नई दिल्ली: केंद्र सरकार जल्द ही अधिसूचित घुमंतू(notified nomadic castes) और अर्ध घुमंतू जनजातियों के सदस्यों को बेहतर गुणवत्ता की कोचिंग, स्वास्थ्य बीमा और मकान बनाने के लिए वित्तीय सहायता मुहैया कराने के लिए योजना की शुरूआत करने की तैयारी कर रही है. इस पहल की घोषणा सामाजिक न्याय मंत्री वीरेंद्र(Minister of Social Justice and Empowerment Virendra Kumar) कुमार बुधवार को करेंगे. मुफ्त कोचिंग पहल से उम्मीद की जा रही है कि समुदाय के सदस्य प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने में सक्षम होंगे और उनके लिए चिकित्सा, इंजीनियरिंग, कारोबार प्रशासन और अन्य क्षेत्रों में अवसर के द्वार भी खुलेंगे.
यह भी पढ़ें-संसद में केंद्र सरकार का दावा, बेरोजगारी दर में आई गिरावट
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, करीब 6250 विद्यार्थियों को अगले पांच साल में मुफ्त कोचिंग की सुविधा दी जाएगी. इसपर पांच साल में कुल 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. वहीं स्वास्थ्य पहल के तहत 4,44,500 परिवारों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना से अगले पांच साल में कवर किया जाएगा जिसपर 49 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. अधिसूचित जनजातियों के सदस्यों के लिए आवास की कमी पर विचार करते हुए सरकार ने पीएमएवाई (प्रधानमंत्री आवास योजना) के तहत अलग से ढांचा बनाने का प्रस्ताव किया है जिससे की इन समुदायों को घर मुहैया कराने के लिए सहायता की जा सके.
इस पहल के तहत पांच साल में अनुमान के मुताबिक 4,200 घरों का निर्माण किया जाएगा जिसपर करीब 50 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. सरकार ने राष्ट्रीय ग्रामीण जीविकोपार्जन मिशन (एनआरएलएम) के तहत इन समुदायों के लिए रोजगार पैदा करने के इरादे से करीब दो हजार संकुल बनाने की भी योजना बनाई है. उल्लेखनीय है कि अधिसूचित जनजाति, घुमंतू जनजाति, अर्ध घुमंतू जनजाति आर्थिक रूप से हाशिये पर रहले वाले और सबसे अधिक नजर अंदाज किए गए समुदायों में हैं और इनके अधिकतर सदस्य अभाव की जिंदगी जी रहे हैं. ये जंगलों और चारागाहों का इस्तेमाल अपने जीविकोपार्जन और निवास के लिए करते हैं.
(पीटीआई-भाषा)