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रेप के बाद हत्या कर बक्से में रखी थी लाश, मामा-भांजे को सजा - haridwar crime news

उत्तराखंड में दो साल पहले बच्ची से रेप और हत्या मामले में कोर्ट ने एक मामा-भांजे को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने भांजे को फांसी की सजा जबकि मामा को 5 साल की सजा सुनाई. दोनों पर जुर्माना भी लगाया है. पढ़ें पूरी खबर.

Haridwar POCSO Court sentenced death
बच्ची से रेप और हत्या के मामले में मामा-भांजा दोषी करार
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Published : Mar 26, 2022, 10:56 PM IST

हरिद्वार : करीब सवा दो साल पहले ग्यारह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. विशेष न्यायाधीश पोक्सो अदालत की एडीजे ने लंबी सुनवाई के बाद आखिरकार मुख्य आरोपी को अपराधी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही 1.30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं अपराध में सहयोग देने का दोषी पाते हुए मामा को 5 साल की सजा सुनाई है. उस पर एक लाख का जुर्माने भी लगाया है. घटना के बाद से ही दोनों रोशनाबाद जेल में बंद हैं.

बता दें 20 दिसंबर 2020 को कोतवाली हरिद्वार क्षेत्र के ऋषिकुल कॉलोनी में ग्यारह साल की लड़की का शव एक बक्से में कपड़ों के बीच बरामद हुआ था. मामले में पुलिस ने मकान मालिक राजीव और उसके भांजे राम (मुख्य आरोपी) तीरथ को गिरफ्तार किया था. बच्ची के पोस्टमार्टम में पुष्टि हुई थी की उसके साथ दुष्कर्म किया गया था और उसका गला घोटकर मौत के घाट उतारा गया था.

यह मामला विशेष न्यायाधीश पोक्सो अंजली नौडियाल के यहां चल रहा था. मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायाधीश ने इस मामले की तेजी से सुनवाई करते हुए शनिवार को मुख्य आरोपी राम तीरथ को जहां फांसी की सजा सुनाई. वहीं, आरोपी मामा को दोषी मानते हुए पांच साल की सजा के साथ एक लाख के जुर्माने की सजा सुनाई. शासकीय अधिवक्ता आदेश चौहान ने बताया 20 दिसंबर 2022 को दोपहर बालिका अपने घर की छत पर पतंग उड़ा रही थी. तभी आरोपित राम तीरथ यादव मूल निवासी सुल्तानपुर, यूपी ने उसे पतंग देने के बहाने से बुलाया. बालिका मां से पतंग लेने जाने की बात कह कर घर से निकली. उसके बाद नहीं लौटी. परिवार वालों ने उसे आसपास तलाश किया. ना मिलने पर पुलिस को सूचना दी.

21 गवाहों के बयान दर्ज हुए : पुलिस ने राजीव के मकान की छत की तलाशी ली तो बालिका का शव कपड़े से ढका पड़ा मिला. दुष्कर्म करने के बाद उसकी रस्सी से गला घोट कर हत्या की गई थी. पुलिस ने राम तीरथ यादव, राजीव कुमार और गंभीर चंद उर्फ गौरव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. मासूम की हत्या के बाद सामाजिक संगठनों ने परिजनों के साथ मिलकर कई दिन तक सड़कों पर प्रदर्शन किए थे. मामले में 21 गवाह पेश किए गए. न्यायालय ने आरोपित राम तीरथ यादव और राजीव कुमार को दोषी पाया. जबकि तीसरे आरोपित गंभीर चंद को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.

पढ़ें- नाबालिग से दुष्कर्म मामले में दोषी को फांसी की सजा, पीड़िता को 10 लाख का मुआवजा

हरिद्वार : करीब सवा दो साल पहले ग्यारह साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या के मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. विशेष न्यायाधीश पोक्सो अदालत की एडीजे ने लंबी सुनवाई के बाद आखिरकार मुख्य आरोपी को अपराधी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही 1.30 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. वहीं अपराध में सहयोग देने का दोषी पाते हुए मामा को 5 साल की सजा सुनाई है. उस पर एक लाख का जुर्माने भी लगाया है. घटना के बाद से ही दोनों रोशनाबाद जेल में बंद हैं.

बता दें 20 दिसंबर 2020 को कोतवाली हरिद्वार क्षेत्र के ऋषिकुल कॉलोनी में ग्यारह साल की लड़की का शव एक बक्से में कपड़ों के बीच बरामद हुआ था. मामले में पुलिस ने मकान मालिक राजीव और उसके भांजे राम (मुख्य आरोपी) तीरथ को गिरफ्तार किया था. बच्ची के पोस्टमार्टम में पुष्टि हुई थी की उसके साथ दुष्कर्म किया गया था और उसका गला घोटकर मौत के घाट उतारा गया था.

यह मामला विशेष न्यायाधीश पोक्सो अंजली नौडियाल के यहां चल रहा था. मामले की गंभीरता को देखते हुए न्यायाधीश ने इस मामले की तेजी से सुनवाई करते हुए शनिवार को मुख्य आरोपी राम तीरथ को जहां फांसी की सजा सुनाई. वहीं, आरोपी मामा को दोषी मानते हुए पांच साल की सजा के साथ एक लाख के जुर्माने की सजा सुनाई. शासकीय अधिवक्ता आदेश चौहान ने बताया 20 दिसंबर 2022 को दोपहर बालिका अपने घर की छत पर पतंग उड़ा रही थी. तभी आरोपित राम तीरथ यादव मूल निवासी सुल्तानपुर, यूपी ने उसे पतंग देने के बहाने से बुलाया. बालिका मां से पतंग लेने जाने की बात कह कर घर से निकली. उसके बाद नहीं लौटी. परिवार वालों ने उसे आसपास तलाश किया. ना मिलने पर पुलिस को सूचना दी.

21 गवाहों के बयान दर्ज हुए : पुलिस ने राजीव के मकान की छत की तलाशी ली तो बालिका का शव कपड़े से ढका पड़ा मिला. दुष्कर्म करने के बाद उसकी रस्सी से गला घोट कर हत्या की गई थी. पुलिस ने राम तीरथ यादव, राजीव कुमार और गंभीर चंद उर्फ गौरव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. मासूम की हत्या के बाद सामाजिक संगठनों ने परिजनों के साथ मिलकर कई दिन तक सड़कों पर प्रदर्शन किए थे. मामले में 21 गवाह पेश किए गए. न्यायालय ने आरोपित राम तीरथ यादव और राजीव कुमार को दोषी पाया. जबकि तीसरे आरोपित गंभीर चंद को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है.

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