खूंटी: सोहन चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन में अहम भूमिका निभा रहे हैं. ये बेटे हैं उस ट्रक ड्राइवर के, जिन्हें हर महीने मात्र तीन हजार रुपए की सैलरी मिलती थी. लेकिन इतनी कम सैलरी में भी वह अपने बेटे की पढ़ाई लिखाई पर 2500 रुपए खर्च कर देते थे. हर माता पिता के जैसे ही उनकी भी इच्छा थी कि उनका बेटा एक दिन उनका नाम रोशन करेगा. बेटा भी अपनी मां से कहा करता था कि एक दिन पूरी दुनिया आपको मेरे काम से पहचानेगी. बेटे ने आखिर अपनी इस बात को सच कर दिखाया. आज पूरी दुनिया उनके काम से उनके माता-पिता को जानने लगी है. ये कहानी झारखंड के खूंटी जिले के एरेन्डा के रहने वाले सोहन यादव की है. आज उनके परिवार के साथ ही पूरे देश को उनपर गर्व है.
सोहन यादव साइंटिस्ट हैं और भारत की सबसे महत्वाकांक्षी चंद्रयान मिशन के टीम के सदस्य भी हैं. बुधवार को जब चंद्रयान चांद पर लैंडिंग करने वाला है. तो पूरे देश के साथ ही सोहन यादव के परिजन भी इसकी प्रतीक्षा में हैं. अतिनक्सल प्रभावित जिले के तपकरा में उनके निवास स्थान पर उनके मम्मी-पापा, भैया और भाभी चंद्रयान-3 के सॉफ्ट लैंडिंग का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
सोहन की मां ने रखा है व्रत: साइंटिस्ट सोहन यादव की मां देवकी देवी आज उपवास पर हैं. चंद्रयान-3 जैसे ही 14 जुलाई को इसरो से मिशन पर भेजा गया. उसी समय से सोहन की मां लगातार वृंदावन, आमरेश्वर धाम, वैष्णो देवी समेत कई तीर्थ स्थलों में मन्नतें मांगने पहुंची. वहां उन्होंने इस मिशन के पूरा होने की प्रार्थना की. बुधवार को जब चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग होने वाली है, तो इस दिन भी उन्होंने उपवास के साथ ही रामचरितमानस का पाठ किया.
पड़ोसी भी कर रहे बसब्री से इंतजार: लंबे इंतजार के बाद चन्द्रयान-3 मिशन के पूरा होने का आखिरी पल आ पहुंचा है. इस पल को टीवी के माध्यम से अपनी नजरों से देखने के लिए परिजन और तपकरा वासी भी बेताब हैं. पड़ोसी भी अपनी दुकान पर बैठकर मोबाइल में चंद्रयान-3 के लैंडिंग की खबरें देखने में मशगूल हैं. साइंटिस्ट सोहन यादव के पड़ोसियों ने बताया कि वे भी उस पल का इंतजार कर रहे हैं, जब चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक अपनी मिशन पूरी करेगा और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर भारत का राष्ट्रीय झंडा तिरंगा लहराएगा. साइंटिस्ट सोहन यादव फिलहाल इसरो में अपनी मिशन पर डटे हुए हैं, लेकिन उनके परिजन और उनके घर के लोग मिशन की सफलता को लेकर अति उत्साहित हैं, सभी उम्मीद, उत्साह और गर्व के पल को मिस नहीं करना चाहते.