नई दिल्ली: साल 2024 आम आदमी पार्टी के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा. शराब नीति घोटाला मामले में पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल का जेल जाना 2024 की सबसे बड़ी घटना साबित हुआ. जिसके बाद संगठन और पार्टी दोनों पर संकट के बादल मंडराने लगे. उठापटक से भरपूर इस साल में आम आदमी पार्टी विपक्ष के निशाने पर रही. अरविंद केजरीवाल को जेल जाने के बाद जमानत के लिए लंबी कानूनी जंग लड़नी पड़ी. पार्टी को लोकसभा चुनाव में एक फिर मुंह की खानी पड़ी. विधानसभा चुनावों से पहले सीएम की अदला बदली कर AAP ने दिल्ली की सियासत में एक और झटका दे दिया. पढ़िए साल 2024 की 10 वो घटनाएं जो बनी AAP के लिए महाचुनौती.
शराब घोटाला बना संकट: शराब नीति घोटाला मामला आम आदमी पार्टी के लिए मुसीबत बन गया. मनीष सिसोदिया, संजय सिंह, सत्येद्र जैन जैसे पार्टी के दिग्गज नेता पहले से ही जेल में थे. कि मार्च 2024 में पार्टी के मुखिया और तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. केजरीवाल का जेल जाना पार्टी के लिए संकट का समय था. ये वो समय था जब पार्टी के लगभग सभी दिग्गज नेता सलाखों के पीछे थे और सरकार-संगठन का जिम्मा आतिशी, सौरभ भारद्वाज और गोपाल राय के कंधों पर आ गया. केजरीवाल की रिहाई के लिए AAP कार्यकर्ता सड़कों पर प्रदर्शन करने उतरे तो पार्टी पदाधिकारी इस सबको बीजेपी,अमित शाह, पीएम मोदी, ईडी, सीबीआई की साजिश बताते रहे. शराब घोटाले की वजह से 'आप' राजनीतिक संकट में आ गई. विपक्ष ने भी मौका लपक लिया और मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगने में देर ना लगाई. दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग उठने लगी. इधर अरविंद केजरीवाल ने जेल से सरकार चलाने का दावा किया और विपक्ष के हर दांव का जवाब देते रहे.
LG से तनातनी : दिल्ली सरकार और LG के बीच तनातनी नई तो नहीं है. बीते 10 साल में LG और सरकार के बीच टकराव की स्थिति खुले तौर पर देखी गई है. लेकिन 2024 में 1100 पेड़ काटे जाने का मामला, बस मार्शलों की नियुक्ति, पेंडिंग CAG रिपोर्ट्स जैसे मुद्दे छाए रहे. हाल ही में LG ने अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर रंगपुरी व कापसहेड़ा इलाके में विकास के अधूरे कामों का जिक्र किया. इस चिट्ठी में उन्होंने आतिशी को दिल्ली की टेंपरेरी मुख्यमंत्री बताया है. इससे पहले रिज एरिया में 1100 पेड़ काटे जाने के मामले पर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने LG से इस्तीफा मांगा था. साल 2024 में बस मार्शलों की नियुक्ति पर दिल्ली सरकार और LG में खुलेआम घमासान देखा गया. मामला अब भी ज्वलंत है. वहीं चुनावों से पहले पेडिंग CAG रिपोर्ट्स को विधानसभा में पेश कराने के लिए विपक्ष एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है और LG खुद कई बार दिल्ली सरकार को चिट्ठी लिख चुके हैं.
केजरीवाल की गिरफ्तारी से लगा झटका: AAP के लिए इस साल का सबसे बड़ा घटका साबित हुआ पार्टी के राष्ट्रीय संजोयक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी. 21 मार्च की शाम सामान्य दिनों की तरह केजरीवाल कामकाज निपटाकर अपने आवास पर थे. तभी ईडी की टीम उनके आवास पर पहुंची. देर रात ईडी ने आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में उन्हें गिरफ्तार कर लिया. अरविंद केजरीवाल के पास महीनों से ED के समन आ रहे थे. लगातार 10 समन के बाद उनकी गिरफ्तारी हुई थी.
