नई दिल्ली : चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (poll strategist Prashant Kishor) को कांग्रेस में शामिल होने और उन्हें असाधारण दर्जा दिए जाने की अटकलों पर पार्टी में दो तरह विचार सामने आ रहे हैं. इस वजह से किशोर को शामिल करने का अंतिम फैसला पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) पर छोड़ दिया गया है.
हालांकि प्रशांत किशोर ने पार्टी में अपनी भूमिका तय करने के लिए पिछले कुछ महीनों में गांधी परिवार के साथ कई बैठकें की हैं. सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को उनके पार्टी में शामिल होने से कोई समस्या नहीं है क्योंकि उन्होंने उत्तर प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनावों में उनके साथ काम किया है. दूसरी तरफ पार्टी के कई वरिष्ठ नेता प्रशांत किशोर को पार्टी में अहम भूमिका दिए जाने के विचार के खिलाफ हैं. इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कुछ नेताओं से चर्चा की थी.
बताया जा रहा है कि इस सप्ताह की शुरुआत में सांगठनिक सुधार की मांग को लेकर सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले जी23 नेताओं ने जन्माष्टमी के अवसर पर कपिल सिब्बल के आवास पर मुलाकात की, जहां उनमें से अधिकांश ने प्रशांत किशोर को शामिल किए जाने को लेकर अपनी असहमति जताई थी. प्रशांत किशोर ने 2024 के आम चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी के पुनरुद्धार के लिए एक रणनीति तैयार की है, जिसमें रैलियां, विरोध प्रदर्शन, बैठकें और अन्य तरीके शामिल हैं.
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इस मामले पर कांग्रेस के कुछ नेताओं का मानना है कि वह पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं, वहीं अन्य का मानना है कि पार्टी को अपने नेताओं के साथ अधिक संवाद करने की जरूरत है. पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि 2017 में यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए, जिसमें कांग्रेस-समाजवादी पार्टी का गठबंधन बुरी तरह विफल रहा था, पार्टी के नेता किशोर को एक और मौका देने के लिए तैयार नहीं हैं.
हालांकि, चुनाव रणनीतिकार का पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में नवीनतम चुनावों में एक शानदार रिकॉर्ड है. साथ ही, अहमद पटेल के निधन के बाद सोनिया गांधी को कुछ ऐसे सलाहकारों की तलाश है जो पार्टी के पुनरुत्थान में मदद कर सकें.