नई दिल्ली : हर साल की तरह इस साल भी सावन महीने में शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा की शुरुआत हो चुकी है. हरिद्वार के लिए यह यात्रा 26 जुलाई तक चलेगी. झारखंड के देवघर में यह यात्रा सावन के पूरे महीने चलती है. देश के अलग-अलग हिस्सों में भगवान शिव के भक्त उन्हें जलाभिषेक करने के लिए कांवड़ यात्रा में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. इस दौरान भक्तजन अपने कंधे पर कांवड़ लेकर चलते हैं. पवित्र नदियों से जल लेकर वे अपनी कांवड़ यात्रा की शुरुआत करते हैं. लेकिन यह कांवड़ देखकर तो हर कोई हैरान रह गया. इसमें जल के साथ-साथ अपने माता-पिता को भी बिठा रखा है.
यह देखकर अचानक ही श्रवण कुमार की वो कहानी याद आ जाती है, जब वो अपने अंधे मां-बाप को तीर्थ कराने के लिए उन्हें कांवड़ में बिठाकर निकल पड़े थे. आज की इस भागती-दौड़ती जिंदगी में जब रिश्ते तार-तार हो रहे हैं, यह तस्वीर बहुत कुछ बयां करती है. यह अपने आप में बहुत बड़ा संदेश देता है.
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जहां आजकल बूढ़े मां-बाप का तिरस्कार होता है, उन्हें घर से निकाल दिया जाता है या अपने साथ रहने नहीं दिया जाता.. वहीं आज इसका विपरीत दृश्य देखने को मिला..
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लाखों शिवभक्तों के बीच एक श्रवण कुमार भी है जो पालकी में अपने बुज़ुर्ग माता-पिता को लेकर कांवड़ यात्रा पर आया है..
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— Ashok Kumar IPS (@AshokKumar_IPS) July 19, 2022
लाखों शिवभक्तों के बीच एक श्रवण कुमार भी है जो पालकी में अपने बुज़ुर्ग माता-पिता को लेकर कांवड़ यात्रा पर आया है..
मेरा नमन! pic.twitter.com/phG1h3pfg1जहां आजकल बूढ़े मां-बाप का तिरस्कार होता है, उन्हें घर से निकाल दिया जाता है या अपने साथ रहने नहीं दिया जाता.. वहीं आज इसका विपरीत दृश्य देखने को मिला..
— Ashok Kumar IPS (@AshokKumar_IPS) July 19, 2022
लाखों शिवभक्तों के बीच एक श्रवण कुमार भी है जो पालकी में अपने बुज़ुर्ग माता-पिता को लेकर कांवड़ यात्रा पर आया है..
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इस तस्वीर को आईपीएस अधिकारी अशोक कुमार ने साझा की है. उन्होंने लिखा है जहां आजकल बूढ़े मां-बाप का तिरस्कार होता है, उन्हें घर से निकाल दिया जाता है या अपने साथ रहने नहीं दिया जाता.. वहीं आज इसका विपरीत दृश्य देखने को मिला.. आपको नमन.
इस क्लिप में आप देख सकते हैं कि एक व्यक्ति अपने बूढ़े माता-पिता को एक पैमाने पर ले जाते हुए दिखाया गया है. उसने तराजू के कंटेनरों को छोटी कुर्सियों के रूप में बदल दिया और अपने माता और पिता को अपने कंधों पर ले लिया.
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