केजरीवाल गिरफ्तार तो सरकार का कामकाज कैसे चले?: अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पार्टी समर्थकों और दिल्ली की सरकार के लिए साल का सबसे बड़ा झटका साबित हुई. केजरीवाल की गिरफ्तारी की खबर लगते ही पार्टी के तमाम नेता, मंत्री वहां सहानुभूति और प्रतिक्रिया देने पहुंचे. लेकिन आगे क्या होगा? इस पर तस्वीर धुंधली दिखाई देने लगी. पार्टी के मुखिया के जेल चले जाने के बाद कामकाज कैसे चलेगा? इस पर भी सवाल उठे. जेल से चली दिल्ली की सरकार: चंद दिनों तक यह कयास लगाए जाने लगे कि केजरीवाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे और उनकी जगह कोई नया मुख्यमंत्री बनेगा. तब सरकार का कामकाज सामान्य हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा ना देकर जेल से ही सरकार चलाने का ऐलान किया.
लोकसभा चुनाव 2024 में एक भी सीट नहीं जीत पाई आम आदमी पार्टी: साल 2024 की बड़ी घटनाओं में अहम रहा लोकसभा चुनाव 2024. जब जेल से निकलकर अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता से AAP को वोट देने की अपील की. उन्होंने कहा था कि अगर आपने AAP को वोट नहीं दिया तो बीजेपी वाले अरविंद केजरीवाल को दोबारा जेल भेज देंगे. उनके तमाम भावनात्मक भाषणों के बावजूद दिल्ली की 7 लोकसभा सीटों में से एक भी AAP के खाते में नहीं आई और 2019 आम चुनावों की तरह से 2024 में भी AAP को बीजेपी के हाथों मात का सामना करना पड़ा.
7 महीने तक जमीन पर नहीं उतर पाई कोई सरकारी योजनाएं: साल की शुरुआत में ही आम आदमी पार्टी सरकार ने 4 मार्च को विधानसभा में अपना बजट पेश किया था. दिल्ली के लिए चालू वित्त वर्ष में नई योजनाओं का ऐलान किया गया. इसके कुछ दिनों बाद ही केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद सरकार का कामकाज ठप्प हो गया. जेल जाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने स्पष्ट किया कि सरकार जेल से ही चलेगी. उन्होंने अपने मंत्रियों को काम करने की नसीहत दी. हालांकि तकरीबन सात महीने तक अरविंद केजरीवाल जेल में रहे. उस दौरान जेल के भीतर से अरविंद केजरीवाल दिल्ली की जनता और मंत्रियों के नाम संदेश देते रहे, पत्र भी लिखे. मगर जमीन पर कोई भी सरकारी योजना लागू नहीं हो पाई. इस दौरान केजरीवाल अपनी गिरफ्तारी को गलत बताने, जमानत के लिए अर्जी लगाते रहे.
अरविंद केजरीवाल ने लड़ी लंबी कानूनी लड़ाई: 23 मार्च को केजरीवाल ने ईडी द्वारा अपनी गिरफ्तारी और उन्हें ईडी की हिरासत में भेजने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की. 9 अप्रैल को हाई कोर्ट ने ईडी द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका खारिज कर दी. 10 अप्रैल को केजरीवाल ने ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. 15 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने अपनी गिरफ्तार को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर ईडी से 24 अप्रैल तक जवाब मांगा. 24 अप्रैल को ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जांच अधिकारी के पास मौजूद समाग्री यह पुष्टि करती है कि केजरीवाल मनी लांड्रिंग के मामले में शामिल हैं. 27 अप्रैल को केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इस मामले में उनकी अवैध गिरफ्तारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव पर आधारित लोकतंत्र के सिद्धांतों पर एक हमला है. हालांकि मार्च से शुरू हुई ये कानूनी लड़ाई सितंबर तक ऐसे ही जारी रही.
