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Makar Sankranti 2023: डेनमार्क से आया जोरन, बिहार में उड़न दस्ता करेगा दूध दही की सप्लाई - पटना में मकर संक्रांति

बिहार में मकर संक्रांति का पर्व बहुत ही खास है. लोग इस दिन की तैयारी में जुटे हैं. साथ ही सुधा डेयरी ने भी अपनी पूरी तैयारी कर रखी है. बढ़िया दही जमे इसके लिए इस बार भी डेनमार्क से जोरन मंगवा लिया गया है. अगर कहीं भी दूध या दही की किल्लत हुई तो उड़न दस्ता भी तैयार रहेगा. पढ़ें मकर संक्रांति से जुड़ी ये खास खबर..

Makar Sankranti 2023 Etv Bharat
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Published : Jan 12, 2023, 3:12 PM IST

बिहार में मकर संक्रांति की तैयारी पूरी

पटना: राजधानी पटना में मकर संक्रांति (Makar Sankranti In Bihar) के मौके पर बिहार के लोगों को दूध-दही की किल्लत नहीं होगी. सुधा डेयरी ने मकर संक्रांति के मौके पर दूध-दही से लेकर तिलकुट और पेड़ा भी पटनावासियों को उपलब्ध कराने के लिए कमर कस ली है.

पढ़ें- बिहार में नीरा से पहली बार बनाई जा रही तिलकुट, ग्राहक बोले- 'स्वाद है लाजवाब'

मकर संक्रांति में दूध दही की नहीं होगी किल्लत: राजधानी पटना डेयरी प्रोजेक्ट सुधा ने मकर संक्रांति को देखते हुए इस बार दूध दही बेचने का लक्ष्य बढ़ा दिया है. पिछले साल दूध की 29 लाख 72 हजार लीटर, दही 6.2 लाख किलो, पनीर 23 हजार किलो, पेड़ा 5.5 टन और तिलकुट तकरीबन 2 टन बिकी थी. जिसे इस साल बढ़ा दिया गया है. इस साल दूध 32 लाख 16 हजार लीटर, दही 9 लाख किलो, पनीर 23 हजार किलो, पेड़ा 7 हजार किलो और तिलकुट तकरीबन 7 टन की बिक्री का लक्ष्य रखा है.

9 लाख किलो दही का होगा इंतजाम: जो लोग घर में दही जमाना चाहते हैं, आसानी से उन्हें दूध उपलब्ध हो जाए इसकी व्यवस्था की गई है. जमा जमाया दही खरीदने वाले लोगों के लिए भी डेयरी की तरफ से विशेष प्रबंध है. लगभग नौ लाख किलो से अधिक दही बेचने की तैयारी पटना डेयरी प्रोजेक्ट की तरफ से कर ली गई है.

सुधा डेयरी के एमडी एस एन ठाकुर
सुधा डेयरी के एमडी एस एन ठाकुर

डेनमार्क से मंगाया गया है जोरन: कॉम्फेड के एमडी एस एन ठाकुर ने बताया कि सुधा डेयरी ने दही जमाने का जोरन डेनमार्क से मंगाया है. दही जमाने मे रिड्रायल कल्चर तकनीक का उपयोग किया जाता है. इस तकनीक से जमे दही की खासियत होती है, कि यह काफी स्वादिष्ट होता है और दही एकसमान तरीके से जमता है. साथ ही दही में एसिडिटी की मात्रा को नियंत्रित रखता हैं.

तिलकुट की भी है व्यवस्था: वहीं तैयारी सिर्फ दूध और दही की बिक्री की ही नहीं है, बल्कि मकर संक्रांति में जितनी जरूरत दूध और दही की होती है, उसके साथ ही तिलकुट और पेड़े की भी होती है. इसे देखते हुए लगभग 7 हजार किलो तिलकुट और 7 हजार किलो पेड़ा भी बिक्री के लिए उपलब्ध होगा.

उड़न दस्ता करेगा सप्लाई: शहर के लोगों को दूध से लेकर दही तक आसानी से मिल जाए इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है. साथ ही दूध, दही की कमी नहीं हो इसके लिए पटना शहर में 8 उड़न दस्ते का भी गठन किया गया है. 12 जनवरी से ही उड़न दस्ता दूध और दही के सप्लाई पर निगाह रखेगा.

