लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी कार्यालय पर स्वामी प्रसाद मौर्य समेत बीजेपी के बागी विधायकों ने सपा का दामन थामा. इस दौरान हजारों की संख्या में कार्यकर्ता समाजवादी पार्टी कार्यालय पहुंचे (covid protocol crowd gathers at Lucknow Samajwadi party office) . इस दौरान न केवल कोविड प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ीं, बल्कि चुनाव आयोग की पाबंदी का भी उल्लंघन हुआ. सुबह से ही सैकड़ों कार्यकर्ता गेट के बाहर खड़े हो गए थे. हजारों की तादाद में कार्यकर्ता सपा कार्य़ालय के अंदर थे. जैसे ही गेट खुला भीड़ कार्यालय के अंदर पहुंच गई.
लखनऊ के जिलाधिकारी ने कहा कि सपा ने इस कार्यक्रम के लिए अनुमति नहीं ली थी. उन्होंने कहा कि जांच के आदेश दिए गए (DM orders enquiry) हैं. लखनऊ के पुलिस कमिश्नर ने कहा कि जहां भी भीड़ एकत्रित हो रही है, पुलिस वहां पर जाती है और कोविड प्रोटोकॉल को पूरी तरह सुनिश्चित करती है.
चुनाव आयोग के निर्देश पर 2500 कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर
चुनाव आयोग के निर्देश पर संबंधित धाराओं में सपा के 2500 अज्ञात कार्यकर्ताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. लखनऊ के पुलिस आयुक्त डी के ठाकुर ने बताया कि सपा कार्यालय में कोविड उल्लंघन के मामले में गौतमपल्ली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है. गौतमपल्ली थाने के उप निरीक्षक अजय कुमार सिंह की तहरीर पर करीब 2500 सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (निर्देशों का उल्लंघन), 269 (रोग का संक्रमण फैलाना) 270 (संक्रमण फैलाकर दूसरों की जान जोखिम में डालना) और 341 (किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकना) के अलावा आपदा प्रबंधन अधिनियम और महामारी अधिनियम के तहत पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है.
उपनिरीक्षक ने तहरीर में आरोप लगाया है कि शुक्रवार को दो से ढाई हजार सपा कार्यकर्ताओं ने सपा मुख्यालय के आसपास विक्रमादित्य मार्ग पर बेतरतीब वाहनों को खड़ा कर मार्ग अवरुद्ध किया और सपा कार्यालय में अवैध ढंग से जमावड़ा (भीड़ जुटान) लगाया. तहरीर में यह भी कहा गया है कि कार्यकर्ताओं को लाउडस्पीकर से भीड़ खत्म करने और लोगों से वाहनों को हटाने के लिए समझाया बुझाया गया लेकिन उन पर इसका कोई असर नहीं हुआ. उन्होंने चुनाव आचार संहिता और कोविड के नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है.
गौरतलब है कि शुक्रवार को स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी, विधायक भगवती सागर, विनय शाक्य, रोशन लाल वर्मा, डॉ. मुकेश वर्मा, बृजेश प्रजापति, चौधरी अमर सिंह, पूर्व मंत्री रामहेत भारती, पूर्व विधायक नीरज मौर्य, पूर्व एमएलसी हरपाल सैनी, बलराम सैनी, पूर्व विधायक अयोध्या प्रसाद पाल सहित कई नेता समाजवादी पार्टी में शामिल हुए.
ये हैं चुनाव आयोग के निर्देश
- 15 जनवरी तक लोगों की बड़ी संख्या में शारीरिक रूप से मौजूदगी वाली कोई जनसभा (फिजिकल रैली), पदयात्रा, साइकिल रैली, बाइक रैली रोडशो की अनुमति नहीं होगी.
- राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को सलाह दी गई है कि वे अपने चुनाव प्रचार को जितना संभव हो सके, डिजिटल मोड में चलाएं ताकि ज्यादा भीड़ न जुट सके.
- कोविड नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ महामारी एक्ट, NDMA और IPC की धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी.
- सार्वजनिक संपर्क के दौरान निर्देशों का पालन न करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 से 60 के प्रावधानों के अनुसार भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 188 को लागू करने के अलावा कार्रवाई भी की जाएगी.
- आयोग ने स्पष्ट कहा था कि कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले सभी उम्मीदवारों/स्टार प्रचारकों/राजनीतिक नेताओं की सार्वजनिक सभाओं, रैलियों आदि पर प्रतिबंध लगाने में संकोच नहीं किया जाएगा.
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