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हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा मंजूर, तोमर को मिली जिम्मेदारी - Harsimrat Badals resignation accepted

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. साथ ही खाद्य संस्करण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को दे दिया है. विस्तार से पढ़ें पूरी खबर..

resignation accepted
इस्तीफा मंजूर
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Published : Sep 18, 2020, 7:23 AM IST

Updated : Sep 18, 2020, 2:59 PM IST

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय खाद्य संस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को अब खाद्य संस्करण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.

बता दें कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की नेता एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कृषि से जुड़े तीन विधेयकों के विरोध में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.

बादल ने कहा कि मेरे फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्यसभा सांसद और शिरोमणि अकाली दल के पूर्व नेता सुखदेव सिंह ढींडसा ने इसे पार्टी की नौटंकी करार दिया.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए ढींडसा ने कहा कि मैं लंबे समय से शिरोमणि अकाली दल से जुड़ा था और मैंने प्रकाश सिंह बादल के साथ भी काम किया है. अगर शिरोमणि अकाली दल वास्तव में किसानों को लेकर चिंतित था तो यह इस्तीफा तब क्यों नहीं आया, जब कैबिनेट में इसकी चर्चा की गई.

उन्होंने कहा कि यह फैसला पंजाब में किसान आंदोलन से खुद को बचाने के लिए शिरोमणि अकाली दल की नौटंकी है.

जब उनसे पूछा गया कि क्या इस निर्णय का 2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों पर कोई प्रभाव पड़ेगा. इस पर ढींडसा ने कहा कि इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. लोग शिरोमणि अकाली दल के बारे में जानते हैं.

बिल के विरोध में पंजाब कांग्रेस के विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया है.

ईटीवी से विशेष बातचीत करते हुए नागरा ने कहा कि मैंने फतेहगढ़ साहिब से विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया है. यह मेरा निजी फैसला है और मैं किसी भी तरह से इतिहास का हिस्सा नहीं बनना चाहता था.

हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे पर नागरा ने कहा कि जब कैबिनेट ने इन अध्यादेशों का मसौदा तैयार किया तो अकाली दल ने विरोध नहीं किया. अब जब बिल पास हो जाते हैं, तो कोई बात नहीं.

किसान की बेटी, बहन के तौर पर उनके साथ खड़ी हूं

उन्होंने लोकसभा में इन विधेयकों के पारित होने से महज कुछ ही घंटे पहले ट्वीट किया कि उन्होंने किसान विरोधी अध्यादेशों और विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है.

उन्होंने आगे बताया कि किसानों की बेटी और बहन के तौर पर उनके साथ खड़े होने पर गर्व है.

उनका इस्तीफा शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख एवं उनके पति सुखबीर सिंह बादल द्वारा लोकसभा में विधेयकों को लेकर किए गए कड़े विरोध के बाद आया.

बादल ने लोकसभा में विधेयकों का विरोध करते हुए कहा कि यह (विधेयक) पंजाब में कृषि क्षेत्र को तबाह कर देंगे.

साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि इसके विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल सरकार से इस्तीफा देंगी.

किसानों के हितों की पैरोकार शिअद

कौर ने कहा कि शिअद ऐसा कर किसानों के हितों की पैरोकार होने की अपनी वर्षों पुरानी परंपरा को बस जारी रख रही है.

अकाली दल, भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी

गौरतलब है कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि हैं. अकाली दल, भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी है.

यह घटना इन प्रस्तावित कानूनों के जरिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे कृषि सुधारों को लेकर शिअद और भाजपा के बीच संबंधों में आए तनाव को प्रदर्शित करती है.

पंजाब में बड़ी संख्या में किसान इन विधेयकों के खिलाफ हैं और इसने शिअद को दबाव में ला दिया, जिसका परिणाम सरकार से उसके एकमात्र प्रतिनिधि के इस्तीफे के रूप में देखने को मिला है.

पढ़ें :- कृषि विधेयकों के विरोध में हरसिमरत कौर ने दिया केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा

कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 पर चर्चा में भाग लेते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल किसानों की पार्टी है और वह कृषि संबंधी इन विधेयकों का विरोध करती है.

कौर ने कहा कि प्रस्तावित अधिनियम कृषि क्षेत्र का निर्माण करने के लिए पंजाब की विभिन्न सरकारों और किसानों की 50 वर्षों की कड़ी मेहनत को बर्बाद कर देंगे.

उन्होंने विधेयकों का पुरजोर विरोध करते हुए भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में पंजाब के व्यापक योगदान को याद किया.

