नई दिल्ली : लोक जनशक्ति पार्टी में चाचा पशुपति पारस बनाम भतीजे चिराग पासवान के बीच चल रही नेतृत्व की जंग के बीच चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है. शनिवार को केंद्रीय चुनाव आयोग ने लोक जनशक्ति पार्टी के चुनाव चिह्न को फ्रीज करने का फैसला लिया है. अब इस कार्रवाई के बाद पशुपति कुमार पारस और चिराग दोनों ही इस चिह्न का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं.
आयोग ने यह भी कहा कि दोनों धड़े आगामी दिनों में दो विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के लिए उपलब्ध चिह्नों का उपयोग कर सकते हैं.
आदेश में कहा गया है कि दोनों समूहों को ऐसे नामों से जाना जाएगा, जो वे अपने संबंधित समूहों के लिए चुन सकते हैं, जिसमें वे चाहें तो अपनी मूल पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के साथ संबंध भी शामिल कर सकते हैं.
लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व सुप्रीमो रामविलास पासवान के निधन के बाद पार्टी दो फाड़ हो गई है. रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस पार्टी के सांसदों के समर्थन से अध्यक्ष पद पर दावा किया था. जबकि रामविलास पासवान के बेटे और पार्टी के सांसद चिराग पासवान खुद को पार्टी का अध्यक्ष बता रहे हैं. चाचा-भतीजे के बीच हुआ ये विवाद मीडिया की सुर्खियां बना था. चाचा भतीजे की जंग में पार्टी दो फाड़ हो गई, जिसके बाद पशुपति पारस को केंद्र की मोदी सरकार में मंत्रीपद भी मिला था.
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इसके बाद बीते दिनों चिराग पासवान ने चुनावआयोग को चिट्ठी लिखकर पार्टी के चुनाव चिह्न 'बंगला' पर अपना दावा किया था. दरअसल बिहार में दो विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को उपचुनाव होना है. जिसे देखते हुए चिराग पासवान ने चुनाव आयोग को चिट्ठी लिखी थी और पार्टी के चुनाव चिह्न पर पशुपति पारस गुट के दावे को खारिज करने के लिए कहा था.