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बिहार के पूर्व बाहुबली विधायक राजन तिवारी गिरफ्तार, गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई

बाहुबली पूर्व विधायक राजन तिवारी को बिहार के रक्सौल से गिरफ्तार किया गया है. बिहार और यूपी पुलिस की संयुक्त कार्रवाई से उसकी गिरफ्तारी हुई है. कार्रवाई की पुष्टि रक्सौल डीएसपी ने भी की है.

राजन तिवारी गिरफ्तार
राजन तिवारी गिरफ्तार
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Published : Aug 18, 2022, 1:00 PM IST

Updated : Aug 18, 2022, 1:21 PM IST

रक्सौल: बाहुबली पूर्व विधायक राजन तिवारी (Ex Mla rajan tiwari) को बिहार के रक्सौल में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मोतिहारी पुलिस के सहयोग से उत्तरप्रदेश पुलिस ने राजन तिवारी को हरैया ओपी क्षेत्र से अरेस्ट किया है. रक्सौल डीएसपी चंद्रप्रकाश ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है. बता दें कि गैंगस्टर के एक मुकदमे में पेशी पर न आने पर राजन तिवारी की गिरफ्तारी के लिए उत्तर प्रदेश जिला (Gorakhpur Crime News) के गोरखपुर एसएसपी ने सीओ कैंट श्याम देव के नेतृत्व में तीन टीम गठित की थी. यह मामला 17 साल पुराना बताया जाता है.

ये भी पढ़ें- बिहार के पूर्व बाहुबली विधायक राजन तिवारी हाजिर लखनऊ की कोर्ट में हुआ हाजिर, जानिए मामला

क्या था पूरा मामला : 15 मई 1998 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला के कैंट पुलिस ने शिव प्रकाश उर्फ श्रीप्रकाश शुक्ला, अनुज सिंह, राजन उर्फ राजेन्द्र तिवारी और आनंद पाण्डेय सहित चार लोगों पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की थी. इसमें श्रीप्रकाश शुक्ला को गैंग लीडर तो अन्य को सक्रिय सदस्य बनाया गया था. इस मामले में राजन तिवारी के हाजिर न होने पर 14 दिसम्बर 2005 को कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया. तब से सौ से ज्यादा वारंट जारी हुए पर कैंट पुलिस के रिकार्ड में कभी पहुंचे ही नहीं.

यूपी माफिया लिस्ट में राजन तिवारी का नाम : बताया जाता है कि मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला के गगहा के सोहगौरा गांव निवासी राजन तिवारी ने एक दशक से अपना ठिकाना बिहार के पूर्वी चंपारण जिले (East Champaran Crime News ) का बना रखा है. सूत्रों की माने तो राजन तिवारी कुछ दिनों पहले गोरखपुर लौटे यहां प्रापर्टी डीलिंग का कारोबार शुरू किया. जब पुलिस को इसकी खबर लगी तो राजन तिवारी की सक्रियता को देखते हुए डीजीपी मुख्यालय ने उत्तर प्रदेश के 61 माफिया की सूची में उसका नाम शामिल कर लिया.

बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश के टॉप 61 माफियाओं की सूची में बाहुबली राजन तिवारी का नाम शामिल होने के बाद मुकदमों की पड़ताल शुरू हुई थी. सूत्रों की माने तो गोरखपुर जिला के कैंट थाने में यह केस दर्ज हुआ था, वहां से फाइल भी गायब हो गई थी. लेकिन जब अफसरों ने इस संबंध में जवाब मांगा तो उनके पास कोई जवाब नहीं था. बताया जाता है कि कैंट थाना पुलिस ने अपने यहां दर्ज सभी मुकदमों में राजन तिवारी को क्लीनचिट देती रही. जब पूरा मामला सामने आया तो अफसरों ने सख्ती की और तब राजन तिवारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया और तब से पुलिस ने राजन की तलाश शुरू की थी.

रक्सौल: बाहुबली पूर्व विधायक राजन तिवारी (Ex Mla rajan tiwari) को बिहार के रक्सौल में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मोतिहारी पुलिस के सहयोग से उत्तरप्रदेश पुलिस ने राजन तिवारी को हरैया ओपी क्षेत्र से अरेस्ट किया है. रक्सौल डीएसपी चंद्रप्रकाश ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है. बता दें कि गैंगस्टर के एक मुकदमे में पेशी पर न आने पर राजन तिवारी की गिरफ्तारी के लिए उत्तर प्रदेश जिला (Gorakhpur Crime News) के गोरखपुर एसएसपी ने सीओ कैंट श्याम देव के नेतृत्व में तीन टीम गठित की थी. यह मामला 17 साल पुराना बताया जाता है.

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क्या था पूरा मामला : 15 मई 1998 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला के कैंट पुलिस ने शिव प्रकाश उर्फ श्रीप्रकाश शुक्ला, अनुज सिंह, राजन उर्फ राजेन्द्र तिवारी और आनंद पाण्डेय सहित चार लोगों पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की थी. इसमें श्रीप्रकाश शुक्ला को गैंग लीडर तो अन्य को सक्रिय सदस्य बनाया गया था. इस मामले में राजन तिवारी के हाजिर न होने पर 14 दिसम्बर 2005 को कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया. तब से सौ से ज्यादा वारंट जारी हुए पर कैंट पुलिस के रिकार्ड में कभी पहुंचे ही नहीं.

यूपी माफिया लिस्ट में राजन तिवारी का नाम : बताया जाता है कि मूल रूप से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिला के गगहा के सोहगौरा गांव निवासी राजन तिवारी ने एक दशक से अपना ठिकाना बिहार के पूर्वी चंपारण जिले (East Champaran Crime News ) का बना रखा है. सूत्रों की माने तो राजन तिवारी कुछ दिनों पहले गोरखपुर लौटे यहां प्रापर्टी डीलिंग का कारोबार शुरू किया. जब पुलिस को इसकी खबर लगी तो राजन तिवारी की सक्रियता को देखते हुए डीजीपी मुख्यालय ने उत्तर प्रदेश के 61 माफिया की सूची में उसका नाम शामिल कर लिया.

बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश के टॉप 61 माफियाओं की सूची में बाहुबली राजन तिवारी का नाम शामिल होने के बाद मुकदमों की पड़ताल शुरू हुई थी. सूत्रों की माने तो गोरखपुर जिला के कैंट थाने में यह केस दर्ज हुआ था, वहां से फाइल भी गायब हो गई थी. लेकिन जब अफसरों ने इस संबंध में जवाब मांगा तो उनके पास कोई जवाब नहीं था. बताया जाता है कि कैंट थाना पुलिस ने अपने यहां दर्ज सभी मुकदमों में राजन तिवारी को क्लीनचिट देती रही. जब पूरा मामला सामने आया तो अफसरों ने सख्ती की और तब राजन तिवारी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया और तब से पुलिस ने राजन की तलाश शुरू की थी.

Last Updated : Aug 18, 2022, 1:21 PM IST
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