गंगा सागर: मकर संक्रांति के मौके पर शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के गंगा सागर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान किया. इससे पहले कोरोना महामारी को देखते हुए मेले के आयोजन पर सवाल उठ रहे थे. पश्चिम बंगाल कोरोना महामारी को (Coronavirus) को लेकर प्रशासन अलर्ट मोड में है. दक्षिण 24 परगना जिला के जिलाधिकारी पी उलगनाथन ने कहा है कि सभी एंट्री प्वाइंट पर मेडिकल स्क्रीनिंग की जा रही है. वहीं गंगा सागर जा रहे यात्रियों के भीड़ को नियंत्रित करने का प्रबंध भी किया गया है. साथ ही रैंडम कोरोना की टेस्टिंग की जा रही है.
इससे पहले बुधवार के दिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गंगासागर मेले में आने वाले तीर्थयात्रियों से कोरोना दिशानिर्देशों (Covid 19 Guidelines) का सख्ती से पालन करने का अनुरोध किया था.
ममता बनर्जी ने इस बाबत प्रशासन से कहा कि मेले के लिए गंगा सागर द्वीप पर बहुत अधिक लोगों को न भेजें. उन्होंने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे दक्षिण 24 परगना में सागर द्वीप तक पहुचने के लिए वाहनों की भीड़ न लगा. लोग डबल मास्क पहने और प्रशासन के साथ सहयोगात्मक रवैया रखें. जरूरत पड़ने पर मौजूद पुलिसकर्मियों से मदद लें. साथ ही उन्होंने कहा कि मैं सभी साधु समेत श्रद्धालुओं से निवेदन करती हूं कि मेले को छोटा रखा जाए. क्योंकि कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
उधर, हरिद्वार में मकर संक्रांति के सुबह घाट सूने रहे. पहले धर्मनगरी हरिद्वार में सुबह से ही देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु हर की पैड़ी पर गंगा में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित करते थे. मगर इस साल बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण जिला प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगाया गया है. इसी के तहत विश्व प्रसिद्ध हर की पैड़ी को पूरी तरह से श्रद्धालुओं के लिए सील किया गया है. सीओ सिटी शेखर सुयाल के मुताबिक, बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए विश्व प्रसिद्ध हर की पैड़ी को श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध करते हुए सील किया गया है. इसी के साथ ही बॉर्डर इत्यादि पर सघन चेकिंग अभियान चलाकर मकर संक्रांति के लिए हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं को वापस लौटाया जा रहा है.
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ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, आज से सूर्य भगवान मकर राशि में प्रवेश करेगा और आज से ही उत्तरायण की शुरुआत हो जाएगी. इसके तहत 6 महीने दक्षिणायन में देवों की रात और 6 महीने उत्तरायण में देवों का दिन माना जाता है. आज से ही देवों के दिन शुरू हो जाएंगे और मुंडन, यज्ञोपवीत, विवाह आदि सभी मांगलिक कार्यों की शुरुआत भी आज से हो जाएगी. आज के दिन गंगा में स्नान करने का बहुत बड़ा महत्व है. स्नान के बाद खिचड़ी का भोजन किया जाता है. श्रद्धालु गंगा में स्नान कर मंदिरों में पूजा-पाठ इत्यादि धार्मिक कर्मकांड भी करते हैं.
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