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हिजाब पर छात्राओं ने रखा फेमिनिज्म व्यू, कहा- यह लड़कियों पर छोड़ देना चाहिए कि उन्हें क्या पहननना है...

कर्नाटक के बाद अब एमपी में भी हिजाब विवाद लगातार जोर पकड़ता जा रहा है. प्रदेश में तमाम नेता अपनी-अपनी बात रख रहे हैं. ऐसे में ईटीवी भारत ने छात्राओं से जाना कि वह हिजाब को लेकर क्या सोचती हैं. छात्रों ने फेमिनिज्म की बात करते हुए कहा कि यह लड़कियों पर छोड़ देना चाहिए कि उन्हें क्या पहनना है और क्या नहीं.

students view on hijaab
हिजाब पर छात्राओं ने रखा फेमिनिज्म व्यू
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Published : Feb 16, 2022, 8:54 AM IST

भोपाल: कर्नाटक से उपजा हिजाब विवाद मध्यप्रदेश में एंट्री ले चुका है. ताजा मामला मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के विधानसभा क्षेत्र दतिया का है. इस मामले में गृहमंत्री ने इसकी जांच की बात कही है. वहीं कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भी लोगों से अपील की है कि बेवजह ऐसी स्थिति और अफवाहों पर ध्यान न दें. हिजाब के मामले को लेकर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में छात्राओं का कहना है कि छात्राएं क्या पहनें और क्या न पहनें, इसका निर्णय उन्हें स्वयं ही लेने के लिए छोड़ देना चाहिए. (hijab dispute in bhopal)

हिजाब पर क्या बोले आरिफ मसूद ?
दतिया में सोमवार को एक कॉलेज में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की बात सामने आई, तो अगले दिन नरोत्तम मिश्रा ने इसकी जांच की बात कही. इधर, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भी नरोत्तम मिश्रा के बयान का स्वागत करते हुए लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में हिजाब को लेकर कोई भी प्रतिबंध नहीं है. यह बात खुद गृहमंत्री कह चुके हैं. (arif masood on hijab)

हिजाब पर छात्राओं ने रखे अपने विचार
भोपाल के कॉलेजों में भी युवतियां कॉलेज में स्कूल यूनिफार्म के साथ बुर्के और हिजाब में नजर आ रही हैं. वह खुद कहती हैं कि वो क्या पहने और क्या न पहने यह उनका अधिकार है. यह निर्णय उन पर ही छोड़ देना चाहिए. छात्राओं का कहना है कि हम बुर्का पहनें या हिजाब इससे क्या फर्क पड़ता है. देश में सभी को अपने हिसाब से कपड़े पहनने का अधिकार है. (bhopal girls on hijab)

हिजाब पर छात्राओं का फेमिनिज्म व्यू

क्या था दतिया मामला
दतिया के पीजी कॉलेज में वैलेंटाइन-डे के दिन बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के कार्यकर्ता कॉलेज में चल रही गतिविधियों को देखने गए थे. इस दौरान उन्होंने यहां दो छात्राओं को हिजाब में देखा. जिसका उन्होंने जमकर विरोध किया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और बवाल मच गया. जब मामला बढ़ा तो कॉलेज प्राचार्य ने संज्ञान लिया और कार्रवाई करते हुए नोटिस चस्पा कर दिया. (narottam mishra statement on hijab)

प्रिंसिपल ने चस्पा कराया नोटिस
नोटिस में कहा गया कि कोई भी धर्म विशेष की ड्रेस पहनकर कॉलेज में न आए, नहीं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. अब मामला मध्य प्रदेश में गरमा गया है. कर्नाटक में भी ऐसे ही हुआ था. एक जनवरी को छह मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहने कॉलेज पहुंची थी. इसके बाद मैनेजमेंट ने उन्हें यूनिफॉर्म में आने को कहा. इसके बाद देश में हिजाब का मामला उठा.

