नई दिल्ली: जस्टिस उदय उमेश ललित (Justice UU Lalit) भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश (CJI) होंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को न्यायमूर्ति यूयू ललित को भारत का प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करन के आदेश पर हस्ताक्षर किए. वह मौजूदा प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की जगह लेंगे. बता दें, बीते हफ्ते सीजेआई एनवी रमना ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित के नाम की सिफारिश की थी, जो वरिष्ठता क्रम में न्यायमूर्ति रमना के बाद आते हैं.
न्यायमूर्ति ललित 27 अगस्त को सीजेआई का पदभार ग्रहण करेंगे. निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना एक दिन पहले (26 अगस्त को) सेवानिवृत्त होंगे. उन्होंने 24 अप्रैल 2021 को देश के 48वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में अपना पदभार संभाला था. उन्होंने अपने पूर्ववर्ती न्यायमूर्ति एसए बोबडे की जगह ली थी.
![Justice UU Lalit appointed](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/16068439_gfx1.jpg)
कानून मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया है, 'संविधान के अनुच्छेद 124 के उपबंध-दो के प्रावधानों के तहत प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राष्ट्रपति उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश उदय उमेश ललित को भारत का प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करती हैं. उनकी नियुक्ति 27 अगस्त, 2022 से प्रभावी होगी.'
सीजेआई रमना ने न्यायमूर्ति ललित को बधाई दी
प्रधान न्यायाधीश रमना ने न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किए जाने पर उन्हें बधाई दी. सुप्रीम कोर्ट के एक अधिकारी ने एक बयान में कहा, 'भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एनवी रमना ने न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित को भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश नियुक्त होने पर आज बधाई दी और उनकी नियुक्ति 27 अगस्त 2022 से प्रभावी होगी.'
सीजेआई ने न्यायमूर्ति ललित को भारत के प्रधान न्यायाधीश के तौर पर शानदार कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं दीं. बयान में कहा गया है, 'न्यायमूर्ति रमना ने विश्वास व्यक्त किया कि न्यायमूर्ति ललित बार के साथ-साथ पीठ में अपने लंबे और समृद्ध अनुभव के साथ अपने सक्षम नेतृत्व से न्यायपालिका को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाएंगे.'
तीन महीने से कम होगा कार्यकाल
न्यायमूर्ति ललित का कार्यकाल तीन माह से कम का होगा. वह आठ नवंबर को 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे. न्यायमूर्ति ललित का जन्म नौ नवंबर 1957 को हुआ था. उन्होंने जून 1983 में एक वकील के रूप में काम करना शुरू किया और दिसंबर 1985 तक बंबई उच्च न्यायालय में वकालत की थी. वह बाद में दिल्ली आकर वकालत करने लगे और अप्रैल 2004 में, उन्हें शीर्ष अदालत द्वारा एक वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया.
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इससे पहले, 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में सुनवाई के लिए उन्हें केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था. उन्हें 13 अगस्त 2014 को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. न्यायमूर्ति ललित के अगला सीजेआई नियुक्त होने पर उनका कार्यकाल तीन महीने से भी कम का होगा, क्योंकि वह इस साल आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे.