बिहार के लाल सुनील कुमार को आखिरी सलाम
भारत चाइना बॉर्डर के गलवान घाटी में अपनी मातृभूमि की रक्षा करते बिहटा के लाल सुनील कुमार शहीद हो गए थे. शहीद जवान का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव तारानगर पहुंच गया. जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है.
मनेर के लिए निकली शव यात्रा
भारत माता की जय के नारों से पूरा बिहटा गूंज उठा. वहीं 400 मीटर के तिरंगे के साथ उनके स्वागत में गांव के युवा खड़े रहे. शहीद का पार्थिव शरीर परिजनों को सौंप दिया गया है. आर्मी के जवानों ने पहले उनके पैतृक गांव में गार्ड ऑफ ऑनर दिया. इसके बाद शव यात्रा मनेर के लिए निकली.
मच गई चीख पुकार
शहीद का पार्थिव शरीर मनेर के हल्दी छपरा पहुंचने के बाद घाट पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की जाएगी. जवान सुनील कुमार का पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही उनके परिवार में चीख-पुकार मच गई. साथ ही गांव के सभी लोगों की आंखें नम हो गई.
2003 में हुई थी शादी
जवान सुनील कुमार ने 2002 में बिहार रेजिमेंट से सेना ज्वाइन की थी. 2003 में उनकी शादी हुई थी. सुनील के दो बेटे और एक बेटी है. एक साल पहले उनकी लद्दाख में पोस्टिंग हुई थी इससे पहले वे दानापुर में तैनात थे.
पति को श्रद्धांजलि देते हुए किया सैल्यूट
सुनील कुमार के बड़े भाई अनिल कुमार 2009 में सेना से सेवानिवृत्त हुए थे. जवान का परिवार फिलहाल दानापुर में रहता है. घर से पार्थिव शरीर निकलने के दौरान शहीद की पत्नी विकी देवी ने भी अपने पति को श्रद्धांजलि देते हुए सैल्यूट किया. मौके पर जिला प्रशासन के साथ आर्मी के अधिकारी मौजूद रहे.