ये भी पढ़ें- karnataka hijab row : गृह मंत्री ने कहा- शांति भंग करने वालों से सख्ती से निपटेगी कर्नाटक सरकार

जबकि मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने हिजाब को लेकर बयान देते हुए कहा था कि ये यूनिफार्म का हिस्सा नहीं है, इसलिए कोई पहन कर आता है तो उस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. इसके बाद खुद परमार ने अपने बयान का खंडन करते हुए कहा कि जैसा ड्रेस कोड चल रहा है वैसे ही चलेगा.

भोपाल: कर्नाटक से उपजा हिजाब विवाद मध्यप्रदेश में एंट्री ले चुका है. ताजा मामला मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के विधानसभा क्षेत्र दतिया का है. इस मामले में गृहमंत्री ने इसकी जांच की बात कही है. वहीं कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भी लोगों से अपील की है कि बेवजह ऐसी स्थिति और अफवाहों पर ध्यान न दें. हिजाब के मामले को लेकर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में छात्राओं का कहना है कि छात्राएं क्या पहनें और क्या न पहनें, इसका निर्णय उन्हें स्वयं ही लेने के लिए छोड़ देना चाहिए. (hijab dispute in bhopal)

हिजाब पर क्या बोले आरिफ मसूद ?
दतिया में सोमवार को एक कॉलेज में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने की बात सामने आई, तो अगले दिन नरोत्तम मिश्रा ने इसकी जांच की बात कही. इधर, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भी नरोत्तम मिश्रा के बयान का स्वागत करते हुए लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में हिजाब को लेकर कोई भी प्रतिबंध नहीं है. यह बात खुद गृहमंत्री कह चुके हैं. (arif masood on hijab)

हिजाब पर छात्राओं ने रखे अपने विचार
भोपाल के कॉलेजों में भी युवतियां कॉलेज में स्कूल यूनिफार्म के साथ बुर्के और हिजाब में नजर आ रही हैं. वह खुद कहती हैं कि वो क्या पहने और क्या न पहने यह उनका अधिकार है. यह निर्णय उन पर ही छोड़ देना चाहिए. छात्राओं का कहना है कि हम बुर्का पहनें या हिजाब इससे क्या फर्क पड़ता है. देश में सभी को अपने हिसाब से कपड़े पहनने का अधिकार है. (bhopal girls on hijab)

हिजाब पर छात्राओं का फेमिनिज्म व्यू

क्या था दतिया मामला
दतिया के पीजी कॉलेज में वैलेंटाइन-डे के दिन बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के कार्यकर्ता कॉलेज में चल रही गतिविधियों को देखने गए थे. इस दौरान उन्होंने यहां दो छात्राओं को हिजाब में देखा. जिसका उन्होंने जमकर विरोध किया. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और बवाल मच गया. जब मामला बढ़ा तो कॉलेज प्राचार्य ने संज्ञान लिया और कार्रवाई करते हुए नोटिस चस्पा कर दिया. (narottam mishra statement on hijab)

प्रिंसिपल ने चस्पा कराया नोटिस
नोटिस में कहा गया कि कोई भी धर्म विशेष की ड्रेस पहनकर कॉलेज में न आए, नहीं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. अब मामला मध्य प्रदेश में गरमा गया है. कर्नाटक में भी ऐसे ही हुआ था. एक जनवरी को छह मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहने कॉलेज पहुंची थी. इसके बाद मैनेजमेंट ने उन्हें यूनिफॉर्म में आने को कहा. इसके बाद देश में हिजाब का मामला उठा.

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जबकि मध्य प्रदेश में स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने हिजाब को लेकर बयान देते हुए कहा था कि ये यूनिफार्म का हिस्सा नहीं है, इसलिए कोई पहन कर आता है तो उस पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. इसके बाद खुद परमार ने अपने बयान का खंडन करते हुए कहा कि जैसा ड्रेस कोड चल रहा है वैसे ही चलेगा.

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