नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले में मध्यस्थता पर फैसला सुरक्षित रखा है. इस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मध्यस्थता की मांग करने वाले मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन को आड़े हाथों लिया. स्वामी ने कहा कि धवन को कानून का ज्ञान नहीं है. उनमें जंग लग चुकी है.
अयोध्या मामले में मध्यस्थता की पैरवी करने वाले धवन पर स्वामी ने कहा कि उनकी बातों में कोई तर्क नहीं है. वहीं राम मंदिर मामले में स्वामी ने कहा कि इस मामले में मध्यस्थता का कोई मतलब नहीं है, यह एक निष्फल अभ्यास है.
स्वामी ने कहा कि आधी जमीन बांटने पर हम राजी नहीं होंगे अगर दूसरा पक्ष कहीं और मस्जिद बनाने के लिए तैयार हैं तो इसके बदले में उन्हें मुआवजा मिल सकता है. इस मध्यस्थता को हम मानेंगे. उन्होंने कहा कि अगर वे (सुन्नी वक्फ बोर्ड) टाइटल सूट जीत जाते हैं, तो भी उन्हें जमीन नहीं मिलेगी.
दरअसल, हिंदू महासभा मध्यस्थता के खिलाफ है. वहीं, निर्मोही अखाड़ा और मुस्लिम पक्ष मध्यस्थता के लिए राजी हैं. मुस्लिम पक्ष ने कोर्ट में कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ही तय करे कि बातचीत कैसे हो?
सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबड़े ने कहा है कि इस मामले में मध्यस्थता के लिए एक पैनल का गठन होना चाहिए.