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ज्यादा ठंड के चलते हुई अमेरिका-कनाडा में भारतीय परिवार की मौत: एमईए

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Published : Jan 29, 2022, 7:00 AM IST

Updated : Jan 29, 2022, 9:28 AM IST

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कनाडा और अमेरिका में हमारे मिशन इस त्रासदपूर्ण घटना पर नियमित रूप से नजर रखे हुए हैं जिसमें चार लोगों मौत हुई थी और 19 जनवरी को कनाडा के मनीटोवा के पास कनाडा-अमेरिका सीमा के पास इनका शव मिला था.

कनाडा में भारतीय परिवार की मौत
कनाडा में भारतीय परिवार की मौत

नयी दिल्ली: कनाडा-अमेरिका सीमा के पास गुजरात के एक परिवार के चार सदस्यों की मौत के बाद विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कनाडा के अधिकारियों से मिली सूचनाओं पर कहा कि उनकी मौत की वजह खुले स्थान के सम्पर्क में आना है.

मनीटोबा रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने पिछले बृहस्पतिवार को कहा था कि चार लोगों के शव अमेरिका-कनाडा सीमा पर कनाडा की ओर बुधवार को मिले थे जिसमें दो वयस्क, एक किशोर और एक शिशु शामिल है. इनकी पहचान जगदीश बलदेवभाई पटेल (39 वर्ष), वैशालीबेन जगदीशकुमार पटेल (37 वर्ष), विहंगी जगदीशकुमार पटेल (11 वर्ष) और धार्मिक जगदीशकुमार पटेल (3 वर्ष) के रूप में हुई है.

विदेश मंत्रालय बनाए हुए है नजर

इस घटना के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कनाडा और अमेरिका में हमारे मिशन इस त्रासदपूर्ण घटना पर नियमित रूप से नजर रखे हुए हैं जिसमें चार लोगों मौत हुई थी और 19 जनवरी को कनाडा के मनीटोवा के पास कनाडा-अमेरिका सीमा के पास इनका शव मिला था. उन्होंने कहा कि कनाडा के अधिकारियों ने सूचित किया कि इन चारों की पहचान भारतीय नागरिक के रूप में हुई है और वे एक ही परिवार के हैं और इनके परिजनों को अब सूचित किया गया है.

पीड़ित परिजनों को उपलब्ध कराई जा रही मदद

बागची ने बताया कि कनाडा के अधिकारियों ने सूचित किया कि परिस्थितियों के आधार पर उनकी मौत की वजह खुले स्थान के सम्पर्क में आना निकला है. प्रवक्ता ने कहा, ओटावा में हमारा उच्चायोग एवं टोरंटो में हमारा वाणिज्य महादूतावास जांच के हर पक्ष को लेकर कनाडा के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करना है तथा मृतकों के परिवार को दूतावास मदद उपलब्ध करायी जा रही है.

कनाडा में भारतीय परिवार की मौत
कनाडा में भारतीय परिवार की मौत

वीजा को लेकर हो रही माथापच्ची

बता दें, कनाडा-अमेरिका बॉर्डर पर -35 से ज्यादा डिग्री में ठंड की वजह से मौत के मामले में कनाडा सरकार के जरिए चार लोगों के शव को बरामद किए गए थे. जिन्हें अब कनाडा सरकार द्वारा पहचान कर ली गई है. जिनकी पहचान गुजरात के गांधीनगर जिले के दिंगुचा गांव में रहने वाले लोगों के तौर पर हुई है. ये लोग 12 जनवरी को कनाडा के लिए निकले थे. इन लोगों की मौत के बाद गुजरात पुलिस के जरिए ये जांच की जा रही है कि वो एजेंट कौन था? किसने उन सभी लोगों के कनाडा के वीजा करवाए थे और क्या वो वीजा असली था या नकली इस पर भी जांच हो रही है. कनाडा की मैनटोबा रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस मरने वालों में 39 साल के जगदीश पटेल, उनकी पत्नी वैशाली बेन (37) और उनकी बेटी विहांगी पटेल (11) साल जबकि बेटा धार्मिक पटेल (3) शामिल हैं.

गांव में पसरा सन्नाटा

जानकारी के मुताबिक जैसे ही परिवार को मौत की खबर आयी, वैसे ही पूरे गांव में मातम छा गया. दरअसल, परिवार वालों के मुताबिक जगदीश कुमार पटेल अपने पूरे परिवार के साथ 12 जनवरी को कनाडा के लिए निकले थे. ऐसे में लोगों को सिर्फ यही पता था कि वो कनाडा जा रहे हैं, लेकिन इस तरह से उनके साथ कोई हादसा हुआ है ये जानकारी उनके पास नहीं थी. बताया जा रहा है कि जगदीश पटेल अपने बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए गांधीनगर के कलोल में रहने लगे थे, जहां वो अपनी इलेक्ट्रिक शॉप चलाते थे. वहीं, पुलिस अब इस मामले में ये भी जांच कर रही है कि जो वीजा और जो पासपोर्ट थे क्या वो असली थे या नकली थे? सूत्रों के मुताबिक जगदीश पटेल और उनके परिवार के सदस्यों को अमेरिका तक पहुंचाने के लिए एजेंट के जरिए डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा वसूल किए गए थे. हालांकि अब पुलिस इस पूरे मामले में छानबीन कर रही है.

