हुगली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को हुगली जिले के कमरकुंडु में रेल ओवरब्रिज का उद्घाटन किया, जिसको लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भाजपा के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया. विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि बनर्जी ने पुल का खर्च साझा करने वाले भारतीय रेलवे के किसी प्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया, तो सत्तारूढ़ टीएमसी ने पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने भी दोनों सरकारों के वित्तपोषण वाली परियोजनाओं के उद्घाटन में प्रतिनिधित्व की उपेक्षा की थी.
बनर्जी ने परियोजना की शुरुआत करते हुए कहा, 'जब मैं रेल मंत्री थी, तब मैंने इस परियोजना का प्रस्ताव रखा था. मैंने उस समय कई अन्य परियोजनाओं को मंजूरी दी थी. राज्य सरकार ने परियोजना के लिये भूमि और धनराशि दोनों चीजें दी थीं. हम दक्षिण बंगाल और उत्तर बंगाल के बीच बेहतर संपर्क के लिए एक नयी परियोजना भी लेकर आ रहे हैं.'
बनर्जी दो बार केंद्रीय रेल मंत्री रही थीं. वह पहली बार 1999 से 2004 के बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दौरान और फिर 2009-2011 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के दौरान रेल मंत्री थीं. रेलवे के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया था कि रेलवे ने परियोजना की कुल 44.86 करोड़ रुपये की लागत में से 26.7 करोड़ रुपये मुहैया कराए, जबकि पश्चिम बंगाल सरकार का हिस्सा 18.16 करोड़ रुपये था.
भाजपा ने कहा कि परियोजना के लिए धन लेने के बावजूद बनर्जी ने केंद्र की उपेक्षा की है. भाजपा के प्रदेश महासचिव लॉकेट चटर्जी ने ट्वीट किया, 'हमेशा संघीय ढांचे के नष्ट होने की शिकायत करने वाली बनर्जी ने कमरकुंडु रोड फ्लाईओवर के उद्घाटन के दौरान केंद्र सरकार के किसी प्रतिनिधि को आमंत्रित नहीं किया. उन्होंने पूरी परियोजना पर अपना ठप्पा लगा लिया. संघीय ढांचे को कौन नष्ट कर रहा है?'
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टीएमसी के मुख्य प्रवक्ता सुखेंदू शेखर राय ने चटर्जी की टिप्पणियों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा भी ऐसा ही करती रही है. उसने भी केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं से संबंधित समारोह में राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को बुलाना बंद कर दिया. राय ने कहा, 'कई ऐसे मौके आए हैं जब केंद्रीय मंत्री बंगाल आए और उन परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनमें राज्य सरकार का भी धन लगा था, लेकिन न तो मुख्यमंत्री और न ही राज्य के संबंधित मंत्री को आमंत्रित किया गया.'