नई दिल्ली : आखिरकार चीन ने मान लिया कि गलवान हिंसा में चीनी सैनिक मारे गए थे. अब तक चीन इस बात से इनकार करता आ रहा था. यह उसकी पहली स्वीकारोक्ति है. इससे पहले अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में यह आंकड़ा 40 से अधिक बताया जाता रहा है. भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे.
चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने एक ट्वीट कर लिखा कि गलवान में हुई झड़प में चीनी के भी सैनिक मारे गए थे. हालांकि, अखबार ने कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है.
अखबार ने दावा किया है कि हमारा कोई भी सैनिक बंदी नहीं बनाया गया था.
आपको बता दें कि ग्लोबल टाइम्स चीन की सरकार का मुखपत्र है. यह कम्युनिस्ट पार्टी का पब्लिकेशन है. इसमें बिना सरकार की अनुमति के कोई भी तथ्य प्रकाशित नहीं किया जाता है.
इस स्वीकारोक्ति से साफ हो गया है कि भारत के जवानों ने चीनी सैनिकों को काफी क्षति पहुंचाई थी.
15 जून को चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी, तब भारतीय जवानों ने उनका जबरदस्त प्रतिवाद किया था.
भारत ने कहा कि चीन को पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील क्षेत्र सहित टकराव वाले सभी इलाकों से सैनिकों को पूर्ण रूप से हटाने के लिये प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहिए. साथ ही, उसे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति को बदलने की एकतरफा कोशिशें नहीं करने को भी कहा.
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि दुनिया की कोई ताकत भारतीय सैनिकों को लद्दाख क्षेत्र में हमारी सीमा पर गश्त लगाने से नहीं रोक सकती है.
सिंह ने पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर राज्यसभा में दिए अपने बयान में कहा, 'चीन की गतिविधियों से पूरी तरह से स्पष्ट है कि उसकी 'कथनी और करनी' में अंतर है. क्योंकि जब बातचीत चल रही थी तब उसने यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया जिसे हमारे सैन्य बलों ने विफल कर दिया.'