नयी दिल्ली: कनाडा-अमेरिका सीमा के पास गुजरात के एक परिवार के चार सदस्यों की मौत के बाद विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कनाडा के अधिकारियों से मिली सूचनाओं पर कहा कि उनकी मौत की वजह खुले स्थान के सम्पर्क में आना है.

मनीटोबा रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस ने पिछले बृहस्पतिवार को कहा था कि चार लोगों के शव अमेरिका-कनाडा सीमा पर कनाडा की ओर बुधवार को मिले थे जिसमें दो वयस्क, एक किशोर और एक शिशु शामिल है. इनकी पहचान जगदीश बलदेवभाई पटेल (39 वर्ष), वैशालीबेन जगदीशकुमार पटेल (37 वर्ष), विहंगी जगदीशकुमार पटेल (11 वर्ष) और धार्मिक जगदीशकुमार पटेल (3 वर्ष) के रूप में हुई है.

विदेश मंत्रालय बनाए हुए है नजर

इस घटना के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि कनाडा और अमेरिका में हमारे मिशन इस त्रासदपूर्ण घटना पर नियमित रूप से नजर रखे हुए हैं जिसमें चार लोगों मौत हुई थी और 19 जनवरी को कनाडा के मनीटोवा के पास कनाडा-अमेरिका सीमा के पास इनका शव मिला था. उन्होंने कहा कि कनाडा के अधिकारियों ने सूचित किया कि इन चारों की पहचान भारतीय नागरिक के रूप में हुई है और वे एक ही परिवार के हैं और इनके परिजनों को अब सूचित किया गया है.

पीड़ित परिजनों को उपलब्ध कराई जा रही मदद

बागची ने बताया कि कनाडा के अधिकारियों ने सूचित किया कि परिस्थितियों के आधार पर उनकी मौत की वजह खुले स्थान के सम्पर्क में आना निकला है. प्रवक्ता ने कहा, ओटावा में हमारा उच्चायोग एवं टोरंटो में हमारा वाणिज्य महादूतावास जांच के हर पक्ष को लेकर कनाडा के अधिकारियों के साथ मिलकर काम करना है तथा मृतकों के परिवार को दूतावास मदद उपलब्ध करायी जा रही है.

कनाडा में भारतीय परिवार की मौत
कनाडा में भारतीय परिवार की मौत

वीजा को लेकर हो रही माथापच्ची

बता दें, कनाडा-अमेरिका बॉर्डर पर -35 से ज्यादा डिग्री में ठंड की वजह से मौत के मामले में कनाडा सरकार के जरिए चार लोगों के शव को बरामद किए गए थे. जिन्हें अब कनाडा सरकार द्वारा पहचान कर ली गई है. जिनकी पहचान गुजरात के गांधीनगर जिले के दिंगुचा गांव में रहने वाले लोगों के तौर पर हुई है. ये लोग 12 जनवरी को कनाडा के लिए निकले थे. इन लोगों की मौत के बाद गुजरात पुलिस के जरिए ये जांच की जा रही है कि वो एजेंट कौन था? किसने उन सभी लोगों के कनाडा के वीजा करवाए थे और क्या वो वीजा असली था या नकली इस पर भी जांच हो रही है. कनाडा की मैनटोबा रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस मरने वालों में 39 साल के जगदीश पटेल, उनकी पत्नी वैशाली बेन (37) और उनकी बेटी विहांगी पटेल (11) साल जबकि बेटा धार्मिक पटेल (3) शामिल हैं.

गांव में पसरा सन्नाटा

जानकारी के मुताबिक जैसे ही परिवार को मौत की खबर आयी, वैसे ही पूरे गांव में मातम छा गया. दरअसल, परिवार वालों के मुताबिक जगदीश कुमार पटेल अपने पूरे परिवार के साथ 12 जनवरी को कनाडा के लिए निकले थे. ऐसे में लोगों को सिर्फ यही पता था कि वो कनाडा जा रहे हैं, लेकिन इस तरह से उनके साथ कोई हादसा हुआ है ये जानकारी उनके पास नहीं थी. बताया जा रहा है कि जगदीश पटेल अपने बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए गांधीनगर के कलोल में रहने लगे थे, जहां वो अपनी इलेक्ट्रिक शॉप चलाते थे. वहीं, पुलिस अब इस मामले में ये भी जांच कर रही है कि जो वीजा और जो पासपोर्ट थे क्या वो असली थे या नकली थे? सूत्रों के मुताबिक जगदीश पटेल और उनके परिवार के सदस्यों को अमेरिका तक पहुंचाने के लिए एजेंट के जरिए डेढ़ करोड़ से भी ज्यादा वसूल किए गए थे. हालांकि अब पुलिस इस पूरे मामले में छानबीन कर रही है.

Last Updated : Jan 29, 2022, 9:28 AM IST
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