सुधा डेयरी बिहार सरकार चलाती है: सुधा डेयरी का संचालन बिहार सरकार के नेतृत्व में बिहार स्टेट मिल्क कोपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड देखता है. यह एक सहकारी है. बिहार में सुधा डेयरी दूध और दही का सबसे बड़ा उत्पादक है. साल 2023 में सुधा डेयरी ने बिक्री का बड़ा लक्ष्य रखा है. इसका साल 2018 में रेवेन्यू 2000 करोड़ था. 1983 में इसकी स्थापना हुई थी.

बिहार में मकर संक्रांति की तैयारी पूरी

पटना: राजधानी पटना में मकर संक्रांति (Makar Sankranti In Bihar) के मौके पर बिहार के लोगों को दूध-दही की किल्लत नहीं होगी. सुधा डेयरी ने मकर संक्रांति के मौके पर दूध-दही से लेकर तिलकुट और पेड़ा भी पटनावासियों को उपलब्ध कराने के लिए कमर कस ली है.

पढ़ें- बिहार में नीरा से पहली बार बनाई जा रही तिलकुट, ग्राहक बोले- 'स्वाद है लाजवाब'

मकर संक्रांति में दूध दही की नहीं होगी किल्लत: राजधानी पटना डेयरी प्रोजेक्ट सुधा ने मकर संक्रांति को देखते हुए इस बार दूध दही बेचने का लक्ष्य बढ़ा दिया है. पिछले साल दूध की 29 लाख 72 हजार लीटर, दही 6.2 लाख किलो, पनीर 23 हजार किलो, पेड़ा 5.5 टन और तिलकुट तकरीबन 2 टन बिकी थी. जिसे इस साल बढ़ा दिया गया है. इस साल दूध 32 लाख 16 हजार लीटर, दही 9 लाख किलो, पनीर 23 हजार किलो, पेड़ा 7 हजार किलो और तिलकुट तकरीबन 7 टन की बिक्री का लक्ष्य रखा है.

9 लाख किलो दही का होगा इंतजाम: जो लोग घर में दही जमाना चाहते हैं, आसानी से उन्हें दूध उपलब्ध हो जाए इसकी व्यवस्था की गई है. जमा जमाया दही खरीदने वाले लोगों के लिए भी डेयरी की तरफ से विशेष प्रबंध है. लगभग नौ लाख किलो से अधिक दही बेचने की तैयारी पटना डेयरी प्रोजेक्ट की तरफ से कर ली गई है.

सुधा डेयरी के एमडी एस एन ठाकुर
सुधा डेयरी के एमडी एस एन ठाकुर

डेनमार्क से मंगाया गया है जोरन: कॉम्फेड के एमडी एस एन ठाकुर ने बताया कि सुधा डेयरी ने दही जमाने का जोरन डेनमार्क से मंगाया है. दही जमाने मे रिड्रायल कल्चर तकनीक का उपयोग किया जाता है. इस तकनीक से जमे दही की खासियत होती है, कि यह काफी स्वादिष्ट होता है और दही एकसमान तरीके से जमता है. साथ ही दही में एसिडिटी की मात्रा को नियंत्रित रखता हैं.

तिलकुट की भी है व्यवस्था: वहीं तैयारी सिर्फ दूध और दही की बिक्री की ही नहीं है, बल्कि मकर संक्रांति में जितनी जरूरत दूध और दही की होती है, उसके साथ ही तिलकुट और पेड़े की भी होती है. इसे देखते हुए लगभग 7 हजार किलो तिलकुट और 7 हजार किलो पेड़ा भी बिक्री के लिए उपलब्ध होगा.

उड़न दस्ता करेगा सप्लाई: शहर के लोगों को दूध से लेकर दही तक आसानी से मिल जाए इसके लिए विशेष व्यवस्था की गई है. साथ ही दूध, दही की कमी नहीं हो इसके लिए पटना शहर में 8 उड़न दस्ते का भी गठन किया गया है. 12 जनवरी से ही उड़न दस्ता दूध और दही के सप्लाई पर निगाह रखेगा.

सुधा डेयरी बिहार सरकार चलाती है: सुधा डेयरी का संचालन बिहार सरकार के नेतृत्व में बिहार स्टेट मिल्क कोपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड देखता है. यह एक सहकारी है. बिहार में सुधा डेयरी दूध और दही का सबसे बड़ा उत्पादक है. साल 2023 में सुधा डेयरी ने बिक्री का बड़ा लक्ष्य रखा है. इसका साल 2018 में रेवेन्यू 2000 करोड़ था. 1983 में इसकी स्थापना हुई थी.

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