जेल से बाहर आए केजरीवाल दिया इस्तीफा: अरविंद केजरीवाल बाहर आए और बाहर आते ही उन्होंने नैतिकता के आधार पर मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने अपनी कैबिनेट में शामिल मंत्री आतिशी को दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया. आतिशी ने सितंबर में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. साल का अधिकांश समय यूं ही केजरीवाल के जेल में होने और कानूनी दांवपेंच में बीत गया. 21 सितंबर को आतिशी दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनी और फिलहाल वह दिल्ली की सत्ता संभाल रही है.
इतिहास में पहली बार किसी पार्टी को आरोपी बनाया गया: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने अदालत में 208 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल कर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए गए. 17 मई को हुई सुनवाई के दौरान ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली की सत्तासीन आम आदमी पार्टी को शराब नीति घोटाला मामले में आरोपी बनाया गया है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने AAP पर तंज किया और कहा कि इतिहास में ये पहली बार किसी राजनीतिक पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है, ऐसा पहली बार है कि ED ने किसी राजनीतिक पार्टी को PMLA कानून के तहत आरोपी बनाया.
शीशमहल के मुद्दे पर घिरी AAP: साल 2024 में दिल्ली की सत्ता में जमकर गूंजा शीश महल का मुद्दा. भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल ने मुख्यमंत्री रहते हुए जनता के पैसे से अपने सरकारी आवास में 7 सितारा रिजॉर्ट जैसी सुविधाएं लगवाई हैं. विपक्ष ने इसे शीश महल का नाम दिया और ये शीश महल आम आदमी पार्टी के लिए मुसीबत बन गया. केंद्रीय सतर्कता आयोग ने (सीवीसी) ने दिल्ली के सीएम हाउस को शीशमहल जैसा बनाने के आरोप की जांच के लिए केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) से रिपोर्ट मांगी है. BJP ने आवास के सौंदर्यीकरण पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगाया है.
स्वाति मालीवाल ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला
साल 2024 की सबसे चर्चित घटना में एक रहा. आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल का पार्टी से मुखर हो जाना. AAP की राज्यसभा सांसद और अरविंद केजरीवाल की करीबी मानी जाने वाली स्वाति मालीवाल ने केजरीवाल के पीए और हाल ही में पंजाब सीएम के मुख्य सलाहकार बने बिभव कुमार पर दिल्ली मुख्यमंत्री आवास में मारपीट बदसलूकी जैसे संगीना आरोप लगाए. मामला पुलिस और अदालत तक पहुंचा. बिभव कुमार कई महीने जेल में रहे जिसके बाद उन्हें 2 सितंबर 2024 को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई. मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन है. वहीं स्वाति मालीवाल ने ग्राउंड पर AAP के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है.
पार्टी के सभी नेता जेल से बाहर, AAP का न्यू ईयर हैप्पी !
हालांकि साल 2024 के 6 महीने के भीतर हगी PMLA के आरोप में जेल गए आम आदमी पार्टी के 4 बड़े नेता बेल पर बाहर आ गए हैं. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और विजय नायर. मनी लॉन्ड्रिंग केस में सबसे पहले राज्यसभा सांसद संजय सिंह को जमानत मिली थी. इसके बाद पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया बेल पर बाहर आए. फिर विजय नायर को जमानत मिली और आखिर में केजरीवाल को भी मनी लॉन्ड्रिंग और आपराधिक साजिश के मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई. वहीं अक्टूबर महीने में दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को 18 महीने की जेल की सजा काटने के बाद दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें जमानत दे दी. हालांकि शराब घोटाले में पार्टी के सभी नेता जेल से बाहर आ गए हैं लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैं. LG ने शराब घोटाला मामले से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है. वहीं ईडी की चार्जशीट के मुताबिक पूरी की पूरी आम आदमी पार्टी शराब घोटाले में आरोपी है. बताते चलें कि आम आदमी पार्टी को साल 2024 में चुनाव आयोग से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिया.इसके बाद आम आदमी पार्टी देश की पहली राजनीतिक पार्टी बन गई, जिसने अपने गठन के बाद इतने कम समय में राष्ट्रीय पार्टी का खिताब हासिल कर लिया.
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