नई दिल्ली : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में है. दरअसल, अकादमिक काउंसिल द्वारा ड्यूल डिग्री प्रोग्राम में पढ़ाई कर रहे इंजीनियरिंग के छात्रों के लिए नया कोर्स आतंकवाद विरोधी पाठ्यक्रम को मंजूरी मिली है. जिसके बाद विवाद का दौर शुरू हो गया है. गुरुवार को हुई EC की बैठक में भी इस कोर्स को मंजूरी मिल गई है.
जानकारी के मुताबिक 17 अगस्त को जेएनयू में आयोजित हुई अकादमिक काउंसिल की बैठक में 'काउंटर टेररिज्म असीमित संघर्ष और प्रमुख शक्तियों के बीच सहयोग के लिए रणनीति' शीर्षक से वैकल्पिक पाठ्यक्रम को मंजूरी देने के बाद विवाद शुरू हो गया था.
यह वैकल्पिक पाठ्यक्रम इंजीनियरिंग के उन छात्रों के लिए है, जो जेएनयू में बीटेक की पढ़ाई पूरा करने के बाद ड्यूल डिग्री का विकल्प चुनते हैं और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में विशेषज्ञता के साथ एमएस की पढ़ाई करेंगे.
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इसके अलावा पाठ्यक्रम में एक धर्म विशेष को आतंकवाद से जोड़ा गया है, जिसके कारण यह विवाद और बढ़ता हुआ नजर आ रहा है. कट्टरपंथी धार्मिक आतंकवाद को जिहादी आतंक बताया गया है.