सेवाएं फिर से शुरू करने के क्रम में उत्‍तर रेलवे ने अब तक 92 रेल गाड़ियों में पर्दों की सुविधा और 26 रेल गाड़ियों में लिनन सेवाएं बहाल कर दी हैं. इससे पहले भी रेलवे कई ट्रेनों में बेडरोल की सुविधा शुरू कर चुका है.

linen blankets and curtains inside the train
इन ट्रेनों में मिलेगी लिनेन

रेलवे के मुताबिक, उपलब्‍ध संसाधनों और समय को ध्‍यान में रखते हुए लिनन-बेडरोल वॉशिंग लॉन्ड्री और वितरण सेवाओं की बहाल किया जा रहा है. भंडार विभाग को लिनेन/बेडरोल की डिमांड को पूरा करने के लिए खरीद प्रक्रिया शुरू करने की सलाह दी गई है. वेंडरों से आपूर्ति प्राप्‍त होने के बाद कई दूसरी ट्रेनों में भी लिनेन सेवाओं को बहाल कर दिया जाएगा.

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