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पर्यावरण की कीमत पर विकास नहीं होना चाहिए : फारूक अब्दुल्ला

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण जरुरी है. राष्ट्र का विकास पर्यावरण की कीमत पर नहीं होना चाहिए.

फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला
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Published : Jun 5, 2021, 11:00 PM IST

श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि राष्ट्र का विकास पर्यावरण की कीमत पर नहीं होना चाहिए.

उन्होंने बडगाम में एक तेंदुआ द्वारा चार साल की बच्ची को मार डाले जाने की घटना पर शोक जताया और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

विश्व पर्यावरण दिवस पर अब्दुल्ला ने कहा कि जंगलों की कटाई, जल और वायु प्रदूषण के रूप में लापरवाह इंसानी गतिविधि और प्राकृतिक संसाधनों के अधिक से अधिक इस्तेमाल के कारण वैश्विक पर्यावरण में प्राकृतिक संतुलन प्रभावित हुआ है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, राष्ट्र का विकास पर्यावरण की कीमत पर नहीं होना चाहिए. मानव विकास के लक्ष्य पर्यावरणीय मूल्यों और संपोषणीयता के हिसाब से होने चाहिए.

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भी वैश्विक प्रवृत्ति से अछूता नहीं है. इस कारण से झील और झरना के पानी प्लास्टिक और अन्य प्रदूषक तत्वों के कारण प्रदूषित हो रहे हैं.

पढ़ें :- विश्व पर्यावरण दिवस: जानें इसका इतिहास और महत्व

अब्दुल्ला ने कहा, इंसानों के बेकाबू लालच के प्रभाव से कश्मीर में जीवन के सभी पहलू प्रभावित हुए हैं. हम सभी को अपने और आने वाली पीढ़ियों में पर्यावरणीय नैतिकता को विकसित करना होगा. चूंकि हम एक ऐसे स्थान पर रहते हैं जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, इसलिए हम सभी के लिए, विशेष रूप से युवाओं के लिए, अपने परिवेश को स्वच्छ रखना अधिक अनिवार्य हो जाता है.

अब्दुल्ला ने कहा कि लोग निजी तौर पर पर्यावरण के संरक्षण में योगदान दे सकते हैं.

श्रीनगर : नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि राष्ट्र का विकास पर्यावरण की कीमत पर नहीं होना चाहिए.

उन्होंने बडगाम में एक तेंदुआ द्वारा चार साल की बच्ची को मार डाले जाने की घटना पर शोक जताया और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

विश्व पर्यावरण दिवस पर अब्दुल्ला ने कहा कि जंगलों की कटाई, जल और वायु प्रदूषण के रूप में लापरवाह इंसानी गतिविधि और प्राकृतिक संसाधनों के अधिक से अधिक इस्तेमाल के कारण वैश्विक पर्यावरण में प्राकृतिक संतुलन प्रभावित हुआ है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, राष्ट्र का विकास पर्यावरण की कीमत पर नहीं होना चाहिए. मानव विकास के लक्ष्य पर्यावरणीय मूल्यों और संपोषणीयता के हिसाब से होने चाहिए.

उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर भी वैश्विक प्रवृत्ति से अछूता नहीं है. इस कारण से झील और झरना के पानी प्लास्टिक और अन्य प्रदूषक तत्वों के कारण प्रदूषित हो रहे हैं.

पढ़ें :- विश्व पर्यावरण दिवस: जानें इसका इतिहास और महत्व

अब्दुल्ला ने कहा, इंसानों के बेकाबू लालच के प्रभाव से कश्मीर में जीवन के सभी पहलू प्रभावित हुए हैं. हम सभी को अपने और आने वाली पीढ़ियों में पर्यावरणीय नैतिकता को विकसित करना होगा. चूंकि हम एक ऐसे स्थान पर रहते हैं जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, इसलिए हम सभी के लिए, विशेष रूप से युवाओं के लिए, अपने परिवेश को स्वच्छ रखना अधिक अनिवार्य हो जाता है.

अब्दुल्ला ने कहा कि लोग निजी तौर पर पर्यावरण के संरक्षण में योगदान दे सकते हैं.

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