नई दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्रीय खाद्य संस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफा मंजूर कर लिया है. इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को अब खाद्य संस्करण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.

बता दें कि शिरोमणि अकाली दल (शिअद) की नेता एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कृषि से जुड़े तीन विधेयकों के विरोध में गुरुवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था.

बादल ने कहा कि मेरे फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्यसभा सांसद और शिरोमणि अकाली दल के पूर्व नेता सुखदेव सिंह ढींडसा ने इसे पार्टी की नौटंकी करार दिया.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए ढींडसा ने कहा कि मैं लंबे समय से शिरोमणि अकाली दल से जुड़ा था और मैंने प्रकाश सिंह बादल के साथ भी काम किया है. अगर शिरोमणि अकाली दल वास्तव में किसानों को लेकर चिंतित था तो यह इस्तीफा तब क्यों नहीं आया, जब कैबिनेट में इसकी चर्चा की गई.

उन्होंने कहा कि यह फैसला पंजाब में किसान आंदोलन से खुद को बचाने के लिए शिरोमणि अकाली दल की नौटंकी है.

जब उनसे पूछा गया कि क्या इस निर्णय का 2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों पर कोई प्रभाव पड़ेगा. इस पर ढींडसा ने कहा कि इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. लोग शिरोमणि अकाली दल के बारे में जानते हैं.

बिल के विरोध में पंजाब कांग्रेस के विधायक कुलजीत सिंह नागरा ने विधायक के पद से इस्तीफा दे दिया है.

ईटीवी से विशेष बातचीत करते हुए नागरा ने कहा कि मैंने फतेहगढ़ साहिब से विधायक के रूप में इस्तीफा दे दिया है. यह मेरा निजी फैसला है और मैं किसी भी तरह से इतिहास का हिस्सा नहीं बनना चाहता था.

हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे पर नागरा ने कहा कि जब कैबिनेट ने इन अध्यादेशों का मसौदा तैयार किया तो अकाली दल ने विरोध नहीं किया. अब जब बिल पास हो जाते हैं, तो कोई बात नहीं.

किसान की बेटी, बहन के तौर पर उनके साथ खड़ी हूं

उन्होंने लोकसभा में इन विधेयकों के पारित होने से महज कुछ ही घंटे पहले ट्वीट किया कि उन्होंने किसान विरोधी अध्यादेशों और विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है.

उन्होंने आगे बताया कि किसानों की बेटी और बहन के तौर पर उनके साथ खड़े होने पर गर्व है.

उनका इस्तीफा शिरोमणि अकाली दल (शिअद) प्रमुख एवं उनके पति सुखबीर सिंह बादल द्वारा लोकसभा में विधेयकों को लेकर किए गए कड़े विरोध के बाद आया.

बादल ने लोकसभा में विधेयकों का विरोध करते हुए कहा कि यह (विधेयक) पंजाब में कृषि क्षेत्र को तबाह कर देंगे.

साथ ही उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि इसके विरोध में केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल सरकार से इस्तीफा देंगी.

किसानों के हितों की पैरोकार शिअद

कौर ने कहा कि शिअद ऐसा कर किसानों के हितों की पैरोकार होने की अपनी वर्षों पुरानी परंपरा को बस जारी रख रही है.

अकाली दल, भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी

गौरतलब है कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि हैं. अकाली दल, भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी है.

यह घटना इन प्रस्तावित कानूनों के जरिए केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे कृषि सुधारों को लेकर शिअद और भाजपा के बीच संबंधों में आए तनाव को प्रदर्शित करती है.

पंजाब में बड़ी संख्या में किसान इन विधेयकों के खिलाफ हैं और इसने शिअद को दबाव में ला दिया, जिसका परिणाम सरकार से उसके एकमात्र प्रतिनिधि के इस्तीफे के रूप में देखने को मिला है.

पढ़ें :- कृषि विधेयकों के विरोध में हरसिमरत कौर ने दिया केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा

कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 पर चर्चा में भाग लेते हुए सुखबीर बादल ने कहा कि शिरोमणि अकाली दल किसानों की पार्टी है और वह कृषि संबंधी इन विधेयकों का विरोध करती है.

कौर ने कहा कि प्रस्तावित अधिनियम कृषि क्षेत्र का निर्माण करने के लिए पंजाब की विभिन्न सरकारों और किसानों की 50 वर्षों की कड़ी मेहनत को बर्बाद कर देंगे.

उन्होंने विधेयकों का पुरजोर विरोध करते हुए भारत को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में पंजाब के व्यापक योगदान को याद किया.

Last Updated : Sep 18, 2020, 2:59 PM IST
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